वाराणसी: कचहरी परिसर में जिला पंचायत कार्यालय के बाहर कुछ अधिवक्ताओं की चौकियां, कुर्सी तोड़ी गई. इससे नाराज अधिवक्ताओं का एक समूह सोमवार को आपे से बाहर हो गया. बनारस बार के पूर्व महामंत्री के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने परिसर में धरने पर बैठकर जमकर नारेबाजी की. विरोध प्रदर्शन करने वाले अधिवक्ता अपनी कुर्सी, चौकियां वापस करने और बैठने की जगह दिलाने की मांग कर रहे है.
सोमवार को कचहरी खुलने पर आए अधिवक्ताओं ने देखा कि जिला पंचायत के बाहर कुछ अधिवक्ताओं की चौकियां और कुर्सियां तोड़कर फेंकी गई हैं. यह देख अधिवक्ता नाराज हो गए. धरने पर बैठे अधिवक्ता विजय विकास श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल बार की ओर से इन चौकियों को रखे जाने पर आपत्ति की गई थी. जिसपर सेंट्रल बार ने यहां नोटिस चस्पा किया था लेकिन, एक दिन बाद हटा लिया था. उस नोटिस के बारे में हमे कोई जानकारी नहीं है.
चौकियों व कुर्सियों की हालत देखने के बाद अधिवक्ता इसकी शिकायत लेकर पदाधिकारियों के पास गए और प्रार्थना पत्र देने का प्रयास किया. लेकिन, पदाधिकारियों ने प्रार्थना पत्र नहीं लिया. प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने कहा कि हमारी मांग है कि जो चौकियां तोड़ी गई है, उनको वापस कर दिया जाए. इसके साथ हम लोगों को वकालत करने के लिए शुद्ध वातावरण दिया जाए. हम लोग मान सम्मान के साथ वकालत करना चाहते है. हम लोग न्याय दिलाने वाले है अगर अन्याय हमारे ही साथ होगा तो, हम दूसरे को और समाज को न्याय कहाँ से दिलाएंगे. इस मामले को लेकर हमने जिला जज को भी प्रार्थना पत्र दिया है.
दी बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि सुबह हमको जानकारी हुई कि यहां हमारे कुछ अधिवक्ता साथियों की चौकियों को बुरी तरह से डैमेज कर तोड़ दिया गया है. वाराणसी कचहरी बहुत कंजेस्टेड है. इसका परिणाम यह हुआ कि हमारा परिवार जब बढ़ने लगा, तो लोग अंदर सड़कों पर चौकियां लगाने लगे. अब यहां पर जो कुछ चौकियां तोड़ी गईं. हमारा यह मानना है कि किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ मे लेने का अधिकार नहीं है. यदि आप बार के पदाधिकारी है या बार के सदस्य है या वकील है. तो यदि कोई सदस्य गलत जगह चौकी रखा है, तो उनको प्रॉपर नोटिस दे. इसके साथ कई ऐसे तरीके है जिनको अमल में लाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है. इस तरह की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
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