वाराणसी: अगर आप भी अभिनय के गुण सीखना चाहते हैं और एक सफल अभिनेता बनने का सपना देखते हैं तो आपके लिए दिसंबर के आखिरी तक मौका है. जी हां! वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बी. ड्रामा के साथ एम. ड्रामा कोर्स की शुरुआत की गई है. बड़ी बात यह है कि यूपी का पहला ऐसा कॉलेज माना जाता है, जहां पर लोग आकर अभिनय सीखते हैं. इन कोर्सेज के लिए अभी भी सीटें खाली हैं. इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय में एप्लीकेशन के जरिए फॉर्म भर सकते हैं. बी. ड्रामा और एम. ड्रामा कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. विश्वविद्यालय में बनारस और पूर्वाचल के दिग्गज कलाकार भी अभिनय का गुण सीख रहे हैं.
बनारस में लगातार कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है. वह चाहे पर्यटन को लेकर हो या फिर विकास को लेकर. पिछले कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. इसी क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने भी कई अहम फैसले लिए हैं. सबसे बड़ा फैसला है ड्रामा के लिए डिग्री कोर्स शुरू किया जाना. उत्तर प्रदेश में किसी संस्थान में अब तक ड्रामा के लिए डिग्री के कोर्स नहीं चलाए जा रहे थे. पिछले साल विश्वविद्यालय ने बी. ड्रामा कोर्स की शुरुआत कर दी. इसके साथ ही इस साल एम. ड्रामा की भी शुरुआत कर दी गई. इसमें एडमिशन पाने के लिए दिसंबर के आखिरी तक मौका है.
काशी विद्यापीठ ने शुरू की पहल
ललित कला विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुनील विश्वकर्मा बताते हैं कि दिल्ली में एनएसडी नाम की एक संस्था चलती है. बनारस में भी उसका एक कार्यक्षेत्र खुला हुआ है. ये सब बच्चों को ड्रामा में डिप्लोमा देते हैं. यहां पर बहुत अच्छे कलाकारों द्वारा शिक्षा दी जाती है. इसका प्लान ये है कि जो बच्चे यहां पर पढ़ते हैं, उसका प्रमाण उनको मिल जाए, ऐसी डिग्री उनको मिल जाए इसके लिए काशी विद्यापीठ में यह प्रयास किया जा रहा है. पूरे उत्तर प्रदेश में डिग्री कोर्स हमारे पास नहीं है. काशी विद्यापीठ ने इसकी पहल करके यह कोर्स अपने विश्वविद्यालय में शामिल किया है. ललित कला विभाग के माध्यम से यह कोर्स संचालित हो रहा है.
हर क्षेत्र के कलाकार यहां ले रहे एडमिशन
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जो बच्चे ड्रामा में पहले से काम कर रहे हैं या जो भी कलाकार काम कर रहे हैं या जो एक्टिंग, डायरेक्शन और आर्ट डायरेक्शन में काम कर रहे हैं वे सभी लोग इसमें एडमिशन से रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बहुत ही बढ़िया यह क्षेत्र बनने वाला है. उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनने वाली है. इसका काम चल रहा है. यहां के बच्चे वहां पर जाकर एक अच्छा माहौल तैयार करेंगे. डिग्री भी बहुत जरूरी होती है. क्योंकि, पूरे देश में कहीं भी ड्रामा का कार्यक्रम होता है तो कलाकारों के साथ उनकी डिग्री भी देखी जाती है कि वे कहां से पढ़ाई किए हैं और उनके पास कौन सी डिग्री है.
दिसंबर के अंत तक कर सकते हैं आवेदन
प्रो. सुनील विश्वकर्मा बताते हैं कि विश्वविद्यालय में बी. ड्रामा और एम. ड्रामा कोर्स हमने ललित कला विभाग के माध्यम से शुरू किया है. इसका प्रचार-प्रसार पूरी तरह से हुआ है. एम. ड्रामा का कोर्स इस बार शुरू हुआ है, जबकि बी. ड्रामा पिछले साल से चल रहा है. इसका बच्चों में अभी प्रचार-प्रसार नहीं हुआ है, इसलिए अभी उनको विश्वविद्यालय की तरफ से छूट दी गई है कि ऐसे विद्यार्थी जो फॉर्म भी नहीं भरे हैं वे दिसंबर के अंत तक अगर चाहते हैं तो अपना आवेदन ललित कला विभाग में दे सकते हैं. इसके बाद वे एडमिशन ले सकते हैं. सीटें अभी भी मौजूद हैं.
बी. ड्रामा और एम. ड्रामा में हैं इतनी सीटें
विभागाध्यक्ष ललित कला विभाग प्रो. सुनील विश्वकर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय में 30 सीटें एम. ड्रामा में हैं और 30 सीटें बी. ड्रामा में हैं. इसके अलावा ड्रामा का डिप्लोमा कोर्स पहले से ही चलता आ रहा है. 15 बच्चे बी. ड्रामा में और 12 बच्चे एम. ड्रामा में हैं. उन्होंने बताया कि अभी छात्रों के लिए मौका है. वे छात्र जो इन दोनों ही कोर्सेज में एडमिशन पाना चाहते हैं वे अपनी एप्लीकेशन ललित कला विभाग में जमा करा दें. इसके बाद प्रक्रिया में शामिल होकर वे एडमिशन पा सकते हैं. प्रो. विश्वकर्मा ने बताया कि हमारे यहां दिग्गज कलाकार अभिनय के गुण सीख रहे हैं. इसके साथ ही वे डिग्री भी हासिल कर रहे हैं.
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