वाराणसी: कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूरों पर पड़ा है. इस महामारी की वजह से लोगों का काम भी छिन गया और उनके रहने के लिए जगह भी नहीं रही. इस वजह से मजदूर पैदल ही अपने गांव की तरफ निकल गए. कोरोना की मार झेल रहे कामगारों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कड़ी धूप के साथ हजारों किलोमीटर का सफर पैदल और अन्य सवारियों के माध्यम से करना पड़ा.
ऐसे में सड़कों पर चल रहे कई प्रवासी मजदूर हादसे का शिकार हो गए. लगातार ऐसी सूचनाएं मिलने के बाद अब कामगारों को राहत मिली है. नेशनल हाइवे-2 पर बाकायदा तंबू लगाकर पुलिसकर्मी और एनडीआरएफ की टीम आने वाली सभी प्रवासी मजदूरों और कामगारों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए भोजन पानी की व्यवस्था के बाद लगाए गए बसों के माध्यम से उनके गंतव्य तक रवाना कर रहे हैं.
क्षेत्राधिकारी सदर अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के शासन के निर्देश पर यह व्यवस्था की गई है. इसके तहत पैदल, ट्रक पर घर जा रहे श्रमिकों को बसों के माध्यम से उनके घर पहुंचाया जा रहा है.