वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा के रास्ते परिवहन व्यवस्था को बेहतर करके वाराणसी से इसे अलग-अलग जलमार्ग से कनेक्ट करने की प्लानिंग कर रहे हैं. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और वाराणसी जिला प्रशासन इसके लिए प्रयासरत है. इसे लेकर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय, कमिश्नर कौशल राज शर्मा और अन्य अधिकारियों ने बैठक की. रामनगर मल्टी मॉडल टर्मिनल को बेहतर तरीके से संचालित करने के साथ ही इसको हर मार्ग से जोड़ने पर चर्चा हुई. बैठक में कुल 29 हेक्टेयर जमीन में से 18 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने की धीमी रफ्तार पर नाराजगी भी जताई गई. इसमें तेजी लाने के निर्देश भी जारी किए गए.
प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक जमीन अधिग्रहण समेत जेटी, प्रशासनिक भवन व अन्य निर्माण पर 209 करोड़ रुपए खर्च होने हैं. बैठक में कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बची हुई 11 हेक्टेयर जमीन अब तक अधिग्रहित न किए जाने की वजह जानी. धनराशि के अभाव में अधिग्रहण अटके होने की जानकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष को दी गई. इस पर उन्होंने 90 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जाने की बात भी बताई. शेष भूमि के अधिग्रहण का कार्य भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार करने के लिए भी कहा गया.
इसके अलावा जमीन बेचने वालों को धनराशि का भुगतान अति शीघ्र करने पर जोर दिया गया. जिससे काम में तेजी लाई जा सके. जमीन अधिग्रहण के बाद इस जगह पर गोदाम प्लेटफार्म और रेलवे की कनेक्टिविटी की दिशा में काम किया जाएगा. बैठक में यह निर्देशित किया गया है कि सेवानिवृत्त लेखपाल एवं कानूनगो को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण में संविदा पर रखते हुए भूमि अधिग्रहण का कार्य संपन्न करवाया जाए.
वहीं रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल के विस्तार के साथ ही वाराणसी को चार नई जेटी की सौगात भी मिलने जा रही है. पर्यटन विभाग की मदद से आने वाले भविष्य में वाटर टैक्सी चलाए जाने की योजना पर कार्य करते हुए यह जेटी अलग-अलग घाटों पर स्थापित की जाएंगी. प्राधिकरण की तरफ से यह जेटी उपलब्ध करवाई जाएगी. माना जा रहा है कि दशाश्वमेध घाट, ललिता घाट यानी विश्वनाथ धाम, रविदास घाट समेत अन्य घाटों पर एनजीटी को लगाकर वाटर टैक्सी का संचालन किया जाएगा.
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