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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: प्रोग्राम के दौरान घरों में टीवी के सामने जलेंगे दीपक और अगरबत्ती - Ramlala Pran Pratishtha

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक बड़ा मौका है. इस कार्यक्रम के दौरान वह टीवी के सामने अगरबत्ती जलाएंगे.

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रोग्राम होगा यादगार
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रोग्राम होगा यादगार
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 9, 2024, 3:05 PM IST

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रोग्राम होगा यादगार

वाराणसी: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलाल स्थापना महोत्सव को लेकर तैयारियां जोर शोर से जा रही हैं. अयोध्या में कोने-कोने को सजाया जा रहा है और भव्य आयोजन को लेकर लंबे चौड़े बजट के साथ तैयारी को आगे बढ़ने का काम किया जा रहा है. भगवान राम के इस बड़े आयोजन में शिव की नगरी काशी से बड़ी जिम्मेदारियां का निर्माण किया जा रहा है. एक तरफ जहां मुख्य यजमान बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, तो मुख्य पुजारी और कर्मकांड करने की जिम्मेदारी भी बनारस के ही पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को सौंपी गई है.

मुख्य ज्योतिषाचार्य और पूरे राम जन्मभूमि स्थापना समारोह का मुहूर्त निकालने वाले ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ भी काशी से हैं. इन सब के बीच काशी को ही धर्माचार्य को अयोध्या तक पहुंचाने और घर-घर धार्मिक आयोजनों की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंप गई है. काशी में रहने वाले अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि इस पल को यादगार बनाया जाएगा.

जब रामानंद सागर के द्वारा तैयार की गई रामायण का प्रसारण टीवी चैनल पर होता था. श्रद्धा भाव और आस्था के साथ जैसे उस वक्त लोग रामायण देखने के लिए स्नान ध्यान करके, धूप-अगरबत्ती जलाकर भगवान राम का ध्यान करते थे. कुछ ठीक उसी तर्ज पर 22 जनवरी को भी लोगों को टीवी के सामने बैठने की अपील करते हुए संतों को इस धार्मिक आयोजन को और खास बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि यह बहुत बड़ा मौका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से इस पूरे आयोजन से पहले हर मंदिर में रामचरितमानस का पाठ भंडारा और भजन आदि करने के लिए 100 करोड़ का बजट विधानसभा में पास किया है. वह अपने आप में बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि संत समिति इसका स्वागत करती है.

सीएम योगी के इन प्रयासों को सार्थक करने के लिए हम सभी एकजुट होकर काशी के मंदिरों को सजाने से लेकर यहां पर बृहद आयोजन करने के लिए तैयारियां शुरू कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में ही यह नारा दिया गया था. हर मंदिर राम मंदिर हर घर को प्रत्येक घरों में निज मंदिरों को भी हम श्री राम जन्मभूमि की तरह सजाने का काम करेंगे.

स्वामी जी ने बताया कि उस दिन जो टीवी देखने की बात है. हम टीवी पर लाइव प्रसारण देखेंगे, लेकिन टीवी इस प्रकार से नहीं देखेंगे जैसे सामान्य दिनों में देखी जाती है. टीवी के सामने भी अगरबत्ती जलेगी. टीवी के सामने भी पूजा सामग्री रहेगी. पूरे परिवार के सदस्य स्नान ध्यान करके प्राण प्रतिष्ठा के समय कमर सीधी करके टीवी के सामने बैठेंगे.

पूरी दुनिया के हिंदू लाइव प्रसारण देखेंगे और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री राम जन्मभूमि पर प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम आरती कर रहे होंगे. उस समय प्रत्येक हिंदू अपने घर में और मठाधीश अपने मठों में जो अयोध्या नहीं पहुंच सके हैं, वह अपने पुजारी और अपने मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का कार्य करके वह भी आरती में हिस्सा लेंगे. पूरे काशी में घंटे घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि सुनाई देगी. यह दृश्य अद्भुत और अलौकिक होगा, जो शायद पहली बार दुनिया इतने बड़े रूप में राम मंदिर अयोध्या के अलावा हर घर में देखेगी.

ये भी पढ़ें- देश के पहले प्रोफेसर, जो प्राण प्रतिष्ठा में पूजन कराएंगे; दर्पण टूटते ही होंगे रामलला के दर्शन

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रोग्राम होगा यादगार

वाराणसी: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलाल स्थापना महोत्सव को लेकर तैयारियां जोर शोर से जा रही हैं. अयोध्या में कोने-कोने को सजाया जा रहा है और भव्य आयोजन को लेकर लंबे चौड़े बजट के साथ तैयारी को आगे बढ़ने का काम किया जा रहा है. भगवान राम के इस बड़े आयोजन में शिव की नगरी काशी से बड़ी जिम्मेदारियां का निर्माण किया जा रहा है. एक तरफ जहां मुख्य यजमान बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, तो मुख्य पुजारी और कर्मकांड करने की जिम्मेदारी भी बनारस के ही पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को सौंपी गई है.

मुख्य ज्योतिषाचार्य और पूरे राम जन्मभूमि स्थापना समारोह का मुहूर्त निकालने वाले ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ भी काशी से हैं. इन सब के बीच काशी को ही धर्माचार्य को अयोध्या तक पहुंचाने और घर-घर धार्मिक आयोजनों की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंप गई है. काशी में रहने वाले अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि इस पल को यादगार बनाया जाएगा.

जब रामानंद सागर के द्वारा तैयार की गई रामायण का प्रसारण टीवी चैनल पर होता था. श्रद्धा भाव और आस्था के साथ जैसे उस वक्त लोग रामायण देखने के लिए स्नान ध्यान करके, धूप-अगरबत्ती जलाकर भगवान राम का ध्यान करते थे. कुछ ठीक उसी तर्ज पर 22 जनवरी को भी लोगों को टीवी के सामने बैठने की अपील करते हुए संतों को इस धार्मिक आयोजन को और खास बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि यह बहुत बड़ा मौका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से इस पूरे आयोजन से पहले हर मंदिर में रामचरितमानस का पाठ भंडारा और भजन आदि करने के लिए 100 करोड़ का बजट विधानसभा में पास किया है. वह अपने आप में बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि संत समिति इसका स्वागत करती है.

सीएम योगी के इन प्रयासों को सार्थक करने के लिए हम सभी एकजुट होकर काशी के मंदिरों को सजाने से लेकर यहां पर बृहद आयोजन करने के लिए तैयारियां शुरू कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में ही यह नारा दिया गया था. हर मंदिर राम मंदिर हर घर को प्रत्येक घरों में निज मंदिरों को भी हम श्री राम जन्मभूमि की तरह सजाने का काम करेंगे.

स्वामी जी ने बताया कि उस दिन जो टीवी देखने की बात है. हम टीवी पर लाइव प्रसारण देखेंगे, लेकिन टीवी इस प्रकार से नहीं देखेंगे जैसे सामान्य दिनों में देखी जाती है. टीवी के सामने भी अगरबत्ती जलेगी. टीवी के सामने भी पूजा सामग्री रहेगी. पूरे परिवार के सदस्य स्नान ध्यान करके प्राण प्रतिष्ठा के समय कमर सीधी करके टीवी के सामने बैठेंगे.

पूरी दुनिया के हिंदू लाइव प्रसारण देखेंगे और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री राम जन्मभूमि पर प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम आरती कर रहे होंगे. उस समय प्रत्येक हिंदू अपने घर में और मठाधीश अपने मठों में जो अयोध्या नहीं पहुंच सके हैं, वह अपने पुजारी और अपने मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का कार्य करके वह भी आरती में हिस्सा लेंगे. पूरे काशी में घंटे घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि सुनाई देगी. यह दृश्य अद्भुत और अलौकिक होगा, जो शायद पहली बार दुनिया इतने बड़े रूप में राम मंदिर अयोध्या के अलावा हर घर में देखेगी.

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