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वाराणसीः दुधमुंही बच्ची को लेकर संसदीय कार्यालय पहुंचे परिजन, बेटे-बहू को रिहा करने की मांग

यूपी के वाराणसी में CAA PROTEST के दौरान गिरफ्तार दंपति को छुड़ाने के लिए उनके परिजन दुधमुंही बच्ची को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंचे. बच्ची की दादी ने पत्रक सौंपकर अपने बेटे-बहू को रिहा करने की मांग की.

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दुधमुंही बच्ची को लेकर संसदीय कार्यालय पहुंचे परिजन.
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Published : Dec 30, 2019, 1:47 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 3:13 PM IST

वाराणसीः 19 दिसंबर को जिले में जुमे की नमाज के बाद भारी हिंसक प्रदर्शन हुआ था. उसी दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे एक दंपति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. दंपति की एक दुधमुंही बच्ची भी है, जो कई दिनों से मां-बाप के घर आने का इंतजार कर रही है. सोमवार को बच्ची की दादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंची और अपने बेटे-बहू को जेल से छोड़ने की मांग के साथ कार्यालय प्रभारी शिवचरण पाठक को पत्रक सौंपी.

दुधमुंही बच्ची को लेकर संसदीय कार्यालय पहुंचे परिजन.
19 दिसम्बर को शहर के बेनियाबाग इलाके में प्रदर्शन के दौरान 70 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसमें दंपति एकता शेखर और रवि शेखर भी शामिल थे. ये दोनों लोग 19 दिसंबर को घर में बच्ची को छोड़कर प्रदर्शन करने गए थे, उसी दौरान प्रदर्शन उग्र हो गया और पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी थी. एकता शेखर और रवि शेखर की एक 14 महीने की बेटी भी है, जो अपने मां-बाप के नहीं होने से काफी परेशान है. आज उसकी दादी पूरे परिवार के साथ बेटे-बहू की रिहाई के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंची और बेटे-बहू को जेल से छोड़ने की मांग की.

इसे भी पढेंः-कुछ लेखक युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास करते हैंः सीएम योगी

कार्यालय से उचित कार्रवाई का मिला आश्वासन
शीला तिवारी ने बताया कि उनके बेटे रवि शेखर और बहू एकता शेखर 19 तारीख को शांतिपूर्ण तरीके से एनआरसी और सीएए के विरोध में शामिल थे. पिछले 12 दिनों से वे लोग जेल में बंद हैं, उनकी जमानत नहीं हो पा रही है. उनकी दुधमुंही बच्ची अपनी माता को याद कर रही है. जिससे उसकी हालत नाजुक होती जा रही है. इसलिए आज उन लोगों ने देश के प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र दिया है कि छोटी बच्ची के मां को उससे मिला दिया जाए. कार्यालय पर पत्रक लिया गया और उचित कार्रवाई का आश्वासन भी मिला है.

वाराणसीः 19 दिसंबर को जिले में जुमे की नमाज के बाद भारी हिंसक प्रदर्शन हुआ था. उसी दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे एक दंपति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. दंपति की एक दुधमुंही बच्ची भी है, जो कई दिनों से मां-बाप के घर आने का इंतजार कर रही है. सोमवार को बच्ची की दादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंची और अपने बेटे-बहू को जेल से छोड़ने की मांग के साथ कार्यालय प्रभारी शिवचरण पाठक को पत्रक सौंपी.

दुधमुंही बच्ची को लेकर संसदीय कार्यालय पहुंचे परिजन.
19 दिसम्बर को शहर के बेनियाबाग इलाके में प्रदर्शन के दौरान 70 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसमें दंपति एकता शेखर और रवि शेखर भी शामिल थे. ये दोनों लोग 19 दिसंबर को घर में बच्ची को छोड़कर प्रदर्शन करने गए थे, उसी दौरान प्रदर्शन उग्र हो गया और पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी थी. एकता शेखर और रवि शेखर की एक 14 महीने की बेटी भी है, जो अपने मां-बाप के नहीं होने से काफी परेशान है. आज उसकी दादी पूरे परिवार के साथ बेटे-बहू की रिहाई के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंची और बेटे-बहू को जेल से छोड़ने की मांग की.

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कार्यालय से उचित कार्रवाई का मिला आश्वासन
शीला तिवारी ने बताया कि उनके बेटे रवि शेखर और बहू एकता शेखर 19 तारीख को शांतिपूर्ण तरीके से एनआरसी और सीएए के विरोध में शामिल थे. पिछले 12 दिनों से वे लोग जेल में बंद हैं, उनकी जमानत नहीं हो पा रही है. उनकी दुधमुंही बच्ची अपनी माता को याद कर रही है. जिससे उसकी हालत नाजुक होती जा रही है. इसलिए आज उन लोगों ने देश के प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र दिया है कि छोटी बच्ची के मां को उससे मिला दिया जाए. कार्यालय पर पत्रक लिया गया और उचित कार्रवाई का आश्वासन भी मिला है.

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VARANASI 

*NRC CAA के खिलाफ प्रदर्शन में 19 दिसम्बर को जेल भेजे गए दंपति की दुधमुंही बच्ची के साथ परिवार पहुँचा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय*





दुधमुंही बच्ची चंपक की दादी शिला तिवारी ने की अपने बेटे बहु को जेल से छुड़ाने की मांग





19 दिसम्बर को शहर के बेनियाबाग इलाके में प्रदर्शन के दौरान 70 लोगो को पुलिस ने जेल भेज दिया था जिसमे दंपति एकता शेखर और रवि शेखर भी थे शामिल


Conclusion:
Last Updated : Dec 30, 2019, 3:13 PM IST
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