वाराणसी: आत्मविश्वास हो और परिवार का साथ हो तो बड़ी-बड़ी मुश्किलों का किया जा सकता है. यह कहावत 90 वर्षीय रामजन्म पटेल पर सटीक बैठता है. जिन्होंने इस उम्र के पड़ाव पर डॉक्टरों की चिकित्सा एवं पोती की सेवा से कोरोना को मात दिया है. रामजन्म के स्वस्थ होने पर सामजसेवी संस्था, चिकित्सकों एवं रामनगर के सभासद ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया.
8 दिन में ही स्वस्थ हुए रामजन्म
मिर्जापुर के जमालपुर निवासी रामजन्म पटेल को स्थिति खराब होने पर परिजनों ने 12 मई को रामनगर स्थित लालबहादुर शास्त्री चिकित्सालय ने भर्ती कराया गया था. जहां ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उनको ऑक्सीजन सहित इलाज शुरू किया गया. डॉक्टरों ने बुजुर्ग रामजन्म को मनोवैज्ञानिक तौर पर तैयार करते हुए लड़ने की इच्छा जगाया तो दूसरी उनकी पोती ने 8 दिन तक हॉस्पिटल में रहकर सेवा की. जिसके कारण जल्दी उनके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा.
डॉक्टरों ने चैलेंज के रूप में लिया
लालबहादुर शास्त्री चिकित्सालय के कोविड हेड के इंचार्ज ने बताया कि जब ये केस हम लोगों के सामने आया तो हमने चैलेंज के रूप में लिया. रामजन्म की उम्र 90 के ऊपर होने के कारण उनकी इम्युनिटी पावर कमजोर थी. जब रामजन्म 12 तारीख को आये थे तो ऑक्सीजन लेवल भी कम था. हम लोगों ने हर तरह से मदद करते हुए इलाज शुरू किया. रामजन्म की पोती ने मन से सेवा किया, जिसके कारण जल्द स्वस्थ हो गए.
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डॉक्टरों ने की अच्छे से देखभाल
रामजन्म की पोती सोनाली पटेल ने बताया कि बड़े पापा को कोरोना हुआ था. जो जल्द ही रिकवर हो गए. उसके बाद दादा को फीवर आने लगा तो हम लोग काढा एवं इलाज करने लगे. जब ज्यादा समस्या हुई तो हम अस्पताल में लेकर आए. यहां डॉक्टरों की टीम ने अच्छे से देखभाल किया, जिससे उनके दादा 8 दिन में ही स्वस्थ हो गए. सोनाली ने बताया की 12 तारीख से अभी तक वह दादा के साथ थी और देखभाल की.