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कोरोना से अनाथ हुए बनारस के 61 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से पालेगी योगी सरकार - योगी सरकार उठाएगी बच्चों का खर्चा

वाराणसी में कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक को खो चुके 61 बच्चों के आवेदन पत्र जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में प्रस्तुत किया गया. संबंधित उप जिलाधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापित एवं संस्तुति सहित प्रस्तुत किए गए 61 आवेदन पत्रों को बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई.

जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक
जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक
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Published : Jun 17, 2021, 7:38 AM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया है. उनके पालन पोषण के लिए योगी सरकार ने अहम कदम उठाया है. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (mukhyamantri bal seva yojana) के द्वारा योगी सरकार(yogi govt) बच्चों के बालिग होने तक उनका खर्चा उठाएगी. इसी क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अधिक से अधिक बच्चों को चिन्हित कर इस योजना का लाभ दिलाने के लिए निर्देशित किया.

61 आवेदन पत्रों को मिली स्वीकृति

बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक को खो चुके 61 बच्चों का आवेदन पत्र समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. संबंधित उप जिलाधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापित एवं संस्तुति सहित प्रस्तुत किए गए 61 आवेदन पत्रों की स्वीकृति प्रदान की गई.


कुल 110 बच्चे मिले
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि जनपद वाराणसी में अब तक कुल 162 बच्चे चिन्हित किए गए हैं. जिसमें 110 बच्चे ऐसे पाए गए हैं, जिनके माता-पिता की कोविड-19 के कारण मृत्यु हुई हैं. 110 में से 97 बालक बालिकाएं ऐसे हैं, जिनके पिता की मृत्यु हुई है. 10 बालक-बालिकाओं की माता की मृत्यु हुई है. इसके अलावा 3 बालिकाएं ऐसी हैं जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है. 52 बालक-बालिकाओं के माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु होने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निर्देशित किया कि इन बच्चों को भी स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिलाया जाए.

इसे भी पढ़ें- 50 हजार में बिके मासूम को अपने माता-पिता का है इंतजार

क्या है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या उनमें से किसी एक को खोया है. ऐसे बच्चों के भरण-पोषण और शिक्षा के प्रबंधन के लिए प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई हैं. इस य़ोजना के तहत बच्चों के लिए प्रतिमाह 4 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है. जब इस योजना को शुरु किया गया था तब ये कहा गया था कि इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनके परिवार की आय 2 लाख रुपये वार्षिक होगी, लेकिन योगी सरकार ने इस योजना के लिए पात्रता का दायरा अब बढ़ा दिया है. योगी सरकार ने अब वार्षिक आय सीमा को 2 लाख से बढ़ाते हुए 3 लाख कर दिया है. योगी सरकार के इस कदम से प्रदेश के कई बच्चों को इसका लाभ मिलेगा.

संबंधित खबर- सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों पर सख्त हुए सीएम योगी

वाराणसी: कोरोना महामारी में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया है. उनके पालन पोषण के लिए योगी सरकार ने अहम कदम उठाया है. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (mukhyamantri bal seva yojana) के द्वारा योगी सरकार(yogi govt) बच्चों के बालिग होने तक उनका खर्चा उठाएगी. इसी क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अधिक से अधिक बच्चों को चिन्हित कर इस योजना का लाभ दिलाने के लिए निर्देशित किया.

61 आवेदन पत्रों को मिली स्वीकृति

बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक को खो चुके 61 बच्चों का आवेदन पत्र समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. संबंधित उप जिलाधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापित एवं संस्तुति सहित प्रस्तुत किए गए 61 आवेदन पत्रों की स्वीकृति प्रदान की गई.


कुल 110 बच्चे मिले
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि जनपद वाराणसी में अब तक कुल 162 बच्चे चिन्हित किए गए हैं. जिसमें 110 बच्चे ऐसे पाए गए हैं, जिनके माता-पिता की कोविड-19 के कारण मृत्यु हुई हैं. 110 में से 97 बालक बालिकाएं ऐसे हैं, जिनके पिता की मृत्यु हुई है. 10 बालक-बालिकाओं की माता की मृत्यु हुई है. इसके अलावा 3 बालिकाएं ऐसी हैं जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है. 52 बालक-बालिकाओं के माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु होने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निर्देशित किया कि इन बच्चों को भी स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिलाया जाए.

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क्या है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या उनमें से किसी एक को खोया है. ऐसे बच्चों के भरण-पोषण और शिक्षा के प्रबंधन के लिए प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई हैं. इस य़ोजना के तहत बच्चों के लिए प्रतिमाह 4 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है. जब इस योजना को शुरु किया गया था तब ये कहा गया था कि इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनके परिवार की आय 2 लाख रुपये वार्षिक होगी, लेकिन योगी सरकार ने इस योजना के लिए पात्रता का दायरा अब बढ़ा दिया है. योगी सरकार ने अब वार्षिक आय सीमा को 2 लाख से बढ़ाते हुए 3 लाख कर दिया है. योगी सरकार के इस कदम से प्रदेश के कई बच्चों को इसका लाभ मिलेगा.

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