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5G से यूपी की स्वास्थ्य सेवा को मिलेगी संजीवनी, जानिए कैसे - हाई स्पीड सर्फिंग

5जी सेवा शुरू होने के बाद हर सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा. इससे हेल्थ सेक्टर सबसे ज्यादा लाभान्वित होगा. इसके जरिए चिकित्सा क्षेत्र में दूर-दराज के इलाकों में उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं को फैलाने में मदद करेगा.

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Published : Oct 1, 2022, 10:46 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में संचार क्रांति के नए युग की 5जी सेवाओं की शुरुआत कर दी. इससे सीमलेस कवरेज, हाई डाटा रेट, लो लेटेंसी और अत्यधिक विश्वनीय संचार प्रणाली की सुविधा मिलेगी. इससे गांव-गांव तक जहां इंटरनेट के साथ-साथ टेलीमेडिसिन की सुविधा पहुंचेगी. वहीं, स्मार्ट फॉर्मिग को भी बढ़ावा मिलेगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी बनारस में भी सेवा की शुरुआत हुई. सबसे बड़ी बात यह है कि 5जी सेवा शुरू होने के बाद हर सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा. लेकिन हेल्थ सेक्टर इससे ज्यादा लाभान्वित होगा और उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था लंबे वक्त से भी पटरी मानी जा रही थी. उसे एक संजीवनी मिल जाएगी. आइए जानते है कि कैसे डिजिटल तरीके से हेल्थ सेक्टर का विस्तार होगा...

5जी के लांचिंग के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के एक छात्रा खुशी से वर्चुअली बात भी की. 5जी के होने वाले लाभ की जानकारी भी ली. 5जी कनेक्टिविटी से लोगों के संवाद करने का तरीका बदल जाएगा. अगली पीढ़ी की यह तकनीक तेज स्पीड और कम समय में इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी. इससे पहले सिर्फ ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड पर ही ऐसी स्पीड मिलती थी, जो अन्य दूसरे उपकरणों को भी तेज स्पीड से कनेक्टिविटी मुहैया करती थी. इस सेवा को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा. पहले चरण के दौरान 13 शहरों को 5जी इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी. इसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं. 5जी भारत में नई संभावनाओं को लेकर आया हैं.

इसकी हाई-स्पीड सर्फिंग और बेहतर कनेक्टिविटी के अलावा, नई तकनीक स्वास्थ्य सेवा और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं की पहुंच को तेजी से आगे बढ़ाएगा. साथ ही देश में बेरोजगार लोगों के लिए नए दरवाजे खोलेगा. इतना ही नहीं, 5जी के आने के साथ, हम मौजूदा टायर थ्री शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलते हुए देख पाएंगे. यह लोगों और व्यवसायों को तेजी से विकसित होने में भी सहायता करेगा.

यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने 5G को बताया नए भारत की शक्ति, वाराणसी में भी शुभारंभ

5जी नेटवर्क चिकित्सा क्षेत्र में दूर-दराज के इलाकों में उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं को फैलाने में मदद करेगा. वहीं डॉक्टर अपने स्थान से ही रोगियों से सीधा जुड़ सकेंगे. साथ ही डॉक्टर सर्जनों को दूरस्थ सर्जरी करने में भी सक्षम बनाएंगे. इसके अलावा, स्मार्ट चिकित्सा उपकरण जैसे कि वियरेबल्स इमरजेंसी की स्थिति में रोगियों को आसानी से सलाह दे सकेंगे. 5जी की नई तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स को भी अपग्रेड करेगी. उन्नत 5जी राउटर से एक घर में स्मार्ट डिवाइसेज और अन्य दूसरे उपकरणों का नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा. यह रिमोट मॉनिटरिंग, स्मार्ट एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और टेलीहेल्थ जैसे क्षेत्रों में भी बहुत मददगार साबित हो सकता है. वहीं स्मार्ट आरएफआईडी सेंसर और जीपीएस की मदद से किसान पशुओं को भी ट्रैक कर सकते हैं.

कोविड के दौरान हम सब ने टेलीमेडिसिन के महत्व को समझा और उसके उपयोग को करीब से देखा. लेकिन टेलीमेडिसिन की अपनी सीमाएं हैं, जिसमें डॉक्टर और मरीज केवल एक दूसरे को केवल देख सकते हैं. इलाज में डॉक्टर की मरीज के सामने एक बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालती है, जो रोगी को कहीं न कहीं शीघ्र स्वस्थ होने में बड़ी भूमिका अदा करता है. यह कमी बहुत हद तक 5जी के आने से पूरी हो सकेगी. ऐसा संभव है कि डॉक्टर अपनी क्लीनिक या अस्पताल में बैठे हुए भी मरीज के निकट होंगे.

हेल्थकेयर सेक्टर में देखने को मिलेगा क्रांतिकारी परिवर्तन

हाल-फिलहाल में 5 जी को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. हर किसी के जेहन में सिर्फ यही सवाल है कि 5जी टेक्नोलॉजी तेज लगभग 100 गुना डेटा स्पीड के अलावा क्या देने जा रही है? 5जी की शुरुआत होने से जिस क्षेत्र में सबसे बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे, वो है हेल्थकेयर सेक्टर. हेल्थकेयर सेक्टर में न केवल मरीजों के इलाज में 5जी बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा बल्कि इस सेक्टर से जुड़ी अन्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा का स्वरूप भी 5जी के चलते संवरेगा.

आज दूर-दराज के क्षेत्र में प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों से जब गम्भीर स्थिति वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है, तो सबसे बड़ी समस्या आती है, उस केंद्र से हायर सेंटर की दूरी और हायर सेंटर में बेड खाली है या नहीं. लेकिन इन सेवा के आने से हायर सेंटर ले जाये बिना ही वहां के डॉक्टर्स को मरीज के स्वास्थ्य से सम्बंधित रियल टाइम डेटा मिलता रहेगा. साथ ही वे तब तक प्राथमिक व सामुदायिक केंद्र के डॉक्टरों को इलाज के लिए जरूरी निर्देश देते रहेंगे जबतक कि मरीज की स्थिति स्थिर न हो. इसके लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की जरूरत होगी.

डॉक्टरों को मिलेगी मरीज की रियल टाइम हालत की जानकारी

कोविड के समय से जिस तरह से सरकारें हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही हैं. उससे इन केंद्रों के आवश्यक उपकरणों से लैस होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. वर्तमान में कई गीगाबाइट या टेराबाइट का मेडिकल डाटा ट्रांसफर होने में बहुत ज्यादा समय लगता है, जिससे मरीज की वर्तमान नाजुक हालत की जानकारी मिलने में दूर बैठे डॉक्टर को समय लगता है. जबकि इधर मरीज के लिए एक-एक सेकंड कीमती होता है. 5जी के आने के बाद दूर दराज इलाकों में स्थित छोटे स्वास्थ्य केंद्रों से हायर सेंटर्स तक टेक्स्ट और इमेजेज या वीडियो के फॉर्म में डेटा चुटकियों में ट्रांसफर किया जा सकेगा, जिससे मरीज की रियल टाइम हालत के बारे में डॉक्टर को जानकारी मिल सकेगी. वहीं, उसी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीज 5जी के लागू होने पर 5G-संचालित होलोग्राम तकनीक से सीधे डॉक्टर के पास पहुंच जाएगा. असलियत में जो डॉक्टर और मरीज एक दूसरे से कई किलोमीटर दूर होंगे, वो 5जी के जरिए एक दूसरे के सामने होंगे.

आपात स्थिति में एम्बुलेंस में मिलेगा इलाज की सुविधा

5जी सुविधा के पूर्ण रूप से आने के बाद मरीज किसी दुर्घटना या आपात स्थिति के चलते एम्बुलेंस में है. 5जी लागू होने के बाद उसी एम्बुलेंस से मरीज की हालत की रियल टाइम जानकारी अस्पताल में बैठे डॉक्टर को मिलेगी. जिसकी एनालिसिस कर वो परिस्थिति के अनुसार पैरामेडिक्स को निर्देश देंगे. ऐसे में इस बात का इंतजार नहीं करना होगा कि मरीज अस्पताल पहुंचे, तभी उसका वास्तविक इलाज शुरू हो. बल्कि एम्बुलेंस में ही उसे जरूरी इलाज मिलना शुरू हो चुका होगा. इस महत्वपूर्ण तथ्य को इसी बात से समझा जा सकता है कि एम्बुलेंस में पहुंचते ही मरीज सीधे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में होगा, जो उसकी जान बचाने के लिए बेहद जरूरी है. हाल ही में एयरटेल ने अपोलो हॉस्पिटल्स और सिस्को के साथ मिलकर 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस का प्रदर्शन किया है.

एम्बुलेंस अत्याधुनिक 5जी-कनेक्टेड एम्बुलेंस लेटेस्ट चिकित्सा उपकरण, रोगी निगरानी एप्लीकेशन्स और टेलीमेट्री उपकरणों से सुसज्जित है, जो रोगी के स्वास्थ्य डेटा को वास्तविक समय में अस्पताल तक पहुंचाती है. इसके अलावा, यह एम्बुलेंस ऑनबोर्ड कैमरा, कैमरा-आधारित हेडगियर और पैरामेडिक स्टाफ के लिए बॉडी कैम से भी लैस है. यह सभी उपकरण अल्ट्रा-फास्ट और लो लेटेंसी एयरटेल 5जी नेटवर्क से जुड़े रहते हैं.

5जी एक परिवर्तनकारी तकनीक है और स्वास्थ्य सेवा 5जी के लिए सबसे आशाजनक उपयोग के मामलों में से एक है. एम्बुलेंस के 5 जी से जुड़े होने पर यह अस्पताल की लगभग सारी सुविधाएं एम्बुलेंस में ही मुहैया कराएगा. 5जी के साथ आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस भी अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा, जो डॉक्टर्स को मरीज के क्लीनिकल डायग्नोसिस में लगने वाले समय को बचाएगा. ताकि डॉक्टर्स मरीज को उचित इलाज मुहैया कराने के अपना ध्यान केंद्रित कर सकें. इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन में भी 5जी की भूमिका बेहद अहम होने वाली है. 5जी के जरिये मेडिकल शिक्षा संस्थान अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज को एक दूसरे से साझा कर एक दूसरे के पूरक बन सकेंगे. इससे न केवल सभी मेडिकल संस्थानों के छात्रों की सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसर्स तक पहुंच होगी, बल्कि छात्र भी एक दूसरे के साथ रियल टाइम संवाद स्थापित कर एक दूसरे का ज्ञान वर्धन कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें: इन 13 शहरों से शुरुआत होगी 5G सेवा की, इंटरनेट स्पीड में अभी इस रैंक पर है भारत


वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में संचार क्रांति के नए युग की 5जी सेवाओं की शुरुआत कर दी. इससे सीमलेस कवरेज, हाई डाटा रेट, लो लेटेंसी और अत्यधिक विश्वनीय संचार प्रणाली की सुविधा मिलेगी. इससे गांव-गांव तक जहां इंटरनेट के साथ-साथ टेलीमेडिसिन की सुविधा पहुंचेगी. वहीं, स्मार्ट फॉर्मिग को भी बढ़ावा मिलेगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी बनारस में भी सेवा की शुरुआत हुई. सबसे बड़ी बात यह है कि 5जी सेवा शुरू होने के बाद हर सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा. लेकिन हेल्थ सेक्टर इससे ज्यादा लाभान्वित होगा और उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था लंबे वक्त से भी पटरी मानी जा रही थी. उसे एक संजीवनी मिल जाएगी. आइए जानते है कि कैसे डिजिटल तरीके से हेल्थ सेक्टर का विस्तार होगा...

5जी के लांचिंग के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के एक छात्रा खुशी से वर्चुअली बात भी की. 5जी के होने वाले लाभ की जानकारी भी ली. 5जी कनेक्टिविटी से लोगों के संवाद करने का तरीका बदल जाएगा. अगली पीढ़ी की यह तकनीक तेज स्पीड और कम समय में इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी. इससे पहले सिर्फ ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड पर ही ऐसी स्पीड मिलती थी, जो अन्य दूसरे उपकरणों को भी तेज स्पीड से कनेक्टिविटी मुहैया करती थी. इस सेवा को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा. पहले चरण के दौरान 13 शहरों को 5जी इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी. इसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं. 5जी भारत में नई संभावनाओं को लेकर आया हैं.

इसकी हाई-स्पीड सर्फिंग और बेहतर कनेक्टिविटी के अलावा, नई तकनीक स्वास्थ्य सेवा और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं की पहुंच को तेजी से आगे बढ़ाएगा. साथ ही देश में बेरोजगार लोगों के लिए नए दरवाजे खोलेगा. इतना ही नहीं, 5जी के आने के साथ, हम मौजूदा टायर थ्री शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलते हुए देख पाएंगे. यह लोगों और व्यवसायों को तेजी से विकसित होने में भी सहायता करेगा.

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5जी नेटवर्क चिकित्सा क्षेत्र में दूर-दराज के इलाकों में उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं को फैलाने में मदद करेगा. वहीं डॉक्टर अपने स्थान से ही रोगियों से सीधा जुड़ सकेंगे. साथ ही डॉक्टर सर्जनों को दूरस्थ सर्जरी करने में भी सक्षम बनाएंगे. इसके अलावा, स्मार्ट चिकित्सा उपकरण जैसे कि वियरेबल्स इमरजेंसी की स्थिति में रोगियों को आसानी से सलाह दे सकेंगे. 5जी की नई तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स को भी अपग्रेड करेगी. उन्नत 5जी राउटर से एक घर में स्मार्ट डिवाइसेज और अन्य दूसरे उपकरणों का नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा. यह रिमोट मॉनिटरिंग, स्मार्ट एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और टेलीहेल्थ जैसे क्षेत्रों में भी बहुत मददगार साबित हो सकता है. वहीं स्मार्ट आरएफआईडी सेंसर और जीपीएस की मदद से किसान पशुओं को भी ट्रैक कर सकते हैं.

कोविड के दौरान हम सब ने टेलीमेडिसिन के महत्व को समझा और उसके उपयोग को करीब से देखा. लेकिन टेलीमेडिसिन की अपनी सीमाएं हैं, जिसमें डॉक्टर और मरीज केवल एक दूसरे को केवल देख सकते हैं. इलाज में डॉक्टर की मरीज के सामने एक बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालती है, जो रोगी को कहीं न कहीं शीघ्र स्वस्थ होने में बड़ी भूमिका अदा करता है. यह कमी बहुत हद तक 5जी के आने से पूरी हो सकेगी. ऐसा संभव है कि डॉक्टर अपनी क्लीनिक या अस्पताल में बैठे हुए भी मरीज के निकट होंगे.

हेल्थकेयर सेक्टर में देखने को मिलेगा क्रांतिकारी परिवर्तन

हाल-फिलहाल में 5 जी को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. हर किसी के जेहन में सिर्फ यही सवाल है कि 5जी टेक्नोलॉजी तेज लगभग 100 गुना डेटा स्पीड के अलावा क्या देने जा रही है? 5जी की शुरुआत होने से जिस क्षेत्र में सबसे बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे, वो है हेल्थकेयर सेक्टर. हेल्थकेयर सेक्टर में न केवल मरीजों के इलाज में 5जी बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा बल्कि इस सेक्टर से जुड़ी अन्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा का स्वरूप भी 5जी के चलते संवरेगा.

आज दूर-दराज के क्षेत्र में प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों से जब गम्भीर स्थिति वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है, तो सबसे बड़ी समस्या आती है, उस केंद्र से हायर सेंटर की दूरी और हायर सेंटर में बेड खाली है या नहीं. लेकिन इन सेवा के आने से हायर सेंटर ले जाये बिना ही वहां के डॉक्टर्स को मरीज के स्वास्थ्य से सम्बंधित रियल टाइम डेटा मिलता रहेगा. साथ ही वे तब तक प्राथमिक व सामुदायिक केंद्र के डॉक्टरों को इलाज के लिए जरूरी निर्देश देते रहेंगे जबतक कि मरीज की स्थिति स्थिर न हो. इसके लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की जरूरत होगी.

डॉक्टरों को मिलेगी मरीज की रियल टाइम हालत की जानकारी

कोविड के समय से जिस तरह से सरकारें हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही हैं. उससे इन केंद्रों के आवश्यक उपकरणों से लैस होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. वर्तमान में कई गीगाबाइट या टेराबाइट का मेडिकल डाटा ट्रांसफर होने में बहुत ज्यादा समय लगता है, जिससे मरीज की वर्तमान नाजुक हालत की जानकारी मिलने में दूर बैठे डॉक्टर को समय लगता है. जबकि इधर मरीज के लिए एक-एक सेकंड कीमती होता है. 5जी के आने के बाद दूर दराज इलाकों में स्थित छोटे स्वास्थ्य केंद्रों से हायर सेंटर्स तक टेक्स्ट और इमेजेज या वीडियो के फॉर्म में डेटा चुटकियों में ट्रांसफर किया जा सकेगा, जिससे मरीज की रियल टाइम हालत के बारे में डॉक्टर को जानकारी मिल सकेगी. वहीं, उसी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीज 5जी के लागू होने पर 5G-संचालित होलोग्राम तकनीक से सीधे डॉक्टर के पास पहुंच जाएगा. असलियत में जो डॉक्टर और मरीज एक दूसरे से कई किलोमीटर दूर होंगे, वो 5जी के जरिए एक दूसरे के सामने होंगे.

आपात स्थिति में एम्बुलेंस में मिलेगा इलाज की सुविधा

5जी सुविधा के पूर्ण रूप से आने के बाद मरीज किसी दुर्घटना या आपात स्थिति के चलते एम्बुलेंस में है. 5जी लागू होने के बाद उसी एम्बुलेंस से मरीज की हालत की रियल टाइम जानकारी अस्पताल में बैठे डॉक्टर को मिलेगी. जिसकी एनालिसिस कर वो परिस्थिति के अनुसार पैरामेडिक्स को निर्देश देंगे. ऐसे में इस बात का इंतजार नहीं करना होगा कि मरीज अस्पताल पहुंचे, तभी उसका वास्तविक इलाज शुरू हो. बल्कि एम्बुलेंस में ही उसे जरूरी इलाज मिलना शुरू हो चुका होगा. इस महत्वपूर्ण तथ्य को इसी बात से समझा जा सकता है कि एम्बुलेंस में पहुंचते ही मरीज सीधे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में होगा, जो उसकी जान बचाने के लिए बेहद जरूरी है. हाल ही में एयरटेल ने अपोलो हॉस्पिटल्स और सिस्को के साथ मिलकर 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस का प्रदर्शन किया है.

एम्बुलेंस अत्याधुनिक 5जी-कनेक्टेड एम्बुलेंस लेटेस्ट चिकित्सा उपकरण, रोगी निगरानी एप्लीकेशन्स और टेलीमेट्री उपकरणों से सुसज्जित है, जो रोगी के स्वास्थ्य डेटा को वास्तविक समय में अस्पताल तक पहुंचाती है. इसके अलावा, यह एम्बुलेंस ऑनबोर्ड कैमरा, कैमरा-आधारित हेडगियर और पैरामेडिक स्टाफ के लिए बॉडी कैम से भी लैस है. यह सभी उपकरण अल्ट्रा-फास्ट और लो लेटेंसी एयरटेल 5जी नेटवर्क से जुड़े रहते हैं.

5जी एक परिवर्तनकारी तकनीक है और स्वास्थ्य सेवा 5जी के लिए सबसे आशाजनक उपयोग के मामलों में से एक है. एम्बुलेंस के 5 जी से जुड़े होने पर यह अस्पताल की लगभग सारी सुविधाएं एम्बुलेंस में ही मुहैया कराएगा. 5जी के साथ आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस भी अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा, जो डॉक्टर्स को मरीज के क्लीनिकल डायग्नोसिस में लगने वाले समय को बचाएगा. ताकि डॉक्टर्स मरीज को उचित इलाज मुहैया कराने के अपना ध्यान केंद्रित कर सकें. इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन में भी 5जी की भूमिका बेहद अहम होने वाली है. 5जी के जरिये मेडिकल शिक्षा संस्थान अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज को एक दूसरे से साझा कर एक दूसरे के पूरक बन सकेंगे. इससे न केवल सभी मेडिकल संस्थानों के छात्रों की सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसर्स तक पहुंच होगी, बल्कि छात्र भी एक दूसरे के साथ रियल टाइम संवाद स्थापित कर एक दूसरे का ज्ञान वर्धन कर सकेंगे.

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