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वाराणसी के 407 सेंसेटिव मतदान केंद्रों पर रहेगी विशेष निगाहें

वाराणसी में 2920 मतदान केंद्रों में से 407 ऐसे मतदान केंद्र हैं जो अतिसंवेदनशील या संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं. एसएसपी का कहना है कि संवेदनशील या फिर अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या जिले में और ज्यादा हो सकती है. समीक्षा के बाद इस बारे में फैसला लिया जाएगा.

प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग बूथ के चयन को लेकर ज्यादा निगरानी की जा रही है.
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Published : Mar 13, 2019, 5:25 PM IST

वाराणसी: 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों के ऐलान के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. यहां पर प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग बूथ के चयन को लेकर ज्यादा निगरानी की जा रही है. यही वजह है कि वाराणसी में 2920 पोलिंग सेंटर में से अब तक 407 ऐसे पोलिंग सेंटर मिले हैं, जो संवेदनशील और अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं.

वाराणसी मिश्रित आबादी वाला शहर कहा जाता है यहां पर सभी धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन कुछ ऐसे इलाके भी हैं, जहां पर बीते कुछ सालों में कम्युनल टेंशन और कई बड़ी आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं. इस वजह से लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए ऐसे इलाकों में पड़ने वाले पोलिंग केंद्रों की विशेष निगरानी की जा रही है.

प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग बूथ के चयन को लेकर ज्यादा निगरानी की जा रही है.

एसएसपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि अब तक की जांच पड़ताल में 407 ऐसे मतदान केंद्र मिले हैं, जो अति संवेदनशील या संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं. उनका कहना है कि यह प्रक्रिया अभी लगातार जारी है और हर पार्टी के कैंडिडेट की सूची फाइनल होने के बाद इस प्रक्रिया को एक बार फिर से दोहराया जाएगा ताकि कैंडिडेट के सामने आने के बाद कम्युनल व अन्य मानकों को ध्यान में रखते हुए उनके क्षेत्र में पढ़ने वाले पोलिंग सेंटर की विशेष निगरानी की जा सके.

फिलहाल अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे जाने वाले मतदान केंद्रों में शौचालय निर्माण का काम किया जा रहा है और साथ ही जहां पर मरम्मत की जरूरत है उनकी मरम्मत भी की जा रही है. वहीं पुलिस प्रशासन पोलिंग सेंटर की वर्तमान स्थिति के अनुसार सुरक्षा और अन्य मांगों से उनकी समीक्षा करने में जुटा हुआ है.

वाराणसी: 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों के ऐलान के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. यहां पर प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग बूथ के चयन को लेकर ज्यादा निगरानी की जा रही है. यही वजह है कि वाराणसी में 2920 पोलिंग सेंटर में से अब तक 407 ऐसे पोलिंग सेंटर मिले हैं, जो संवेदनशील और अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं.

वाराणसी मिश्रित आबादी वाला शहर कहा जाता है यहां पर सभी धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन कुछ ऐसे इलाके भी हैं, जहां पर बीते कुछ सालों में कम्युनल टेंशन और कई बड़ी आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं. इस वजह से लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए ऐसे इलाकों में पड़ने वाले पोलिंग केंद्रों की विशेष निगरानी की जा रही है.

प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग बूथ के चयन को लेकर ज्यादा निगरानी की जा रही है.

एसएसपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि अब तक की जांच पड़ताल में 407 ऐसे मतदान केंद्र मिले हैं, जो अति संवेदनशील या संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं. उनका कहना है कि यह प्रक्रिया अभी लगातार जारी है और हर पार्टी के कैंडिडेट की सूची फाइनल होने के बाद इस प्रक्रिया को एक बार फिर से दोहराया जाएगा ताकि कैंडिडेट के सामने आने के बाद कम्युनल व अन्य मानकों को ध्यान में रखते हुए उनके क्षेत्र में पढ़ने वाले पोलिंग सेंटर की विशेष निगरानी की जा सके.

फिलहाल अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे जाने वाले मतदान केंद्रों में शौचालय निर्माण का काम किया जा रहा है और साथ ही जहां पर मरम्मत की जरूरत है उनकी मरम्मत भी की जा रही है. वहीं पुलिस प्रशासन पोलिंग सेंटर की वर्तमान स्थिति के अनुसार सुरक्षा और अन्य मांगों से उनकी समीक्षा करने में जुटा हुआ है.

Intro:स्पेशल:

एंकर- वाराणसी: 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों के ऐलान के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों ने जोर पकड़ लिया हर जिले में प्रशासनिक लेवल पर एक तरफ जहां मतदाता सूची को फाइनल करने का काम जोर-शोर से चल रहा है वही अब मतदान केंद्रों की स्थिति को भी फाइनल करने का काम जोर-शोर से जारी है इस क्रम में प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र इसे वीवीआईपी सीट कहा जाता है वहां पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है यहां पर प्रशासनिक स्तर पर पोलिंग बूथ के चयन को लेकर ज्यादा निगरानी की जा रही है यही वजह है कि वाराणसी में 2920 पोलिंग सेंटर में से 407 ऐसे पोलिंग सेंटर अब तक मिले हैं जो संवेदनशील अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस प्रशासन अभी भी पोलिंग सेंटर की वर्तमान स्थिति के अनुसार सुरक्षा और अन्य मांगों से उनकी समीक्षा करने में जुटा हुआ है.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 वाराणसी मिश्रित आबादी वाला शहर कहा जाता है यहां पर हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी धर्मों के लोग रहते हैं लेकिन कुछ ऐसे इलाके भी हैं जहां पर बीते कुछ सालों में कम्युनल टेंशन और कई बड़ी आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं इस वजह से लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए ऐसे इलाकों में पड़ने वाले पोलिंग स्टेशंस की विशेष निगरानी की जा रही है, इस बारे में एसएसपी वाराणसी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि अब तक की जांच पड़ताल में 2920 मतदान केंद्रों में से 407 ऐसे मतदान केंद्र मिले हैं जो अति संवेदनशील संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं इनमें से 142 मतदेय केंद्र श्रेणी में है, उनका कहना है यह प्रक्रिया अभी लगातार जारी है और हर पार्टी के कैंडिडेट की सूची फाइनल होने के बाद इस प्रक्रिया को एक बार फिर से दोहराया जाएगा ताकि कैंडिडेट के सामने आने के बाद कम्युनल व अन्य मानकों को ध्यान में रखते हुए उनके क्षेत्र में पढ़ने वाले पोलिंग सेंटर की विशेष निगरानी की जा सके इसलिए अब तक 407 मतदान केंद्रों के सामने आने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इनमें कुछ और मतदान केंद्र जुड़ सकते हैं.

बाईट- आनंद कुलकर्णी, एसएसपी


Conclusion:वीओ-02 फिलहाल 407 मतदान केंद्रों के संवेदनशील अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे जाने के साथ ही इन व्यवस्थाओं को भी देखा जा रहा है जैन मतदान केंद्रों पर प्रॉपर वे में शौचालय नहीं है वहां शौचालय के निर्माण का काम किया जा रहा है और साथ ही जहां पर मरम्मत की जरूरत है उनकी मरम्मत भी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की आपत्ति किसी के द्वारा ना उठाई जा सके. कुल मिलाकर कहा जाए तो 2019 लोकसभा चुनाव बिगुल बजने के बाद अब तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है.

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र

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