वाराणसी: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 4 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. यूपी सरकार लगातार अपने इस 4 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए 19 मार्च से हर जिले में लंबे चौड़े कार्यक्रम शुरू कर चुकी है. मुख्यमंत्री खुद इस पूरे कार्यक्रम की बागडोर संभाले हुए हैं. इन सबके बीच यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके जिले में सरकार के कार्यकाल का कितना असर देखने को मिल रहा है. इसी की पड़ताल ईटीवी भारत ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में की. प्रदेश में वाराणसी वीआईपी सीट है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगाहें सबसे ज्यादा बनारस पर ही टिकी रहती हैं. शायद यही वजह है कि इन 4 सालों में बनारस को वह चीजें मिलीं जो शायद और जिलों के लिए मुश्किल थीं. बनारस में 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ. जिनमें से कुछ पूरे हुए हैं और कुछ अभी अधूरे हैं. इन 4 सालों में इन योजनाओं के पूरा होने और अधूरा होने के साथ ही बीते 13 सालों में कुछ नई योजनाओं का भी खाका खींचा गया. जिसको अभी धरती पर उतारना बाकी है. यह योजनाएं भी लगभग 9000 करोड़ रुपये की हैं. कुल मिलाकर बनारस में योगी सरकार का यह 4 साल का कार्यकाल काफी बेहतर कहा जा सकता है.
योगी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में बनारस में विकास की बयार बही, कहना कहीं से गलत नहीं होगा. चाहे हाईवे हो, शहरी सड़कें हो गलियां हों या फिर शहर में पार्किंग की समस्या के निराकरण के लिए मल्टी लेवल पार्किंग की सुविधा हो. सब काम तेजी से शुरू हुए. 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार पर यह आरोप लगे कि केंद्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन बनारस में सही तरीके से समाजवादी पार्टी होने नहीं दे रही. जब 2017 में योगी सरकार ने यूपी की बागडोर संभाली तो केंद्र में बीजेपी और प्रदेश में योगी की सरकार ने बनारस के कायाकल्प में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
योगी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में बनारस में बहुत से काम हुए. सड़कों के जाल को बिछाने के लिए हजारों करोड़ों रुपए की योजना धरातल पर उतरी. बाबतपुर एयरपोर्ट से बनारस को जोड़ने वाली सड़क को फोरलेन करना, रिंग रोड के निर्माण को तेजी से बढ़ाते हुए बाहरी क्षेत्र से ही हाईवे को जोड़ना. शहर की बदहाल सड़कों की मरम्मत कर बेहतर सड़कों का जाल बिछाना या फिर खराब गलियों को स्मार्ट सिटी योजना के तहत सुंदर बनाना. यह सब काम इन 4 सालों में बखूबी पूरे हुए. घर-घर तक गैस पाइपलाइन, बिजली के प्रीपेड मीटर के कनेक्शन और तालाबों और कुंडो का सुंदरीकरण. योगी सरकार के कार्यकाल में बनारस में यह सभी काम तेजी से पूरे हुए.
80 परसेंट तक पूरा हुआ विश्वनाथ कॉरिडोर का काम
सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर भी इन 4 सालों में लगभग 80% से ज्यादा पूरा हो चुका है. 1 साल का कार्यकाल और बचा है और माना जा रहा है कि अगस्त 2021 में यह बनकर तैयार भी हो जाएगा. हर सेक्टर में योगी सरकार ने बनारस में पूरा ध्यान दिया. केंद्र से आने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन में कहीं कोई कमी ना रहे इसके लिए खुद मुख्यमंत्री ने इसकी बागडोर संभाली है. देर रात तक सड़कों पर उतरकर बनारस में चल रहे विकास कार्यों को देखा और समय-समय पर इनको पूरा करने के निर्देश भी दिये.
काशी के लोग भी योगी सरकार के इस 4 साल के कार्यकाल से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं. व्यापारी वर्ग, छात्र-छात्राएं हर कोई इस सरकार में हुए कार्यों से संतुष्ट है. महिला सुरक्षा से लेकर अन्य मुद्दों पर लोग खुलकर अपनी राय रख रहे हैं और बीती सरकारों से इस सरकार को बेहतर ही मान रहे हैं.
- स्मार्ट सिटी में अब तक 403.39 करोड़ रुपये खर्च हुए
- चिकित्सा और हेल्थ के क्षेत्र में 1723.59 करोड़ रुपये से 25 इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हुआ जिनमें सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल 100 बेड का
- मेटरनिटी विंग समेत कई अन्य कार्य हुए
- एजुकेशन सेक्टर में 133.85 करोड़ ररूपये खर्च हुए
- पेयजल एवं जल निकासी के लिए 1599.56 करोड़ रुपये के कार्य हुए
- सड़क एवं पुल निर्माण में 2179. 35 करोड़ रुपए खर्च हुए
- विद्युतीकरण एवं आपूर्ति सुधार में 1107.7 करोड़ रुपए खर्च हुए
- उद्योग एवं रोजगार के सेक्टर में 535 करोड़ रुपए के काम हुए
- 100 करोड़ रुपए पर्यटन के लिए आवंटित 100 करोड़ों रुपए से शहरी गैस पाइपलाइन वितरण का कार्य प्रगति पर
- 158 करोड़ रुपए से हल्दिया फूलपुर गैस पाइप लाइन का कार्य
- 418 करोड़ रुपए से मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण
- 372 करोड़ से ज्यादा रुपए से आवास एवं भवन निर्माण का कार्य
- 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण प्रगति पर है
- किसान हितों के लिए नेहरू के निर्माण से लेकर पेंशन योजना व अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन जारी है
- 850 करोड़ की लागत से तालाबों का सुंदरीकरण
- 1530 करोड़ की लागत से ट्रास वरुणा क्षेत्र के विभिन्न स्थलों एवं हेरिटेज स्ट्रीट लाइट की स्थापना
- 240 करोड़ की लागत से होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल की स्थापना
- 45 करोड़ की लागत से काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 100 बैठकर मेटरनिटी विंग
- 1000 करोड़ की लागत से महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर की स्थापना
- 42.29 करोड़ की लागत से राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज का निर्माण
- लगभग आठ करोड़ की लागत से शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण
- जापान के सहयोग से 186 करोड़ों रुपए की लागत से नगर निगम परिसर में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निर्माण
- शहर में अलग-अलग स्थानों पर पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए करोड़ों की लागत से कई पार्किंग और मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण