वाराणसी : इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी के तहत कैंट स्टेशन पर नए दौर के आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इसके तहत अभी तक 45 कैमरे लगाए जा चुके हैं, जबकि बाकी के कैमरे लगाने का कार्य 30 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. रेलवे परिसर में संदिग्धों की पहचान के लिए रेलवे बोर्ड ने ये पहल की है. इससे रेल परिसर में प्रवेश करते ही संदिग्ध का हुलिया 4 यूएचडी वीडियो कैमरे में कैद होगा.
चप्पे-चप्पे पर होगी निगरानी
रेलवे परिसर के पार्किंग सहित चप्पे-चप्पे की निगरानी की जाएगी. HD कैमरा में संदिग्धों का चेहरा भी साफ दिखाई देगा. आईपी आधारित सीसीटीवी को ऑप्टिकल फाइबर केबल पर नेटवर्क किया जाएगा. सीसीटीवी की वीडियो के लिए एक कंट्रोल रूम होगा, जहां से आरपीएफ कर्मियों द्वारा कई एलसीडी मॉनिटर पर वीडियो क्लिप देखी जाएगी. इस वीडियो को 30 दिन तक सेव रखा जा सकता है. इसके अलावा जो जरूरी वीडियो होगा, उसको लंबे समय तक सुरक्षित किया जाएगा.
जीआरपी से मांगा गया संदिग्धों का रिकॉर्ड
कैंट रेलवे स्टेशन परिसर में लगाए जा रहे नए दौर से आधुनिक कैमरे इंस्टॉल करने से पहले अपराधी तत्वों का ब्यौरा फीड किया जा रहा है. इसके लिए शातिर अपराधियों का रिकॉर्ड जीआरपी से मांगा गया है. जीआरपी ने अपराधियों के रिकॉर्ड सूचीबद्ध कर संदिग्ध लोगों की जानकारी आरपीएफ को उपलब्ध करा दिया है. वहीं और नए अपराधियों का ब्यौरा प्रयागराज मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद सौंप दिया जाएगा.
इस बाबत आरपीएफ इंस्पेक्टर अनूप सिन्हा ने बताया कि कैमरे लगाने का काम परिसर में तेजी से चल रहा है. मॉनिटरिंग का काम पूरा कर लिया गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सर्वर का काम भी करीब 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है. आगामी 30 दिसंबर तक शेष काम को भी पूरा कर लिया जाएगा.