वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम कर रहे हैं. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्राचीन इतिहास और आर्कियोलॉजी विषय की शिक्षक भर्ती परीक्षा में एकसाथ विश्वविद्यालय के 23 छात्र चयनित हुए हैं. वहीं दूसरी ओर यहां के छात्रों ने UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए 'द 1% क्लब' की शुरुआत की है. UPSC एग्जाम में केवल 1% अभ्यर्थियों का चयन होता है, इसलिए इस क्लब का नाम यही रखा गया है.
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्राचीन इतिहास और आर्कियोलॉजी विषय की शिक्षक भर्ती परीक्षा का बुधवार को रिजल्ट आया है. कुल 42 खाली पदों के लिए परीक्षा कराई गई थी. इसमें इतिहास के 23 शोधार्थी एक साथ बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हुए हैं. बिहार की अलग-अलग स्टेट यूनिवर्सिटी में इस पद के लिए कुल 42 सीटें खाली थीं.
प्रो. सुमन जैन ने पास हुए छात्र-छात्राओं के शुभकामनाएं दी है. उन्होंने बताया कि इतिहास के 23 शोधार्थी एक साथ बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हुए हैं. विभाग के लिए ये गर्व का दिन है. इन छात्रों ने विभाग के साथ ही विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है. इस परीक्षा में चयनित होने वाले सभी 23 छात्र BHU के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग से हैं.
UPSC की तैयारी के लिए 'दी 1% क्लब' की शुरुआत
वहीं, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है. BHU के वैज्ञानिकों और छात्रों ने मिलकर 'द 1% क्लब' की शुरुआत की है. इनका कहना है कि UPSC एग्जाम में केवल 1% अभ्यर्थियों का चयन होता है, इसलिए इस क्लब का नाम यही रखा गया है. इस क्लब में अभी तक वाराणसी और इसके आसपास के जिलों समेत लखनऊ, प्रयागराज के भी छात्रों को शामिल किया गया है.
छात्रों को नोट्स आदि के लिए कराई जाती है फंड की व्यवस्था
'द 1% क्लब' के संचालनकर्ताओं ने बताया कि छात्रों को प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू की तैयारी कराई जा रही है. छात्रों के रूम रेंट से लेकर, नोट्स, स्टडी मटेरियल और पढ़ाई के लिए फंड की भी व्यवस्था कराई जाती है. छात्रों के पास फॉर्म भरने का पैसा न हो तो वो भी दिया जाता है. संचालनकर्ताओं का कहना है कि इसके माध्यम से छात्रों की पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए यूथ पार्लियामेंट, ग्रुप डिस्कसन, निबंध और लेखन प्रतियोगिता, विशेष मेहमानों से इंटरेक्शन आदि किया जाता है. वाराणसी के बाहर के भी छात्र इसमें शामिल हो सकते हैं.
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