वाराणसी: भारत बाकी देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े इसे लेकर पीएम मोदी हर रोज कुछ न कुछ नया प्लान करते रहते हैं. इन सबके बीच पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके द्वारा गोद लिए गांव नागेपुर में महज 14 साल की एक बाल प्रधानमंत्री पीएम मोदी के सपने को पूरा करने की तैयारी कर रही है.
बाल चुनाव हुआ संपन्न
केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और उसका लाभ हर किसी को देने के उद्देश्य से पहली बार बाल संसद का गठन किया गया है. बाल संसद का गांव नागेपुर में पहली बार चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें 475 पात्र 11 वर्ष से 17 वर्ष की उम्र के बच्चों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसके तहत बच्चों ने एक प्रधानमंत्री के साथ पांच अन्य मंत्रिमंडल के सदस्यों को चुना.
यह लोग बाल संसद में कार्य कर बच्चों और महिलाओं की समस्याओं को ग्रामीण लेवल पर अपनी आवाज से बुलंद करेंगे. बाल संसद की पहल का उद्देश्य बच्चों को चुनावी प्रक्रिया से अवगत कराते हुए तमाम उन मुद्दों पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना है.
6 पदों पर चुने गए उम्मीदवार
वाराणसी प्रशासन ने केंद्र सरकार के निर्देश पर ऐसे 4 गांव में बाल संसद का गठन करने की तैयारी की है, जिसकी शुरुआत नागेपुर से की गई है. बाल संसद को एक प्रधानमंत्री, एक उप प्रधानमंत्री और चार मंत्री मिले हैं. हाल ही में राजकीय प्राथमिक विद्यालय नागेपुर में इसका चुनाव और काउंटिंग संपन्न हुई, जिसमें 11 वर्ष से 17 वर्ष की आयु के 475 पात्र बाल मतदाताओं में से 302 बाल मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने प्रत्याशियों को चुना. प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, खेल मंत्री, बाल स्वास्थ्य और पोषण मंत्री, संस्कृति मंत्री और बाल संरक्षण मंत्री सहित कुल 6 पदों पर 24 उम्मीदवारों में से 6 प्रत्याशियों को जीत मिली. प्रधानमंत्री का पद 14 साल की आकांक्षा राजभर को मिला.
आकांक्षा ने विकास के लिए कर रखी है तैयारी
आकांक्षा का कहना है कि गांव का विकास हो, गांव में कन्या विद्यालय और कॉलेज खुले यह कार्य का मुख्य एजेंडा होगा. गांव में शराब पीने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी आकांक्षा ने कर ली है. आकांक्षा के मंत्री मंडल में वर्तमान में 13 साल का शुभम यादव बतौर डिप्टी पीएम, 13 साल का चंदानी पर्यावरण मंत्री, 15 साल की रूप कुमारी बाल संरक्षण और चाइल्डलाइन मंत्री, 12 साल का जंग बहादुर खेल कौशल विकास और संस्कृति मंत्री और 14 साल का गौरव स्वास्थ्य और पोषण मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं.
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प्रधानमंत्री सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्य कक्षा 8 से दसवीं तक के छात्र-छात्राएं हैं. मंत्रिमंडल के सदस्य बच्चों कि शिक्षा के साथ महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और महिला सशक्तिकरण के साथ गांव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाए. स्थानीय लोग भी इस नए प्रयास से बेहद खुश हैं. गांव के लोगों का कहना है कि बच्चों की तरफ से किया जा रहा है यह प्रयास निश्चित तौर पर बदलाव का बड़ा संकेत है.