वाराणसीः भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री पुरस्कार लेने को काशी के 125 वर्ष के शिवानंद बाबा पहुंचे. बाबा ने सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति को साष्टांग प्रणाम किया. उनके साष्टांग करने पर पीएम मोदी कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए और उन्होंने झुककर प्रणाम किया. कुछ दिन पहले ETV भारत से शिवानंद बाबा ने खास बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने बंगाल से काशी तक की यात्रा और अपने 125 वर्ष की जीवन शैली के बारे में बताया था. बाबा वाराणसी के कबीर नगर स्थित एक छोटे से कमरे में रहते हैं.
स्वामी शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को वर्तमान के बांग्लादेश सिलेट हरिपुर गांव में हुआ था. यही उम्र बाबा के आधार कार्ड और वोटर कार्ड पर भी अंकित है. बाबा पूरी तरह स्वस्थ हैं, जिसकी वजह प्रतिदिन योग, प्राणायाम और घरेलू औषधियों का सेवन है. बाबा ब्रम्हचर्य जीवन का पालन करते हैं और कभी दूध चीनी और तेल से बना कोई पदार्थ ग्रहण नहीं करते हैं.
बाबा के आश्रम में आने का नियम भी अनोखा है, यहां पर आपको खाली हाथ आना होता है. बाबा बिना भोजन किए आपको आश्रम से नहीं लौटने देंगे. वह स्वयं अपने हाथ से परोस कर आने वाले सभी लोगों को भोजन देते हैं. वहीं राजनीतिक हस्तियों की अगर बात करें तो पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणब मुखर्जी मिले थे. वहीं ममता बनर्जी के साथ ही शिल्पा शेट्टी कुंद्रा भी बाबा के मुरीद हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने बाबा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था.
शिवानंद बाबा का वोटर लिस्ट में नाम वर्ष 2019 में शामिल हुआ और सबसे पहले उन्होंने वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट दिया था उस समय भी इंटरव्यू में कहा था कि मोदी अच्छा कार्य कर रहे हैं.
वहीं ETV भारत से खास बातचीत करते हुए स्वामी शिवानंद बाबा ने आगे बताया कि सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद. मेरी उम्र 125 पूर्ण करके 126 चल रही है. उन्होंने कहा कि मैं सुबह 3 बजे उठता हूं और नित्यक्रम करके योगा करता हूं. उन्होंने बताया कि वे हमेशा उबला हुआ भोजन ग्रहण करते हैं. दूध और फल कभी ग्रहण नहीं किया. बाबा ने कहा कि सभी को योगा करना चाहिए, योगा करने से किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती है और रोगों से दूर रहते हैं.
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