वाराणसीः दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती बुधवार को अलग अंदाज में हुई. पहले पूरे विधि विधान से मां गंगा का पूजन-अर्चन किया गया. वैदिक मंत्रों के साथ ब्राह्मणों ने मां भागीरथी का पूजन किया. देश के कोने-कोने से आए भक्त इस महाआरती में शामिल हुए. इसके बाद 1001 दीये जलाए गए. शुभ दीपावली की आकृति में दीयों को सजाया गया.
गंगा सेवा निधि के सुशांत मिश्रा ने बताया कि गंगा सेवा निधि हर वर्ष दीपोत्सव पर दशाश्वमेध घाट को 1001 दीयों से जगमग करती है. इसी क्रम में बुधवार को संस्था के सदस्यों ने शाम 5 बजे से दीयों को घाट पर सजाना शुरू कर दिया. अंधेरा होते ही दीपकों को जलाया गया. इन दीपकों की रोशनी में दशश्वमेध घाट पर देवलोक की अनुभूति हुई. उन्होंने बताया कि हर की तरह इस वर्ष भी गंगा आरती के दौरान शुभ दीपावली की आकृति में दीयों को सजाकर पूरे देश को दीपावली की शुभकामनाएं दी गई.
ग्राउंड को भी दीपों और रंगोली से सजाया
वाराणसी के संपूर्णानंद स्टेडियम को खिलाड़ियों ने दीपों से सजा सजाया. इस मौके पर सभी ने कोर्ट पर गणेश-लक्ष्मी का पूजन-अर्चन कर आतिशबाजी भी की. ग्राउंड पर कई तरह की रंगोली बनाई गई. दीपों और मोमबत्ती से हॉकी, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, फुटबॉल, लॉन्ग जंप कोर्ट को सजाया गया. खिलाड़ी रोशनी वर्मा ने बताया बॉस्केटबॉल पिच को साफ-सुथरा करके विभिन्न प्रकार के रंगोली बनाई है और मोमबत्तियों से सजाया है. कोच विकास सोनकर ने बताया कि प्रत्येक छोटी दीपावली को हम ग्राउंड पर दीपावली मनाते हैं. यह परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है.