उन्नावः बीघापुर विकासखंड की ग्रामसभा मगरायर में विशाल दंगल का आयोजन किया गया. यह ऐतिहासिक दंगल है, जो बीते कई सालों से होती चली आ रही है. गांव वाले मिलकर एकता के प्रतीक के साथ दंगल का आयोजन करते हैं. यहां दंगल देखने लिए दूर-दूर गांवों के लोग आते हैं. दंगल के दांव-पेंच देखने व पसंदीदा खिलाड़ी की जीत पर कहीं तालियां बजती हैं तो खुद के खिलाड़ी का दांव उलटा देख लोग हौसला अफजाई करते नजर आते हैं.
जहां मिली जगह वहीं बैठे लोग
इस दौरान जिसको जहां जैसे जगह मिली वह वहीं बैठ गया. दंगल में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं काफी सालों से दंगल में आ रहे पहलवान अपने परिवार और अपनी कमाई के जरिये ही इस खेल में जान डाले हुए हैं. दंगल में आए पहलवान बब्बी ने बताया कि वह अपने अखाड़े और गुरु के लिए पहलवानी करते हैं. बब्बी ने बताया कि अपने खर्चों को मैनेज करने के लिए घर वालों से पैसे लेते हैं और जब पहलवानी शुरू करते हैं तो अखाड़ों से कुछ पैसा मिल जाया करता है.
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पहलवानों को सरकार से मदद की उम्मीद
वहीं राहुल पहलवान ने बताया कि वह किसी तरह अपना खर्चा मैनेज करते हैं. कई बार घरवाले मैनेज करवाते हैं. वहीं राहुल पहलवान ने सरकार से दंगल के लिए बजट देने की मांग की. पहलवान ने कहा कि बजट दिया जाना चाहिए. सबसे ज्यादा मेहनत इस खेल के अंदर होती है. इस खेल के लिए खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा मेहनत अपनी डाइट पर करनी होती है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पहलवान ऐसा नहीं कर पाते हैं. यदि सरकार कुश्ती के लिए बजट का इंतजाम कर दे तो कई प्रतिभाएं निकल सामने आएंगी और देश का नाम रोशन करेंगी.