उन्नाव: जहां योगी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, वहीं उन्नाव में परिषदीय स्कूलों के बच्चों की सुविधा पर खर्च होने वाले ग्रांट पर कमीशन हावी है. यही वजह है कि कंपोजिट ग्रांट के तहत स्कूलों में होने वाला कायाकल्प नहीं हो पा रहा है. वहीं ताजा मामला उन्नाव के नवाबाद ग्रांट स्थित प्राथमिक विद्यालय का है. जहां की प्रधान शिक्षिका सीमा ने उपजिलाधिकारी को बीईओ के खिलाफ दिए गए एक शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि उससे कंपोजिट ग्रांट में सुविधा शुल्क मांगी जा रही है. शिक्षक से जो रुपये मांगे गए थे उसे देते हुए शिक्षक ने वीडियो बनाकर उसकी फुटेज प्रशासनिक व विभाग के उच्च अधिकारियों को दी है.
कंपोजिट ग्रांट में सुविधा शुल्क मांगने का आरोप
ग्राम नवाबाद ग्रांट स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षिका सीमा ने बीईओ के खिलाफ आरोप लगाया है कि बीईओ, उससे कंपोजिट ग्रांट में से आधा पैसा सुविधा शुल्क के रूप में मांग रहे थे. जब उसने सुविधा शुल्क का पैसा बीईओ को दिया तो उन्होंने लेने से मना कर दिया क्योंकि उनके ऑफिस में कई अन्य लोग बैठे थे. उन्होंने कहा कि वह यहां नहीं लेंगे.
उपजिलाधिकारी को दिया शिकायत पत्र
वहीं शिक्षिका सीमा ने उपजिलाधिकारी को बीईओ के खिलाफ पत्र दिया है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि कंपोजिट ग्रांट में सुविधा शुल्क की मांग बीईओ उनसे कर रहे हैं. वहीं पैसे देने का फुटेज भी शिक्षिका ने उपजिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों को भेजा है.
बीईओ ने बताया निराधार हैं आरोप
वही बीईओ ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि दोनों शिक्षक स्कूल में जांच करने पर अवरोध उत्पन्न करते हैं, इनका दिया गया प्रार्थना पत्र निराधार है. उन्होंने बताया कि वह शिक्षक के स्कूल में जांच करने गए थे. जहां कई अनियमितताएं पाई गईं थीं, जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें जो पैसे दिख रहे हैं, वह शिक्षिका ने जबरदस्ती उनकी मेज पर रख कर वीडियो बनाया है. उन्होंने किसी भी पैसे की मांग नहीं की है.
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे ने बताया कि पूरे मामले की जांच करते हुए जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं उप जिलाधिकारी ने भी शिक्षिका के द्वारा प्राप्त पत्र पर जांच की बात कही है.