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'वर्दी वाला समोसा' खाने के लिए यहां ट्रेन भी छोड़ हैं यात्री

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Published : Jan 3, 2020, 10:37 AM IST

उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेलवे स्टेशन पर वर्दी वाला समोसा खाने के लिए लोग अपनी छोड़ भी छोड़ देते हैं. यात्री कहते हैं कि इस समोसे का स्वाद काफी लजीज है और कई शहरों में मशहूर है.

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इस लजीज समोसे से की ओर खींचे आते है लोग.

उन्नाव: दिल्ली-लखनऊ रुट पर ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्री कानपुर और लखनऊ के बीच उन्नाव रेलवे स्टेशन पर बिकने वाले वर्दी वाले समोसे का स्वाद चखना नहीं भूलते. यात्रियों की मानें तो समोसे का ऐसा लजीज स्वाद कहीं और नहीं मिलता है. इसी वजह से उन्नाव का ये वर्दी वाला समोसा कई शहरों तक मशहूर है. ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म पर रुकती है, यात्रियों की निगाहें अपने आप खाकी वर्दी पहने उस शख्स को तलाशने लगती है, जिसके हाथ में समोसे की टोकरी हो.

इस लजीज समोसे से की ओर खींचे आते है लोग.


खाकी वर्दी पहने हाथों में टोकरी लेकर समोसे-समोसे की आवाज सुनते ही लोग अपने आप उस ओर खिंचे चले आते हैं. रोजाना सफर करने वाले लोग तो समोसे का स्वाद लेना बिल्कुल भी नहीं भूलते. शायद यही वजह है कि एक वर्दी वाला लगभग 300 समोसे रोजाना बेच लेता है. एक समोसे पर उसको एक रुपया कमीशन मिलता है. दरअसल, समोसा बनाने के दौरान आलू से लेकर मसालों को वजन करके सही मात्रा में डालना इसके स्वाद की अहम वजह है.

इस समोसे के लिए यात्री छोड़ देते हैं ट्रेन
लगभग 10 सालों से वर्दी वाला समोसा बेच रहे दिनेश तिवारी की मानें तो यहां का समोसा वर्दी वाले समोसे के नाम से मशहूर है. इसके जैसा स्वाद कहीं और नहीं मिलता. एक समोसे की कीमत 5 रुपये है, जिसमें एक रुपये उनका कमीशन बनता है. उनका कहना है कि वर्दी पहने और बिल्ला लगाए समोसे को टोकरी में भरकर हमलोग प्लेटफॉर्म की ओर निकल जाता हैं और ट्रेन आते ही दौड़ लगा देते हैं. वहीं यात्रियों से जब हमने बात की तो वर्दी वाले समोसे के वो दीवाने नजर आए. यात्रियों ने बताया कि कभी-कभी समोसे के चक्कर में ट्रेन को भी छोड़ देते हैं.

इसे भी पढ़ें- शामली: पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, एक बदमाश घायल

उन्नाव: दिल्ली-लखनऊ रुट पर ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्री कानपुर और लखनऊ के बीच उन्नाव रेलवे स्टेशन पर बिकने वाले वर्दी वाले समोसे का स्वाद चखना नहीं भूलते. यात्रियों की मानें तो समोसे का ऐसा लजीज स्वाद कहीं और नहीं मिलता है. इसी वजह से उन्नाव का ये वर्दी वाला समोसा कई शहरों तक मशहूर है. ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म पर रुकती है, यात्रियों की निगाहें अपने आप खाकी वर्दी पहने उस शख्स को तलाशने लगती है, जिसके हाथ में समोसे की टोकरी हो.

इस लजीज समोसे से की ओर खींचे आते है लोग.


खाकी वर्दी पहने हाथों में टोकरी लेकर समोसे-समोसे की आवाज सुनते ही लोग अपने आप उस ओर खिंचे चले आते हैं. रोजाना सफर करने वाले लोग तो समोसे का स्वाद लेना बिल्कुल भी नहीं भूलते. शायद यही वजह है कि एक वर्दी वाला लगभग 300 समोसे रोजाना बेच लेता है. एक समोसे पर उसको एक रुपया कमीशन मिलता है. दरअसल, समोसा बनाने के दौरान आलू से लेकर मसालों को वजन करके सही मात्रा में डालना इसके स्वाद की अहम वजह है.

इस समोसे के लिए यात्री छोड़ देते हैं ट्रेन
लगभग 10 सालों से वर्दी वाला समोसा बेच रहे दिनेश तिवारी की मानें तो यहां का समोसा वर्दी वाले समोसे के नाम से मशहूर है. इसके जैसा स्वाद कहीं और नहीं मिलता. एक समोसे की कीमत 5 रुपये है, जिसमें एक रुपये उनका कमीशन बनता है. उनका कहना है कि वर्दी पहने और बिल्ला लगाए समोसे को टोकरी में भरकर हमलोग प्लेटफॉर्म की ओर निकल जाता हैं और ट्रेन आते ही दौड़ लगा देते हैं. वहीं यात्रियों से जब हमने बात की तो वर्दी वाले समोसे के वो दीवाने नजर आए. यात्रियों ने बताया कि कभी-कभी समोसे के चक्कर में ट्रेन को भी छोड़ देते हैं.

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Intro:उन्नाव:-अगर आप दिल्ली लखनऊ रुट पर ट्रेन से यात्रा कर रहे तो कानपुर और लखनऊ के बीच उन्नाव रेलवे स्टेशन के वर्दी वाले समोसे का स्वाद जरूर लीजिएगा क्योकि समोसे का ऐसा लजीज स्वाद आपको कही और नही मिलेगा और इसी वजह से उन्नाव का ये वर्दी वाला समोसा कई शहरों तक मशहूर है ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म पर रुकती है यात्रियों की निगाहें अपने आप खाकी वर्दी पहने उस शख्स को तलाशने लगती है जिसके हाथ मे समोसे की टोकरी हो।खाकी वर्दी पहने हाथों में टोकरी लेकर समोसे समोसे की आवाज सुनते ही लोग अपने आप उधर खिंचे चले जाते है रोजाना सफर करने वाले लोग तो यहाँ के समोसे का स्वाद लेना बिल्कुल भी नही भूलते शायद यही वजह है एक वर्दी वाला लगभग 300 समोसे रोजाना बेच लेता और एक समोसे पर उसको एक रूप्येक कमीशन मिलता है आइए अब जानते है इसकी खासियत के बारे में दरहसल समोसा बनाने के दौरान आलू से लेकर मसालों को वजन करके सही मात्रा में डालना इसके स्वाद की अहम वजह है।





Body:उन्नाव रेलवे स्टेशन पर जैसे ही किसी प्लेटफार्म पर ट्रेन हॉर्न मारकर रुकती है खाकी वर्दी पहले हाथों में समोसे के टोकरी लेकर दौड़ पड़ते है और यात्री भी उतनी ही ललक से उन्नाव रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकने का इंतजार करते है क्योकि यहॉ का वर्दी वाला समोसा बहुत दूर तक मशहूर है क्योकि यहॉ के समोसे का स्वाद और किसी स्टेशन पर नही मिलता और यहां के समोसे के स्वाद के पीछे की खास वजह ये है कि समोसा बनाने के लिए सभी मानकों को ध्यान में रखा जाता है फिर वो चाहे आलू हो या फिर मसाला और नमक संतुलित मात्रा में तराजू कांटे से वजन करके मिलाया जाता है उसके बाद मसाले को भरकर लज़ीज़ समोसा तैयार किया जाता है जिसके बाद वर्दी पहने और बिल्ला लगाए वेंडर समोसे को टोकरी में भरकर प्लेटफार्म की ओर निकल जाता है और ट्रेन आते ही दौड़ लगा देता है लगभग 10 सालों से वर्दी वाला समोसा बेच रहे दिनेश तिवारी की माने तो यहां का समोसा वर्दी वाले समोसे के नाम से मशहूर है और इसके जैसा स्वाद कही और नही मिलता और एक समोसे की कीमत 5 रुपये है जिसमे 1 रुपये उनका कमीशन बनता है।

बाईट--कैलाश (ठेकेदार)
बाईट--दिनेश तिवारी (वेंडर)





Conclusion:वही यात्रियों से जब हमने बात की तो वर्दी वाले समोसे के तो वो दीवाने थे उनका कहना है की कभी कभी समोसे के चक्कर मे ट्रेन को भी छोड़ देते है।

बाईट--शुभम (यात्री)
बाईट--राहुल (यात्री)

वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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