उन्नाव: वकालत की डिग्री हासिल कर खुद को अधिवक्ता बताने वाले लोगों पर अब बार काउंसिल ऑफ यूपी ने नजर टेढ़ी कर दी है. ऐसे लोग जो सिर्फ वकालत की डिग्री लिए हुए हैं और कचहरी में प्रैक्टिस नहीं करते हैं. बार काउंसिल ने उनसे मत के प्रयोग का अधिकार छीन लिया है. बार काउंसिल के नए आदेश के मुताबिक बार एसोसिएशन के चुनाव में अब सिर्फ वहीं अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जो प्रैक्टिस में हैं.
- जिले में 24 जुलाई को बार एसोसिएशन के होने वाले चुनाव में अब वही अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे जो वकालत की प्रैक्टिस कर रहे हैं.
- नॉन प्रैक्टिशियन अधिवक्ताओं को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने मताधिकार से वंचित कर दिया है.
- बार काउंसिल के आदेश के मुताबिक जिन अधिवक्ताओं के पास सिर्फ वकालत की डिग्री है और वो प्रैक्टिस में नहीं हैं.
- ऐसे अधिवक्ताओं को बार काउंसिल के चुनाव में मताधिकार का अधिकार नहीं है.
- बार काउंसिल ने प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताओं की सूची तैयार करके उन्नाव बार एसोसिएशन को भेजी है.
- 24 जुलाई को होने वाले बार के चुनाव में अब वही अधिवक्ता ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
- बार काउंसिल के इस कदम को लेकर अधिवक्ताओ में खुशी का माहौल है.
बार काउंसिल के इस कदम से चुनाव में मतों की ठेकेदारी करने वाले नॉन प्रैक्टिशियन वकीलों से निजाद मिलेगी. क्योंकि वकालत की डिग्री हासिल कर नॉन प्रैक्टिशियन वकील चुनाव को भी प्रभावित करते हैं.
-आदित्य चंदेल, सदस्य बार एसोसिएश