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हत्या के मामले में दो सगे भाईयों को आजीवन कारावास, 50 हजार जुर्माना

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Published : Dec 17, 2022, 9:52 AM IST

उन्नाव जिला एवं सत्र न्यायालय ने 9 साल पहले पिता के सामने बेटे की हत्या करने वाले दो आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावासा की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

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उन्नाव जिला एवं सत्र न्यायालय

उन्नावः गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के हाजीपुर गांव निवासी एक युवक की 9 साल पहले रंजिश के चलते पिता के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या करने वाले दो सगे भाइयों को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए शुक्रवार को अंतिम सुनवाई के बाद दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के हाजीपुर गांव के रहने वाले मुकेश कुमार ने 30 मई 2013 को कोतवाली में बेटे की हत्या की रिपोर्ट लिखवाई थी. मुकेश के अनुसार 29 मई 2013 की रात करीब 10:00 बजे बाइक से उसका बेटे अंकित के साथ कानपुर रिश्तेदारी जा रहा था. वे कनिका मऊ गांव के पास स्थित पीपल के पेड़ के नीचे पहुंचे ही थे, तभी सामने से बाइक की रोशनी में गांव के दो व्यक्ति विक्रम सिंह व उसका भाई शिवबालक सिंह दिखे. दोनों ने बाइक रोक ली और गाली गलौज करने लगे. गाली देने से मना करने पर शिवबालक सिंह ने भाई विक्रम सिंह से गोली मारने को कहा. विक्रम ने तमंचे से बेटे अंकित को गोली मारकर हत्या कर दी और भाग निकले.

वहीं, मुकेश कुमार की प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर नामजद दोनों भाइयों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. बाद में दोनों को जमानत मिल गई थी, लेकिन मुकदमे के विवेचक तत्कालीन थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था. शुक्रवार को अंतिम सुनवाई अपर जिला जज प्रथम की कोर्ट में हुई सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अजय की तरफ से पेश की गई दलीलों को सही ठहराते हुए न्यायाधीश अल्पना सक्सेना ने दोनों भाइयों को हत्या का दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुना दी. वहीं, दोनों भाइयों पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.

पढ़ेंः हत्या मामले में चाचा भतीजे सहित 3 को उम्रकैद, 35 साल पहले हुई थी घटना

उन्नावः गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के हाजीपुर गांव निवासी एक युवक की 9 साल पहले रंजिश के चलते पिता के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या करने वाले दो सगे भाइयों को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए शुक्रवार को अंतिम सुनवाई के बाद दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के हाजीपुर गांव के रहने वाले मुकेश कुमार ने 30 मई 2013 को कोतवाली में बेटे की हत्या की रिपोर्ट लिखवाई थी. मुकेश के अनुसार 29 मई 2013 की रात करीब 10:00 बजे बाइक से उसका बेटे अंकित के साथ कानपुर रिश्तेदारी जा रहा था. वे कनिका मऊ गांव के पास स्थित पीपल के पेड़ के नीचे पहुंचे ही थे, तभी सामने से बाइक की रोशनी में गांव के दो व्यक्ति विक्रम सिंह व उसका भाई शिवबालक सिंह दिखे. दोनों ने बाइक रोक ली और गाली गलौज करने लगे. गाली देने से मना करने पर शिवबालक सिंह ने भाई विक्रम सिंह से गोली मारने को कहा. विक्रम ने तमंचे से बेटे अंकित को गोली मारकर हत्या कर दी और भाग निकले.

वहीं, मुकेश कुमार की प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर नामजद दोनों भाइयों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. बाद में दोनों को जमानत मिल गई थी, लेकिन मुकदमे के विवेचक तत्कालीन थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था. शुक्रवार को अंतिम सुनवाई अपर जिला जज प्रथम की कोर्ट में हुई सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अजय की तरफ से पेश की गई दलीलों को सही ठहराते हुए न्यायाधीश अल्पना सक्सेना ने दोनों भाइयों को हत्या का दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुना दी. वहीं, दोनों भाइयों पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.

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