उन्नाव : बारासगवर थाना क्षेत्र स्थित लालमन खेड़ा गांव के रहने वाले वीरेंद्र के चार मासूम बच्चे बीते रविवार को बिजली की चपेट में आने से मौत के मुंह में समा गए थे. चार बच्चों की एक साथ दर्दनाक मौत से मां-बाप बदहवास अवस्था में हैं. बच्चों की मौत के सदमे में पिता वीरेंद्र ने जहरीला पदार्थ निकल लिया. जब वीरेंद्र से पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसने कहा कि बच्चों की याद में यह कदम उठाया.
घर में नहीं बन पाई खीर तो बाजार से बच्चों के लिए ले आया था मिठाई
जिला अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी में वीरेंद्र का इलाज चल रहा है. वीरेंद्र ने बताया कि बच्चों ने मां से खीर खाने की इच्छा जताई थी. लेकिन खीर नहीं बन पाई तो वह बाजार से बच्चों के लिए पेड़ा लेकर आया. वीरेंद्र ने आखिरी बार अपने बच्चों को खिलखिलाते देखा था. वह यही यादकर बिलख-बिलखकर रोता रहा. वहीं परिवार और गांव में भी लोग एक साथ चार बच्चों की मौत से सदमे में हैं. वीरेंद्र के घरवाले भी बच्चों को यादकर रोते रहे.
पंखे में उतरे करंट से हो गई थी चार बच्चों की मौत
लालमन खेड़ा गांव के रहने वाले वीरेंद्र कुमार के चार बच्चे मयंक (9), हिमांशी (8), हिमांक (6), मानसी (4) की घर में पंखे में करंट उतरने से दर्दनाक मौत हो गई थी. बीते सोमवार की शाम परिजनों की मौजूदगी में बक्सर घाट पर चारों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया. मंगलवार दोपहर पिता वीरेंद्र कुमार ने जहरीला पदार्थ निगल लिया. जिससे उसकी हालत बिगड़ गई. आनन-फानन उसे उपचार के लिए बीघापुर सीएचसी में भर्ती कराया गया. जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. बताया जा रहा है कि वीरेंद्र की हालत स्थिर है. जिला अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी में इलाज चल रहा है. बच्चों की मौत के बाद उस गांव का हर व्यक्ति मायूस है. अंतिम संस्कार में गांव के लोग भी रो पड़े थे.
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