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शिक्षक दिवस विशेष: संस्कृत के एक ऐसे आचार्य जिनको यूनिवर्सिटी करेगी दूसरी बार सम्मानित

उन्नाव के रहने वाले सेवानिवृत्त अध्यापक डॉ. ओम नारायण मिश्र को वैसे तो तमाम उपाधियां, सम्मान मिल चुके हैं, मगर एक बार फिर शिक्षक दिवस पर उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सम्मान मिलने जा रहा है. यह सम्मान कोई और नहीं बल्कि जहां से उन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी की वही छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी सम्मान देगी. यह सम्मान उनको आज यानि शिक्षक दिवस के मौके पर मिलने जा रहा है. उनकी इस उपलब्धि पर ईटीवी भारत की टीम ने भी उनसे बात की.

शिक्षक दिवस विशेष
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Published : Sep 5, 2021, 6:23 AM IST

उन्नाव: कहते हैं किसी राष्ट्र का निर्माता उस राष्ट्र का शिक्षक होता है. उन्नाव में भी एक ऐसे शिक्षक हैं जिनको राष्ट्र निर्माता कहे तो कोई गुरेज नहीं होगा. संस्कृत विषय से पीएचडी करने वाले सेवानिवृत्त अध्यापक डॉ. ओम नारायण मिश्र उन्नाव के रहने वाले हैं, जो अब रिटायर हो चुके हैं. लेकिन उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कानपुर में स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को शिक्षक दिवस पर, यानी आज मिलेगा.




जिस यूनिवर्सिटी में पढ़े वही करेगी सम्मानित

आपको बता दें डॉक्टर ओम नारायण मिश्र ने कानपुर से अपनी सारी शिक्षा दीक्षा ग्रहण की इंटर के बाद की शिक्षा ओम नारायण मिश्र ने कानपुर यूनिवर्सिटी से की जबकि कई क्षेत्रों में कई विषयों की पढ़ाई अन्य विश्वविद्यालयों से भी पूरी की. वहीं जिस कानपुर यूनिवर्सिटी में पढ़कर ओम नारायण मिश्र, डॉक्टर ओम नारायण मिश्र बने उसी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के द्वारा डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को सम्मानित किया जा रहा है. इस सम्मान की घोषणा होते ही जैसे ही डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को पता चला तो वह काफी खुश हुए.

शिक्षक दिवस विशेष
कई विषयों में पारंगत
डॉक्टर ओम नारायण मिश्र की यदि शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने तीन विषयों में मास्टर कोर्स (संस्कृत, हिंदी, राजनीति) और तीन विषयों में आचार्य (साहित्य, आयुर्वेद,पुराण इतिहास), B.ed और एलएलबी के साथ ही पीएचडी, संस्कृत के अथर्ववेद में आयुर्वेद से की है, वहीं पीएचडी करने के बाद स्मृतियों में वर्णित राज शास्त्र का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन करने के चलते कानपुर यूनिवर्सिटी में महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने 2003 में डी लिट की उपाधि से डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को सम्मानित किया था. वहीं उत्कृष्ट कार्य के चलते डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश में मध्य प्रदेश बुलाकर सम्मानित करने का काम किया था.
योगदान
डॉक्टर ओम नारायण मिश्र के योगदान की बात की जाए तो छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में उन्होंने शोध पर्यवेक्षक,अतिथि व्याख्याता, पेपर सेटर व परीक्षक के रूप में कार्य किया है इसके अलावा डॉक्टर ओम नारायण मिश्र आगरा विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी विश्वविद्यालय, रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली, फैजाबाद विश्वविद्यालय, जौनपुर विश्वविद्यालय में पेपर सेटर एग्जामिनर का काम कर चुके हैं. वहीं दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित दिल्ली संस्कृत अकादमी की अंतरराष्ट्रीय दो संगोष्ठियों में शोध पत्रिका के वचन का काम डाटा ऑन एडमिन के द्वारा 2005 व 2007 में किया गया.
उपलब्धियां
डॉक्टर ओम नारायण मिश्र की उपलब्धियों की बात की जाए तो इन्होंने 12 लोगों को अपने अधीन रखकर संस्कृत विषय से पीएचडी करा चुके हैं. वहीं समसामयिक समस्याओं से संबंध शोध पत्रों का प्रादेशिक संगोष्ठी में वाचन व प्रकाशन भी डॉक्टर ओम नारायण मिश्र के द्वारा 2018 तक किया गया. इनके डीलिट का टॉपिक था "स्मृतियों में वर्णित समाजशास्त्र का आधुनिक परिपेक्ष में मूल्यांकन" जिसके लिए इन्हें डीलिट से सम्मानित किया गया था इन्होंने 25 से ऊपर शोध पत्र प्रकाशित किए हैं इनका पहला शोध पत्र 1980 में आया था. डॉक्टर ओम नारायण मिश्र की सेवा की बात की जाए तो उन्होंने उन्नाव में स्थित डीएसएन पीजी कॉलेज में संस्कृत विभाग में प्राचार्य के रूप में कार्य किया है. इस कॉलेज में इनकी सेवा 2 जनवरी 1984 से शुरू हुई थी और 30 जून 2018 को यह सेवानिवृत्त हो गए. सेवानिवृत्त के बाद भी पुस्तकें पढ़ना यूनिवर्सिटी के पेपर सेट करना इनके दैनिक क्रियाकलापों में शामिल है.
सम्मानित होना गौरवपूर्ण

ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर ओम नारायण मिश्र ने बताया कि यह बहुत ही गौरव की बात है कि उन्हें यूनिवर्सिटी में सम्मानित किया जाएगा उन्होंने कहा कि इसके लिए वह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को धन्यवाद देते हैं, कि कम से कम इतने समय बाद उन्होंने अपने यूनिवर्सिटी के अध्यापकों के बारे में सम्मानित करने के लिए सोचा. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय रूप में कई बार सम्मानित हो चुके हैं लेकिन दीपक के नीचे अंधेरा कहावत यहां चरित्रार्थ हो रही है कि इतने समय बाद सेवानिवृत्त के बाद हमको सम्मानित किया जाएगा.
सभी का सम्मान करें छात्र
वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत में डॉक्टर ओम नारायण मिश्र ने बताया कि जो आधुनिक युग में जो बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके लिए कहा कि प्रत्येक छात्र को सभी का सम्मान करना चाहिए एवं अपने मुख से कुछ ऐसे शब्द न निकाले जिससे किसी को ठेस पहुंचे, साथ ही उन्होंने आधुनिक जगत में शिक्षकों के बारे में बात करते हुए कहा कि आजकल के बहुत सारे शिक्षक सिर्फ अपना कोर्स खत्म करना चाहते हैं. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए शिक्षक को जो कोर्स है वह बच्चे को इस कदर समझाना चाहिए जिससे उसे पूरी तरीके से समझ में आ जाए. शिक्षक को अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है

साथ ही उन्होंने कहा कि जो छात्रों को शिक्षा दी जाती है उसको इस कदर सरल भाषा में शिक्षा दी जाए जो उसके आसपास दैनिक जीवन में प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं पर आधारित हो जिससे वह विषय उनके ज्यादा समझ में आएगा.

उन्नाव: कहते हैं किसी राष्ट्र का निर्माता उस राष्ट्र का शिक्षक होता है. उन्नाव में भी एक ऐसे शिक्षक हैं जिनको राष्ट्र निर्माता कहे तो कोई गुरेज नहीं होगा. संस्कृत विषय से पीएचडी करने वाले सेवानिवृत्त अध्यापक डॉ. ओम नारायण मिश्र उन्नाव के रहने वाले हैं, जो अब रिटायर हो चुके हैं. लेकिन उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कानपुर में स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को शिक्षक दिवस पर, यानी आज मिलेगा.




जिस यूनिवर्सिटी में पढ़े वही करेगी सम्मानित

आपको बता दें डॉक्टर ओम नारायण मिश्र ने कानपुर से अपनी सारी शिक्षा दीक्षा ग्रहण की इंटर के बाद की शिक्षा ओम नारायण मिश्र ने कानपुर यूनिवर्सिटी से की जबकि कई क्षेत्रों में कई विषयों की पढ़ाई अन्य विश्वविद्यालयों से भी पूरी की. वहीं जिस कानपुर यूनिवर्सिटी में पढ़कर ओम नारायण मिश्र, डॉक्टर ओम नारायण मिश्र बने उसी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के द्वारा डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को सम्मानित किया जा रहा है. इस सम्मान की घोषणा होते ही जैसे ही डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को पता चला तो वह काफी खुश हुए.

शिक्षक दिवस विशेष
कई विषयों में पारंगत
डॉक्टर ओम नारायण मिश्र की यदि शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने तीन विषयों में मास्टर कोर्स (संस्कृत, हिंदी, राजनीति) और तीन विषयों में आचार्य (साहित्य, आयुर्वेद,पुराण इतिहास), B.ed और एलएलबी के साथ ही पीएचडी, संस्कृत के अथर्ववेद में आयुर्वेद से की है, वहीं पीएचडी करने के बाद स्मृतियों में वर्णित राज शास्त्र का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन करने के चलते कानपुर यूनिवर्सिटी में महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने 2003 में डी लिट की उपाधि से डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को सम्मानित किया था. वहीं उत्कृष्ट कार्य के चलते डॉक्टर ओम नारायण मिश्र को महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश में मध्य प्रदेश बुलाकर सम्मानित करने का काम किया था.
योगदान
डॉक्टर ओम नारायण मिश्र के योगदान की बात की जाए तो छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में उन्होंने शोध पर्यवेक्षक,अतिथि व्याख्याता, पेपर सेटर व परीक्षक के रूप में कार्य किया है इसके अलावा डॉक्टर ओम नारायण मिश्र आगरा विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी विश्वविद्यालय, रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली, फैजाबाद विश्वविद्यालय, जौनपुर विश्वविद्यालय में पेपर सेटर एग्जामिनर का काम कर चुके हैं. वहीं दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित दिल्ली संस्कृत अकादमी की अंतरराष्ट्रीय दो संगोष्ठियों में शोध पत्रिका के वचन का काम डाटा ऑन एडमिन के द्वारा 2005 व 2007 में किया गया.
उपलब्धियां
डॉक्टर ओम नारायण मिश्र की उपलब्धियों की बात की जाए तो इन्होंने 12 लोगों को अपने अधीन रखकर संस्कृत विषय से पीएचडी करा चुके हैं. वहीं समसामयिक समस्याओं से संबंध शोध पत्रों का प्रादेशिक संगोष्ठी में वाचन व प्रकाशन भी डॉक्टर ओम नारायण मिश्र के द्वारा 2018 तक किया गया. इनके डीलिट का टॉपिक था "स्मृतियों में वर्णित समाजशास्त्र का आधुनिक परिपेक्ष में मूल्यांकन" जिसके लिए इन्हें डीलिट से सम्मानित किया गया था इन्होंने 25 से ऊपर शोध पत्र प्रकाशित किए हैं इनका पहला शोध पत्र 1980 में आया था. डॉक्टर ओम नारायण मिश्र की सेवा की बात की जाए तो उन्होंने उन्नाव में स्थित डीएसएन पीजी कॉलेज में संस्कृत विभाग में प्राचार्य के रूप में कार्य किया है. इस कॉलेज में इनकी सेवा 2 जनवरी 1984 से शुरू हुई थी और 30 जून 2018 को यह सेवानिवृत्त हो गए. सेवानिवृत्त के बाद भी पुस्तकें पढ़ना यूनिवर्सिटी के पेपर सेट करना इनके दैनिक क्रियाकलापों में शामिल है.
सम्मानित होना गौरवपूर्ण

ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर ओम नारायण मिश्र ने बताया कि यह बहुत ही गौरव की बात है कि उन्हें यूनिवर्सिटी में सम्मानित किया जाएगा उन्होंने कहा कि इसके लिए वह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को धन्यवाद देते हैं, कि कम से कम इतने समय बाद उन्होंने अपने यूनिवर्सिटी के अध्यापकों के बारे में सम्मानित करने के लिए सोचा. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय रूप में कई बार सम्मानित हो चुके हैं लेकिन दीपक के नीचे अंधेरा कहावत यहां चरित्रार्थ हो रही है कि इतने समय बाद सेवानिवृत्त के बाद हमको सम्मानित किया जाएगा.
सभी का सम्मान करें छात्र
वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत में डॉक्टर ओम नारायण मिश्र ने बताया कि जो आधुनिक युग में जो बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके लिए कहा कि प्रत्येक छात्र को सभी का सम्मान करना चाहिए एवं अपने मुख से कुछ ऐसे शब्द न निकाले जिससे किसी को ठेस पहुंचे, साथ ही उन्होंने आधुनिक जगत में शिक्षकों के बारे में बात करते हुए कहा कि आजकल के बहुत सारे शिक्षक सिर्फ अपना कोर्स खत्म करना चाहते हैं. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए शिक्षक को जो कोर्स है वह बच्चे को इस कदर समझाना चाहिए जिससे उसे पूरी तरीके से समझ में आ जाए. शिक्षक को अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है

साथ ही उन्होंने कहा कि जो छात्रों को शिक्षा दी जाती है उसको इस कदर सरल भाषा में शिक्षा दी जाए जो उसके आसपास दैनिक जीवन में प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं पर आधारित हो जिससे वह विषय उनके ज्यादा समझ में आएगा.

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