उन्नावः वैसे सभी जगह रावण दहन विजयादशमी के दिन होता है, लेकिन उन्नाव शहर में रावण का पुतला पांच दिन बाद जलाया जाता है. इसके पीछे भी एक खास वजह है कि यहां दिन में कृष्ण लीला और रात में रामलीला होती है.
रामलीला संचालन कमेटी ने बताया कि उन्नाव एक छोटा शहर है, जो कानपुर और लखनऊ के बीच में है. विजयादशमी के दिन लखनऊ और कानपुर में मेला और रावण दहन का कार्यक्रम बड़े स्तर पर होने के कारण उन्नाव का कार्यक्रम फीका पड़ जाता है, जिससे उन्नाव में न ही ज्यादा दुकानें आ पाती हैं न ही भीड़ जुट पाती है. इसलिए वे लोग उन्नाव में रावण दहन का कार्यक्रम पांच दिन बाद करते हैं.
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वहीं रामलीला कमेटी के वरिष्ठ अध्यक्ष ने बताया कि यह रामलीला 147 वर्ष पूरे कर चुकी है. यह 147वां आयोजन है और इस रामलीला की एक और खाशियत है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले रामलीला आयोजनों में से जो पांच सबसे बड़े आयोजन होते हैं, उनमें भी इस रामलीला ने अपना एक स्थान बना रखा है.
रामलीला कमेटी के संरक्षक रामू ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि रामलीला हर साल की तरह इस साल भी भीड़ आई है, उससे या अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस रामलीला से लोगों का कितना लगाव है. उन्होंने बताया कि यहां दिन में कृष्ण लीला और रात में रामलीला अयोध्या से आए हुए कलाकारों के द्वारा की जाती है, जिसका आनंद लेने दूर-दूर से लोग आते हैं.