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यहां 5 दिन बाद होता है रावण का पुतला दहन, जानें क्यों...

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नौ दिन रामलीला मंचन के बाद रविवार को पूर्णमासी के दिन रावण दहन किया गया. आम तौर पर सभी जगह दशहरे वाले दिन रावण दहन किया जाता है, लेकिन उन्नाव में पांच दिन बाद रावण का पुतला जलाया गया.

ravana burnt five days after vijayadashami
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Published : Oct 14, 2019, 7:30 AM IST

उन्नावः वैसे सभी जगह रावण दहन विजयादशमी के दिन होता है, लेकिन उन्नाव शहर में रावण का पुतला पांच दिन बाद जलाया जाता है. इसके पीछे भी एक खास वजह है कि यहां दिन में कृष्ण लीला और रात में रामलीला होती है.

जानकारी देते रामलीला कमेटी के अध्यक्ष.

रामलीला संचालन कमेटी ने बताया कि उन्नाव एक छोटा शहर है, जो कानपुर और लखनऊ के बीच में है. विजयादशमी के दिन लखनऊ और कानपुर में मेला और रावण दहन का कार्यक्रम बड़े स्तर पर होने के कारण उन्नाव का कार्यक्रम फीका पड़ जाता है, जिससे उन्नाव में न ही ज्यादा दुकानें आ पाती हैं न ही भीड़ जुट पाती है. इसलिए वे लोग उन्नाव में रावण दहन का कार्यक्रम पांच दिन बाद करते हैं.

पढ़ेंः-जानिए ऐसे पवित्र स्थल के बारे में, जहां वाल्मीकि ने रची थी रामायण

वहीं रामलीला कमेटी के वरिष्ठ अध्यक्ष ने बताया कि यह रामलीला 147 वर्ष पूरे कर चुकी है. यह 147वां आयोजन है और इस रामलीला की एक और खाशियत है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले रामलीला आयोजनों में से जो पांच सबसे बड़े आयोजन होते हैं, उनमें भी इस रामलीला ने अपना एक स्थान बना रखा है.

रामलीला कमेटी के संरक्षक रामू ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि रामलीला हर साल की तरह इस साल भी भीड़ आई है, उससे या अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस रामलीला से लोगों का कितना लगाव है. उन्होंने बताया कि यहां दिन में कृष्ण लीला और रात में रामलीला अयोध्या से आए हुए कलाकारों के द्वारा की जाती है, जिसका आनंद लेने दूर-दूर से लोग आते हैं.

उन्नावः वैसे सभी जगह रावण दहन विजयादशमी के दिन होता है, लेकिन उन्नाव शहर में रावण का पुतला पांच दिन बाद जलाया जाता है. इसके पीछे भी एक खास वजह है कि यहां दिन में कृष्ण लीला और रात में रामलीला होती है.

जानकारी देते रामलीला कमेटी के अध्यक्ष.

रामलीला संचालन कमेटी ने बताया कि उन्नाव एक छोटा शहर है, जो कानपुर और लखनऊ के बीच में है. विजयादशमी के दिन लखनऊ और कानपुर में मेला और रावण दहन का कार्यक्रम बड़े स्तर पर होने के कारण उन्नाव का कार्यक्रम फीका पड़ जाता है, जिससे उन्नाव में न ही ज्यादा दुकानें आ पाती हैं न ही भीड़ जुट पाती है. इसलिए वे लोग उन्नाव में रावण दहन का कार्यक्रम पांच दिन बाद करते हैं.

पढ़ेंः-जानिए ऐसे पवित्र स्थल के बारे में, जहां वाल्मीकि ने रची थी रामायण

वहीं रामलीला कमेटी के वरिष्ठ अध्यक्ष ने बताया कि यह रामलीला 147 वर्ष पूरे कर चुकी है. यह 147वां आयोजन है और इस रामलीला की एक और खाशियत है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले रामलीला आयोजनों में से जो पांच सबसे बड़े आयोजन होते हैं, उनमें भी इस रामलीला ने अपना एक स्थान बना रखा है.

रामलीला कमेटी के संरक्षक रामू ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि रामलीला हर साल की तरह इस साल भी भीड़ आई है, उससे या अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस रामलीला से लोगों का कितना लगाव है. उन्होंने बताया कि यहां दिन में कृष्ण लीला और रात में रामलीला अयोध्या से आए हुए कलाकारों के द्वारा की जाती है, जिसका आनंद लेने दूर-दूर से लोग आते हैं.

Intro:उन्नाव में नौ दिन के रामलीला मंचन के बाद आज पूर्णमासी के दिन रावण दहन किया गया। आम तौर पर सभी जगह दशहरे वाले दिन रावण दहन किया जाता है लेकिन उन्नाव में आज उसके 5 दिन बाद रावण का पुतला जलाया गया ।वहीं आज हर्षोल्लास के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरा मनाया गया । उन्नाव सदर में ही तीन जगह रामलीला का मंचन किया जाता है सभी जगह आज ही के दीन रावण दहन करने की परम्परा है उन्नाव के साकेत धाम की रामलीला मैदान हुआ रावण दहन के पश्चात वकीलो के मैदान में रावण दहन और फिर आवास विकास स्थित रामलीला में आज ही रावण दहन किया गया । मेले में हजारो की भीड़ ने रामलीला का आनंद लिया वही जिला प्रशासन ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये ताकि कही भी किसी प्रकार की अनहोनी न हो सके ।




Body:वैसे सभी जगह रावण दहन कार्यक्रम विजयदशमी के दिन होता है लेकिन उन्नाव शहर में रावण आज रात यानी पांच दिन बाद जलाया जाता है।इसके पीछे भी एक खास वजह है जब ईटीवी की टीम ने रामलीला संचालन कमेटी से बात की तो उनका मानना था कि उन्नाव एक छोटा शहर है जो कानपुर व लखनऊ के बीच में है। विजयदशमी के दिन लखनऊ व कानपुर में मेला व रावण दहन का कार्यक्रम बड़े स्तर पर होने के कारण उन्नाव का कार्यक्रम फीका पड़ जाता है जिससे उन्नाव में न ही ज्यादा दुकानें आपाती हैं न ही भीड़ जुट पाती है।इसीलिए हम लोग उन्नाव में रावण दहन का कार्यक्रम पांच दिन बाद करते हैं ।वहीं रामलीला कमेटी के वरिष्ठ अध्यक्ष ने बताया कि यह रामलीला 147 वर्ष पूरे कर चुकी है यह 147 वां आयोजन है और इस रामलीला की एक और खाशियत है कि उत्तप्रदेश में होने वाले रामलीला आयोजनों में से जो पांच सबसे बड़े आयोजन होते हैं उनमें भी इस रामलीला ने अपना एक स्थान बना रखा है।

बाइट:-संजय राठी अध्यक्ष रामलीला कमेटी।



बाइट:-रामू संरक्षक।


Conclusion:वहीं रामलीला कमेटी के संरक्षक रामू ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि रामलीला हर साल से इस साल भीड़ आई है उससे या अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस रामलीला से लोगों का कितना लगाव है उन्होंने बताया कि यहां दिन में कृष्ण लीला बरात में रामलीला अयोध्या से आए हुए कलाकारों के द्वारा की जाति थी जिसका आनंद लेने दूर-दूर से लोग आते थे आज इस रामलीला का समापन हुआ है।

बाइट :--रामू संरक्षक
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