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उन्नाव के जिला महिला अस्पताल पर क्यों उठे सवाल?

यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह बदहाल है, इसका जीता-जागता उदाहरण उन्नाव के जिला महिला चिकित्सालय में देखने को मिला. जहां पिछले महीने 11 बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आया है, जो एक चिंता का विषय बना हुआ है.

उन्नाव का जिला महिला चिकित्सालय.
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Published : May 25, 2019, 2:59 PM IST

Updated : May 25, 2019, 3:47 PM IST

उन्नाव: जिला महिला चिकित्सालय की हालत किस तरह खराब है. इसकी बानकी वहां के आंकड़े दे रहे हैं. मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल में क्रमशः 17, 11, 11 और 11 मौतें हुई हैं, जो स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं. आखिर स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी, फरवरी में आए मौत के आंकड़ों के बाद भी कारगर कदम क्यों नहीं उठाया. क्या स्वास्थ्य विभाग और मौतों का इंतजार कर रहा था.

उन्नाव का जिला महिला चिकित्सालय.

सुलगते सवाल

  • जनवरी, फरवरी में 17 और 11 मौत के बाद क्यों नहीं चेता स्वास्थ्य विभाग.
  • क्या स्वास्थ्य विभाग मार्च और अप्रैल में मौत होने का इंतजार कर रहा था.
  • अगर संक्रमण से मौतें हुईं तो स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते कारगर कदम क्यों नहीं उठाए.
  • क्या ये मान लिया जाए कि उन्नाव जिला महिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का सही ढंग से उपयोग नहीं होता.
  • आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है.

वहीं उन्नाव महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ. अंजू दुबे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यहां पिछले महीने में 11 मौतें हुई हैं, जो अन्य महीनों की अपेक्षा कम हैं. उन्होंने मौत का कारण बताते हुए कहा कि यह मौतें समय से पहले डिलीवरी और संक्रमण है. सवाल उठता है आखिर ये संक्रमण क्यों और कैसे फैलता है. क्या स्वास्थ्य विभाग संक्रमण फैलने से रोकने में नाकाम है, जबकि प्रदेश के सीएम योगी का मुख्य फोकस देश की चिकित्सा पर ही है.

उन्नाव: जिला महिला चिकित्सालय की हालत किस तरह खराब है. इसकी बानकी वहां के आंकड़े दे रहे हैं. मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल में क्रमशः 17, 11, 11 और 11 मौतें हुई हैं, जो स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं. आखिर स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी, फरवरी में आए मौत के आंकड़ों के बाद भी कारगर कदम क्यों नहीं उठाया. क्या स्वास्थ्य विभाग और मौतों का इंतजार कर रहा था.

उन्नाव का जिला महिला चिकित्सालय.

सुलगते सवाल

  • जनवरी, फरवरी में 17 और 11 मौत के बाद क्यों नहीं चेता स्वास्थ्य विभाग.
  • क्या स्वास्थ्य विभाग मार्च और अप्रैल में मौत होने का इंतजार कर रहा था.
  • अगर संक्रमण से मौतें हुईं तो स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते कारगर कदम क्यों नहीं उठाए.
  • क्या ये मान लिया जाए कि उन्नाव जिला महिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का सही ढंग से उपयोग नहीं होता.
  • आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है.

वहीं उन्नाव महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ. अंजू दुबे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यहां पिछले महीने में 11 मौतें हुई हैं, जो अन्य महीनों की अपेक्षा कम हैं. उन्होंने मौत का कारण बताते हुए कहा कि यह मौतें समय से पहले डिलीवरी और संक्रमण है. सवाल उठता है आखिर ये संक्रमण क्यों और कैसे फैलता है. क्या स्वास्थ्य विभाग संक्रमण फैलने से रोकने में नाकाम है, जबकि प्रदेश के सीएम योगी का मुख्य फोकस देश की चिकित्सा पर ही है.

Intro:
उन्नाव जिले में स्थित महिला जिला चिकित्सालय यूं तो आम आदमी के इलाज के लिए बनाया गया है लेकिन इसी जिला महिला अस्पताल में हर तीसरे दिन एक बच्चे की मौत हो जा रही है यानी हर तीसरे दिन कोई न कोई परिवार इस अस्पताल से एक अनहोनी घटना का शिकार होकर अपने घर वापस लौट जाता है वहीं कुछ परिजन अपने घर आए नए मेहमान की मौत से दुखी होकर अस्पताल में मौत का कारण जानने के लिए कहासुनी का शिकार भी हो जाते हैं लेकिन अस्पताल में इन मौतों की जिम्मेदारी किसकी होती है यह एक बड़ा सवाल है।


Body:एक मां जो अपने बच्चे को 9 माह अपने पेट में रखकर पालती है वहीं वह शायद यह नहीं जानती कि बच्चे के जन्म के समय किसी समस्या से निपटने के लिए वह जिस अस्पताल जा रही है वहां उसके बच्चे के साथ क्या होगा? वह बच्चा इस दुनिया में आकर उसकी गोद में खेलेगा भी या नहीं.
जी हां मैं बात कर रहा हूं उन्नाव के महिला जिला चिकित्सालय की जो आला अधिकारीयों की अनदेखी का ऐसा शिकार हो रहा है कि यहां हर तीसरे दिन कोई न कोई नवजात बच्चा इस अनदेखी का शिकार हो जाता है और वह इस दुनिया से जिस दुनिया में वह कुछ समय पहले आया होता है वह फिर से अलविदा कह जाता है और उस परिवार में जिसमें खुशियां आई थी वह थोड़े ही समय में चकनाचूर हो जाती हैं। वहीं इन मौतों की जिम्मेदारी उस परिवार के लोग किसको दें यह जवाब देने के लिए कोई भी आगे नहीं आता है वही जिला महिला चिकित्सालय में मौतों की बात करें तो जनवरी फरवरी-मार्च अप्रैल में क्रमशः 17, 11, 11 और 11 मौतें हुई हैं।


Conclusion:वहीं उन्नाव महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ अंजू दुबे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यहाँ पिछले महीने में 11 मौत हुई हैं जो अन्य महीनों की अपेक्षा कम है वहीं उन्होंने मौत का कारण बताते हुए कहा कि यह मौतें समय से पहले डिलीवरी व संक्रमण है लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या इन मौतों को कम करने के लिए जिला चिकित्सालय कोई उपाय कर रहा है या यूं ही अपनी आंखें बंदकर काम चला रहा है।

बाइट :---डॉ अंजू दुबे जिला महिला चिकित्सालय सीएमएस
Last Updated : May 25, 2019, 3:47 PM IST
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