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मॉक ड्रिल! पुलिसकर्मियों ने पानी की बौछार से भीड़ को किया तितर-बितर

उन्नाव जनपद में एसपी दिनेश त्रिपाठी के निर्देश पर पुलिस कर्मियों ने दंगा नियंत्रण का रिहर्सल किया. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने पानी की बौछार से भीड़ को तितर-बितर कर दिया.

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पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई
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Published : Jun 7, 2022, 5:01 PM IST

उन्नाव: कानपुर में हुई हिंसा के बाद से लगातार आस-पास के जिलों में सतर्कता बरती जा रही है. इसी कड़ी में अब उन्नाव जनपद में भी एसपी दिनेश त्रिपाठी के निर्देश पर मंगलवार को पुलिस कर्मियों ने दंगा नियंत्रण का रिहर्सल करवाया. साथ ही कुछ महिला और पुरुष पुलिस कर्मियों को दंगाई और बलवाई बनाकर उनसे पुलिस पर हमला करवाया गया, जिसके बाद दंगाइयों और बलवाइयों को पुलिस ने दौड़ाते हुए उनपर रबर बुलेट गन से फायरिंग भी की गई. इसके अलावा पुलिसकर्मियों को पानी की बौछार से भीड़ को तितर बितर करना भी बताया गया.

दरअसल, कानपुर की सीमाएं उन्नाव से सटी हुई हैं. कानपुर की घटना के बाद से उन्नाव में भी लगातार जगह-जगह ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही बॉर्डर सीमाओं पर चौकसी बरती जा रही है. एसपी दिनेश त्रिपाठी ने सभी थानेदार और लाइन में तैनात पुलिसकर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. इसी के चलते उन्नाव पुलिस लाइन में एक दंगा नियंत्रण रिहर्सल (मॉक ड्रिल) का आयोजन किया गया. पुलिसकर्मियों को विषम परिस्थितियों में भीड़ के बीच खुद को सुरक्षित रखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के गुण सिखाए गए.

पुलिस कर्मियों ने दंगा नियंत्रण का रिहर्सल किया

यह भी पढ़ें- उन्नाव में दलित किशोरी के साथ हैवानियत, रेप के बाद बेरहमी से हत्या

इस दौरान एसपी ने पुलिसकर्मियों को निर्देश देते हुए कहा कि वह हमेशा अपने पास सुरक्षा के उपकरण रखें, आधी अधूरी तैयारी के साथ कोई न जाएं. पुलिस कर्मियों को दंगा नियंत्रण के रिहर्सल के लिए बकायदा कुछ महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को भीड़, दंगाइयों और बलवाइयों का रूप दिया गया. इसके बाद दंगाइयों ने पुलिस पर जैसे ही पथराव और नारेबाजी की. पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां पटकीं और रबर बुलेट गन सहित अन्य शस्त्रों का प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा.

एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया की बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया, यह हमारी रूटीन की कार्रवाई है. इसमें फोर्स को बलवा से कैसे निपटें इस संबंध में बलवा ड्रिल का अभ्यास किया जाता है. इसमें सभी अधिकारी मौजूद रहे. दंगा नियंत्रण के लिए पुलिस की दस पार्टियां तैनात रहती है. सबसे पहले एलआइयू पार्टी को भेजा जाता है, फिर सिविल पुलिस पार्टी, पुलिस पार्टी, फायर सर्विस पार्टी, आशु गैस पुलिस पार्टी, लाठी-डंडा पुलिस पार्टी, फायरिंग पुलिस पार्टी, फ‌र्स्ट एड पुलिस पार्टी, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पुलिस पार्टी को रवाना किया जाता है.

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उन्नाव: कानपुर में हुई हिंसा के बाद से लगातार आस-पास के जिलों में सतर्कता बरती जा रही है. इसी कड़ी में अब उन्नाव जनपद में भी एसपी दिनेश त्रिपाठी के निर्देश पर मंगलवार को पुलिस कर्मियों ने दंगा नियंत्रण का रिहर्सल करवाया. साथ ही कुछ महिला और पुरुष पुलिस कर्मियों को दंगाई और बलवाई बनाकर उनसे पुलिस पर हमला करवाया गया, जिसके बाद दंगाइयों और बलवाइयों को पुलिस ने दौड़ाते हुए उनपर रबर बुलेट गन से फायरिंग भी की गई. इसके अलावा पुलिसकर्मियों को पानी की बौछार से भीड़ को तितर बितर करना भी बताया गया.

दरअसल, कानपुर की सीमाएं उन्नाव से सटी हुई हैं. कानपुर की घटना के बाद से उन्नाव में भी लगातार जगह-जगह ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही बॉर्डर सीमाओं पर चौकसी बरती जा रही है. एसपी दिनेश त्रिपाठी ने सभी थानेदार और लाइन में तैनात पुलिसकर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. इसी के चलते उन्नाव पुलिस लाइन में एक दंगा नियंत्रण रिहर्सल (मॉक ड्रिल) का आयोजन किया गया. पुलिसकर्मियों को विषम परिस्थितियों में भीड़ के बीच खुद को सुरक्षित रखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के गुण सिखाए गए.

पुलिस कर्मियों ने दंगा नियंत्रण का रिहर्सल किया

यह भी पढ़ें- उन्नाव में दलित किशोरी के साथ हैवानियत, रेप के बाद बेरहमी से हत्या

इस दौरान एसपी ने पुलिसकर्मियों को निर्देश देते हुए कहा कि वह हमेशा अपने पास सुरक्षा के उपकरण रखें, आधी अधूरी तैयारी के साथ कोई न जाएं. पुलिस कर्मियों को दंगा नियंत्रण के रिहर्सल के लिए बकायदा कुछ महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को भीड़, दंगाइयों और बलवाइयों का रूप दिया गया. इसके बाद दंगाइयों ने पुलिस पर जैसे ही पथराव और नारेबाजी की. पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां पटकीं और रबर बुलेट गन सहित अन्य शस्त्रों का प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा.

एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया की बलवा ड्रिल का अभ्यास किया गया, यह हमारी रूटीन की कार्रवाई है. इसमें फोर्स को बलवा से कैसे निपटें इस संबंध में बलवा ड्रिल का अभ्यास किया जाता है. इसमें सभी अधिकारी मौजूद रहे. दंगा नियंत्रण के लिए पुलिस की दस पार्टियां तैनात रहती है. सबसे पहले एलआइयू पार्टी को भेजा जाता है, फिर सिविल पुलिस पार्टी, पुलिस पार्टी, फायर सर्विस पार्टी, आशु गैस पुलिस पार्टी, लाठी-डंडा पुलिस पार्टी, फायरिंग पुलिस पार्टी, फ‌र्स्ट एड पुलिस पार्टी, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पुलिस पार्टी को रवाना किया जाता है.

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