उन्नाव: गंगा में प्रदूषित पानी गिराने से एनजीटी खफा है. जिले की 41 फैक्ट्रियों को नोटिस जारी कर तालाबंदी का आदेश जारी किया गया है. जिले के दही चौकी और बंथर औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित 41 चर्म उद्योगों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अपनी निगाह टेढ़ी कर दी है. इन सभी फैक्ट्रियों को पूर्णतया बंद करने के आदेश सीपीसीबी ने जारी करते हुए जिस ट्रीटमेंट प्लांट से यह संबद्ध हैं उन्हें तत्काल अपग्रेड करने के आदेश भी दिये हैं.
एनजीटी ने दिया 41 फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश
- जिले में बीते दिनों एनजीटी के आदेश पर औद्योगिक क्षेत्रों और सीइटीपी का निरीक्षण करने पहुंची सीपीसीबी और यूपीपीसीबी की टीमों ने लगातार पांच दिन तक यहां के दूषित कचरे की जांच करते हुए सैंपलिंग की थी.
- टीम ने इसमें हर दो घंटे में पानी की जांच कर सैंपल लिये और इसे परीक्षण के लिए लैब भेजा.
- इसके बाद टीम द्वारा इसकी रिपोर्ट विभागीय अधिकारियों के साथ एनजीटी को भी पेश की गई.
- जानकारों की मानें तो रिपोर्ट में सीईटीपी से निकल रहा पानी विभागीय मानकों पर कतई खरा नहीं उतर रहा है.
- इसमें खतरनाक केमिकल क्रोमियम के अलावा अन्य प्रदूषणकारी कण भी काफी बढ़ी मात्रा में पाए गए.
- जिसके बाद एनजीटी, सीपीसीबी व यूपीपीसीबी के अफसरों द्वारा इन ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी सभी टेनरियों को बंद करने का निर्णय लिया गया.
- जिसके बाद यूपीपीसीबी द्वारा सभी फैक्ट्री संचालकों और विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय को बंदी आदेश का नोटिस भेज दिया गया था.
शासन से गठित सीपीसीबी की जांच में कमियां पाई गई है. सीईटीपी प्लांट में भी तकनीकी खामियां मिली है. जिन्हें दूर करने के निर्देश सीपीसीबी ने दिए है. खामियां दूर न होने तक 41 फैक्ट्रियों को बंद करने के निर्देश फैक्ट्री मालिकों को दिए गए हैं. बंदी का आदेश सोमवार से लागू होगा, जो अग्रिम आदेश तक लागू होगा.
- विमल कुमार, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी, उन्नाव