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लॉकडाउन का असर: हाई-वे पर जाम से प्रवासी मजदूर परेशान

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Published : May 17, 2020, 1:08 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश ने पैदल, दुपहिया और ट्रकों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस आदेश के बाद प्रवासी श्रमिकों में गुस्सा दिख रहा है. कई दिनों से भूखे-प्यासे पैदल चलकर घर जाने को निकले प्रवासी श्रमिकों ने उन्नाव बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

हाई-वे पर जाम से प्रवासी मजदूर परेशान
हाई-वे पर जाम से प्रवासी मजदूर परेशान

उन्नाव: लखनऊ कानपुर नेशनल हाई-वे पर उन्नाव सीमा पर स्थिति जाजमऊ गंगापुर पर सुबह करीब 8:00 बजे उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब उन्नाव जिला प्रशासन ने पैदल और अन्य वाहनों से आ रहे श्रमिकों को कानपुर सीमा से उन्नाव सीमा पर आने से रोक दिया.

जानकारी देते एएसपी.

वहीं चेन्नई, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से पैदल चलकर आ रहे श्रमिकों ने प्रशासन से आगे बढ़ने की गुहार लगाई. मगर अधिकारी सीएम के आदेश बताकर वापस लौटने की हिदायत देने लगे. वहीं कानपुर से आ रहे है वाहनों को वापस लौटाना शुरु कर दिया. कई दिनों से भूखे-प्यासे रहकर अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रहे प्रवासी मजदूरों का सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने इकट्ठा होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

सरकार के खिलाफ नारेबाजी व लखनऊ कानपुर हाई-वे जाम होने की खबर से जिले के आला अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई. डीएम रविंद्र कुमार ने अधिकारियों को मौके पर भेजकर श्रमिकों को समझा-बुझाकर शांत कराने के निर्देश दिए. एडिशनल एसपी वीके पांडे व अन्य अधिकारियों ने श्रमिकों को समझाने में जुटे और निजी बसों का इंतजाम कराकर श्रमिकों को उनके जनपद तक छोड़े जाने का आश्वासन दिया.

इसके बाद श्रमिकों का गुस्सा शांत हुआ और बसों के इंतजाम पर अड़ गए. जिला प्रशासन ने आनन-फानन में 10 से अधिक निजी बसों का इंतजाम कर श्रमिकों को उनके गृह जनपद भेजे जाने की व्यवस्था की. इस दौरान 3 घंटे तक लखनऊ कानपुर नेशनल हाई-वे पर जाम बना रहा. श्रमिकों की भीड़ हटने के बाद करीब 11:00 बजे हाई-वे पर वाहन फर्राटा भर सके.

इसे भी पढ़ें:-राजीव हत्याकांड : दोषी मुरुगन व नलिनी ने हाईकोर्ट से मांगी वाट्सएप कॉल की इजाजत

उन्नाव: लखनऊ कानपुर नेशनल हाई-वे पर उन्नाव सीमा पर स्थिति जाजमऊ गंगापुर पर सुबह करीब 8:00 बजे उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब उन्नाव जिला प्रशासन ने पैदल और अन्य वाहनों से आ रहे श्रमिकों को कानपुर सीमा से उन्नाव सीमा पर आने से रोक दिया.

जानकारी देते एएसपी.

वहीं चेन्नई, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से पैदल चलकर आ रहे श्रमिकों ने प्रशासन से आगे बढ़ने की गुहार लगाई. मगर अधिकारी सीएम के आदेश बताकर वापस लौटने की हिदायत देने लगे. वहीं कानपुर से आ रहे है वाहनों को वापस लौटाना शुरु कर दिया. कई दिनों से भूखे-प्यासे रहकर अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रहे प्रवासी मजदूरों का सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने इकट्ठा होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

सरकार के खिलाफ नारेबाजी व लखनऊ कानपुर हाई-वे जाम होने की खबर से जिले के आला अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई. डीएम रविंद्र कुमार ने अधिकारियों को मौके पर भेजकर श्रमिकों को समझा-बुझाकर शांत कराने के निर्देश दिए. एडिशनल एसपी वीके पांडे व अन्य अधिकारियों ने श्रमिकों को समझाने में जुटे और निजी बसों का इंतजाम कराकर श्रमिकों को उनके जनपद तक छोड़े जाने का आश्वासन दिया.

इसके बाद श्रमिकों का गुस्सा शांत हुआ और बसों के इंतजाम पर अड़ गए. जिला प्रशासन ने आनन-फानन में 10 से अधिक निजी बसों का इंतजाम कर श्रमिकों को उनके गृह जनपद भेजे जाने की व्यवस्था की. इस दौरान 3 घंटे तक लखनऊ कानपुर नेशनल हाई-वे पर जाम बना रहा. श्रमिकों की भीड़ हटने के बाद करीब 11:00 बजे हाई-वे पर वाहन फर्राटा भर सके.

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