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उन्नाव: फाइलेरिया ग्रसित रोगियों का निशुल्क होगा इलाज

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गुरुवार को मलेरिया विभाग की टीम ने देर रात पहुंचकर लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया. टीम ने बताया कि फाइलेरिया रोगियों का मलेरिया विभाग में निशुल्क इलाज होगा.

फाइलेरिया रोगियों की टीम ने जांच कर स्लाइड बनवाई
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Published : Oct 11, 2019, 2:22 PM IST

उन्नाव: गुरुवार को मलेरिया विभाग की टीम ने उन्नाव के मैकूआ खेड़ा गांव में जाकर लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया. उन्नाव के जिला मलेरिया अधिकारी के टीम ने लोगों की फाइलेरिया की जांच की और फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया. इसके बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद जिन लोगों में फाइलेरिया के लक्षण पाए जाते हैं. उनका जिला मलेरिया विभाग द्वारा मुफ्त इलाज किया जाएगा.

फाइलेरिया रोगियों की टीम ने जांच कर स्लाइड बनवाई.
फाइलेरिया का भारत पर मंड़रा रहा खतराफाइलेरिया दुनिया की दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 65 करोड़ भारतीयों पर फाइलेरिया रोग का खतरा मंडरा रहा है. 21 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के 256 जिले फाइलेरिया से प्रभावित है. दुनिया के 52 देशों में करीब 85.6 करोड़ लोग फाइलेरिया के खतरे की जद में हैं. लिंफेटिक फाइलेरियासिस को ही आम बोलचाल की भाषा में फाइलेरिया कहा जाता है. फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है. यह जान तो नहीं लेती है, लेकिन जिंदा आदमी को मृत के समान बना देती है. इस बीमारी को हाथी पाओं के नाम से भी जाना जाता है. अगर समय पर फाइलेरिया की पहचान कर ली जाए तो जल्द इलाज शुरू किया जा सकता है.

मलेरिया विभाग ने 5 सदस्यीय टीम को किया गठित
गुरुवार को उन्नाव के जिला मलेरिया विभाग की पांच सदस्यीय टीम ने बच्चों, नौजवान, बुजुर्गों तक के ब्लड सैंपल लेकर स्लाइड बनवाई. टीम गांव में देर रात पहुंचकर लोगों के ब्लड सैंपल लिये. उन्नाव के जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव के ने लोगों को जागरूक किया और मलेरिया से कैसे बचाव किया जा सकता है इसकी जानकारी दी.

उन्नाव को फाइलेरिया मुक्त बनाना है, जिसके लिए शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं. 25 नवंबर को मनाए जा रहे फाइलेरिया दिवस तक सभी फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों की पहचान हो सके. ताकि उनका समुचित इलाज किया जा सके. टीम को 500 लोगों की जांच करनी है, जिनमें हमने 8 गांव को सिलेक्ट किया है, जो सेंसिटिव हैं.
रमेश चंद्र यादव, जिला मलेरिया अधिकारी

उन्नाव: गुरुवार को मलेरिया विभाग की टीम ने उन्नाव के मैकूआ खेड़ा गांव में जाकर लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया. उन्नाव के जिला मलेरिया अधिकारी के टीम ने लोगों की फाइलेरिया की जांच की और फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया. इसके बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद जिन लोगों में फाइलेरिया के लक्षण पाए जाते हैं. उनका जिला मलेरिया विभाग द्वारा मुफ्त इलाज किया जाएगा.

फाइलेरिया रोगियों की टीम ने जांच कर स्लाइड बनवाई.
फाइलेरिया का भारत पर मंड़रा रहा खतराफाइलेरिया दुनिया की दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 65 करोड़ भारतीयों पर फाइलेरिया रोग का खतरा मंडरा रहा है. 21 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के 256 जिले फाइलेरिया से प्रभावित है. दुनिया के 52 देशों में करीब 85.6 करोड़ लोग फाइलेरिया के खतरे की जद में हैं. लिंफेटिक फाइलेरियासिस को ही आम बोलचाल की भाषा में फाइलेरिया कहा जाता है. फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है. यह जान तो नहीं लेती है, लेकिन जिंदा आदमी को मृत के समान बना देती है. इस बीमारी को हाथी पाओं के नाम से भी जाना जाता है. अगर समय पर फाइलेरिया की पहचान कर ली जाए तो जल्द इलाज शुरू किया जा सकता है.

मलेरिया विभाग ने 5 सदस्यीय टीम को किया गठित
गुरुवार को उन्नाव के जिला मलेरिया विभाग की पांच सदस्यीय टीम ने बच्चों, नौजवान, बुजुर्गों तक के ब्लड सैंपल लेकर स्लाइड बनवाई. टीम गांव में देर रात पहुंचकर लोगों के ब्लड सैंपल लिये. उन्नाव के जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव के ने लोगों को जागरूक किया और मलेरिया से कैसे बचाव किया जा सकता है इसकी जानकारी दी.

उन्नाव को फाइलेरिया मुक्त बनाना है, जिसके लिए शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं. 25 नवंबर को मनाए जा रहे फाइलेरिया दिवस तक सभी फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों की पहचान हो सके. ताकि उनका समुचित इलाज किया जा सके. टीम को 500 लोगों की जांच करनी है, जिनमें हमने 8 गांव को सिलेक्ट किया है, जो सेंसिटिव हैं.
रमेश चंद्र यादव, जिला मलेरिया अधिकारी

Intro:बृहस्पतिवार की रात में फाइलेरिया विभाग की टीम ने उन्नाव के मैकूआ खेड़ा गांव में जाकर लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया और वहां पर रहने वाले लोगों की स्लाइड बनवाई और उन्हें साफ सफाई से लेकर मच्छरों से बचाव के सुझाव उन्नाव के जिला मलेरिया अधिकारी ने अपनी टीम के साथ दिए वही इस बीच सैकड़ों की संख्या में लोगों ने अपनी फाइलेरिया की जांच करवाई और फाइलेरिया के प्रति जागरूकता हासिल की वही आपको बता दूं इसके बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद जिन लोगों में फाइलेरिया के लक्षण पाए जाते हैं उनको निशुल्क इलाज जिला मलेरिया विभाग द्वारा किया जाएगा।


Body:फाइलेरिया दुनिया की दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 65 करोड़ भारतीयों पर फाइलेरिया रोग का खतरा मंडरा रहा है 21 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के 256 जिले फाइलेरिया से प्रभावित है दुनिया के 52 देशों में करीब 85.6 करोड़ लोग फाइलेरिया के खतरे की जद में हैं लिंफेटिक फाइलेरियासिस को ही आम बोलचाल की भाषा में फाइलेरिया कहा जाता है फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है यह जान तो नहीं लेती है लेकिन जिंदा आदमी को मृत के समान बना देती है इस बीमारी को हाथी पाओं के नाम से भी जाना जाता है अगर समय पर फाइलेरिया की पहचान कर ली जाए तो जल्द इलाज शुरू किया जा सकता है वहीं इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज उन्नाव के जिला मलेरिया विभाग की 5 सदस्यीय टीम ने उन्नाव से जुड़े मैकूआ खेड़ा गांव मे जाकर बच्चों से लेकर नौजवान व बूढ़ों तक के ब्लड सैंपल लेकर स्लाइड बनवाई। वहीं यह टीम मैकुआ खेड़ा गांव देर रात पहुंची और लोगों के ब्लड सैंपल लिए वहीं इसी बीच लोगों को उन्नाव के जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव के द्वारा जागरूक भी किया गया कि किस तरीके से मलेरिया से बचाव किया जा सकता है।


Conclusion:वहीं इस अभियान के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जैसा कि उन्नाव को फैलेरिया मुक्त बनाना है जिसके लिए शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि 25 नवंबर को मनाए जा रहे फाइलेरिया दिवस तक सभी फैलेरिया से पीड़ित मरीजों की पहचान हो सके जिससे कि उनका समुचित इलाज किया जा सके उन्होंने बताया कि आज हम अपनी टीम के साथ इस गांव में लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर उनकी जांच करवा रहे हैं कि किसी के फाइलेरिया के लक्षण तो नहीं है उन्होंने कहा कि यहां पर बच्चों नौजवानों व बूढ़ों सभी की जांच की जा रही है वहीं जांच रिपोर्ट आने के बाद जिस भी युवक के अंदर फाइलेरिया के लक्षण पाए जाते हैं तो उसका इलाज हम लोगों के द्वारा किया जाएगा वहीं उन्होंने बताया कि हम लोगों को 500 लोगों की जांच करनी है जिनमें हमने 8 गांव को सिलेक्ट किया है जो सेंसिटिव हैं।
वहीं फाइलेरिया से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों को बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए इसके लिए घर के आस-पास हुआ अंदर साफ सफाई रखें पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें।
पूरी बाजू के कपड़े पहन कर रहें।
सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों व नीम का तेल लगा ले।
हाथ या पैर में कहीं चोट लगी हो या घाव हो तो फिर उसे साफ रखें साबुन से धोने और फिर पानी सुखा कर उसमें दवाई लगाएं।

बाइट:--- रमेश चंद्र यादव जिला मलेरिया अधिकारी
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