उन्नाव: माखी कांड देश भर में चर्चित रहा है. इस मामले में बांगरमऊ विधानसभा से पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथियों पर नाबालिग लड़की ने सामूहिक रेप का आरोप लगाया था. उस समय के वर्तमान विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर उन्नाव पुलिस कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी. इसके बाद इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हुई और कुलदीप सिंह सेंगर सहित उनके कई साथी जेल गए. उस समय मांग उठी थी कि महिलाओं से संबंधित जो अपराध हैं, उनको लेकर उन्नाव पुलिस कब सजग होगी? और महिला संबंधित अपराधों पर कब लगाम लगेगी? कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के 3 साल पूरे होने को हैं, लेकिन उन्नाव में महिला अपराध में कोई खासी कमी नहीं आई है.
महिला संबंधी अपराधों की बात की जाए तो पिछले 3 सालों में महिला संबंधी अपराधों में कोई खासी कमी नहीं आई है. पिछले 2018 में हत्या की 6 घटनाएं, छेड़खानी के 96 और रेप के 24 मामले दर्ज हुए थे. वहीं, साल 2019 में 9 मामले हत्या के, 68 मामले छेड़खानी के और 15 रेप के मामले दर्ज हुए थे. बीते तीसरे साल यानी 2020 की बात की जाए तो इस साल 6 महिलाओं की हत्या हुई. 50 महिलाओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया और 9 महिलाओं ने रेप की घटना को दर्ज कराया. वहीं, सूत्रों की मानें तो कई मामले ऐसे हैं जो पुलिस थाने पर ही सुलह-समझौते के जरिए खत्म हो गए, जबकि कई मामले पुलिस की दहलीज तक पहुंचे ही नहीं. लोकलाज के भय से गांव में ही समझौता कराकर खत्म करा दिए गए.
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महिला हेल्प डेस्क साबित हो रही कारगर
पुलिस अधीक्षक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए महिला अपराधों पर लगाम लगाने की बात कही. उन्होंने बताया कि महिला अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शासन के निर्देशानुसार जनपद के समस्त स्थानों और कोतवाली पर महिला हेल्प डेस्क बनाई गईं हैं. इन डेस्कों पर महिला संबंधी मामलों की सुनवाई होती है. साथ ही उन्होंने बताया कि अब तक 1500 महिला संबंधी मामलों की सुनवाई करके उनको निस्तारित किया जा चुका है. वहीं, उन्होंने भविष्य में महिला संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बताया कि हमारी पुलिस की टीम गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरूक कर रही है. सामाजिक दुर्व्यवहार करने वाले लोगों को चिह्नित कर उनसे बंध पत्र भरवाया जा रहा है, जिससे वह महिलाओं से संबंधित कोई भी गलत काम न कर सकें.