उन्नाव: जिले के बिहार थाना क्षेत्र में गैंगरेप पीड़िता के लापता 7 साल के भतीजे मामले में पांचों आरोपियों की मांग पर 19 अक्टूबर को कोर्ट ने लाई डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति पुलिस को दी थी. विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ में सोमवार को बच्चे के अपहरण में नामजद 5 आरोपियों को जिला कारगार उन्नाव से पुलिस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में लेकर गई है. विधि विज्ञान प्रयोगशाला के एक्सपर्ट आरोपियों से लाई डिटेक्टर टेस्ट व पॉलीग्राफ टेस्ट के माध्यम से लापता बच्चे के अपहरण का सच जानेंगे. वहीं, आरोपियों में पुलिस के इस कदम से न्याय की उम्मीद जगी है.
गैंगरेप पीड़िता का भतीजा 66 दिन से लापता
बता दें कि 5 दिसंबर 2019 को गैंगरेप पीड़िता की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी, पीड़िता का लगभग 7 वर्ष का भतीजा 2 अक्टूबर की रात यानी कि बीते 66 दिन से लापता है और मासूम की तलाश में लगी एसओजी व पुलिस कि 14 से अधिक टीमों के फिलहाल अभी तक हाथ खाली है. इससे पुलिस के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
आरोपी पक्ष ने एकतरफा कारवाई का लगाया था आरोप
पीड़िता की बहन की तहरीर पर पुलिस ने 5 आरोपियों को 13 अक्टूबर को जेल भेज दिया था. जिस पर आरोपी पक्ष ने पुलिस पर बिना साक्ष्य के एकतरफा कारवाई के गंभीर आरोप लगाए थे. सोमवार 7 दिसंबर को गैंगरेप पीड़िता को जिंदा जलाने के मामले में नामजद शिवम त्रिवेदी की मां सरोज त्रिवेदी, बुआ अनीता त्रिवेदी, रिश्तेदार कैप्टन बाजपेई, हर्षित बाजपेई व पड़ोस की रहने वाली महिला सुन्दरा लोध को जिला कारागार से पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सुबह 8 बजे विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ के लिए पुलिस टीम लेकर निकल गई.
होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
सीओ बीघापुर कृपाशंकर कनौजिया ने बताया कि आज सभी 5 आरोपियों जिला कारागार से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया है.