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उन्नाव: इलाज के लिए आर्थिक मदद न मिलने पर श्रमिक ने की आत्महत्या

यूपी के उन्नाव के अचलगंज थाना क्षेत्र में आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक श्रमिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. श्रमिक की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

रोते-बिलखते परिजन.
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Published : Oct 6, 2019, 5:03 PM IST

उन्नाव: जिले में एक श्रमिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. परिजनों ने बताया कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने आत्महत्या की है.

आर्थिक तंगी से परेशान होकर श्रमिक ने की आत्महत्या.

जानें पूरा मामला

  • मामला अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव अधारखेड़ा मजरे तारगांव का है.
  • संतोष पाल दही चौकी औधोगिक क्षेत्र ओमेगा इंटरनेशनल फैक्ट्री में ठेकेदार के तहत टोगल मशीन पर श्रमिक था.
  • 21 जून को रात में फैक्ट्री में काम करने के दौरान उसके बाएं पैर की नस कट गई थी.
  • इलाज के लिए उसने अपना खेत गिरवी रखा था, लेकिन फिर भी फायदा नहीं हुआ.
  • इलाज के लिए फैक्ट्री के तरफ से भी कोई मदद नहीं की गई.
  • आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने शनिवार रात पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
  • मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

इसे भी पढ़ें:- मथुरा: पड़ोसी की धमकी से परेशान वृद्ध ने की आत्महत्या

मृतक की दो बेटी सात वर्षीय सगुन और पांच वर्षीय सपना हैं. श्रमिक की मौत से पत्नी और बच्चियों का रो-रोकर बुरा हाल है.

फैक्ट्री में काम करते समय उनके पैर की नस कट जाने से वह इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे. फैक्ट्री से भी कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने इलाज के लिए खेत गिरवी रख दिया. आर्थिक तंगी से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.
-पूनम, मृतक की पत्नी

उन्नाव: जिले में एक श्रमिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. परिजनों ने बताया कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने आत्महत्या की है.

आर्थिक तंगी से परेशान होकर श्रमिक ने की आत्महत्या.

जानें पूरा मामला

  • मामला अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव अधारखेड़ा मजरे तारगांव का है.
  • संतोष पाल दही चौकी औधोगिक क्षेत्र ओमेगा इंटरनेशनल फैक्ट्री में ठेकेदार के तहत टोगल मशीन पर श्रमिक था.
  • 21 जून को रात में फैक्ट्री में काम करने के दौरान उसके बाएं पैर की नस कट गई थी.
  • इलाज के लिए उसने अपना खेत गिरवी रखा था, लेकिन फिर भी फायदा नहीं हुआ.
  • इलाज के लिए फैक्ट्री के तरफ से भी कोई मदद नहीं की गई.
  • आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने शनिवार रात पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
  • मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

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मृतक की दो बेटी सात वर्षीय सगुन और पांच वर्षीय सपना हैं. श्रमिक की मौत से पत्नी और बच्चियों का रो-रोकर बुरा हाल है.

फैक्ट्री में काम करते समय उनके पैर की नस कट जाने से वह इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे. फैक्ट्री से भी कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने इलाज के लिए खेत गिरवी रख दिया. आर्थिक तंगी से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.
-पूनम, मृतक की पत्नी

Intro:आज उन्नाव के अचलगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में एक श्रमिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली वही परिजनों की सूचना पर मौके पर पहुंची अचलगंज पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है वहीं परिजनों का आरोप था कि फांसी लगाने वाला युवक एक फैक्ट्री में काम करता था जिसमें काम करते समय उसके पैर की एक नस कट गई थी जिसके इलाज के लिए उसने अपना खेत गिरवी रख दिया था लेकिन फिर भी फायदा नहीं हुआ और फैक्टरी के द्वारा भी कोई मदद नहीं की गई जिससे आहत होकर उसने आज फांसी के फंदे पर झूल कर जीवन लीला समाप्त करली।Body:अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव अधारखेड़ा मजरे तारगांव निवासी संतोष पाल (30) पुत्र छोटा पाल दही चौकी औधोगिक क्षेत्र ओमेगा इंटरनेशनल फैक्ट्री में ठेकेदार के तहत टोगल मशीन पर श्रमिक था। 21 जून को रात्रि में फैक्ट्री में काम करने के दौरान उसके बायें पैर की नस कट जाने से ठेकेदार द्वारा इलाज में लापरवाही से उसका इलाज ठीक से न हो पाने पर आर्थिक तंगी से परेशान होकर शनिवार रात घर के अंदर पंखे के हुक में रस्सी से लटक कर जान देदी। सुबह जब व्रद्ध पिता छोटेलाल घर के कमरे में पहुंचकर पुत्र को फांसी पर लटकता देख बेहोश होकर गिर गये। मृतक के भाई मिश्री लाल ने इसकी सूचना दारोगाखेड़ा चौकी पुलिस को दी। मौके पर एसएसआई शम्भू नाथ सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचकर शव का पंचनामा कर पीएम के लिये भेज दिया है। घटना के दौरान पत्नी पूनम पति के इलाज के लिए पैसे लेने शुक्रवार को मायके पुरवा कोतवाली के गांव पहाड़पुर गयी थी। सूचना मिलते ही गांव पहुंचकर पति को मृत देख बदहवास होकर जमीन पर गिर पड़ी। म्रतक के दो पुत्रीयों में सगुन (7) व सपना (5) वर्ष की है। पिता की मौत से पत्नी व बच्चों का रोरोकर बुराहाल है।Conclusion:वही मीडिया से बात करते हुए मृतक की पत्नी ने बताया कि फैक्ट्री में काम करते समय उनके पैर की नस कट जाने से वह इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे लेकिन कहीं हमसे भी उनको फायदा नहीं हुआ और फैक्टरी से भी कोई मदद नहीं मिली जिससे उन्होंने इलाज में पैसे के इंतजाम में अपनी खेती भी गिरवी रख दी फायदा ना मिलने पर आज संतोष फांसी के फंदे पर झूल गए और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

बाइट :---मृतक की पत्नी
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