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उन्नाव रेप पीड़िता के साथ सड़क 'हादसे की साजिश' मामले की सुनवाई टली

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Published : Jan 3, 2022, 10:37 PM IST

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता और उसके वकील को सड़क हादसे की साजिश रचकर मारने के आरोप वाले मामले की सुनवाई टाल दी है. पीड़ित पक्ष ने इस मामले में रेप के दोषी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाया था.

राऊज एवेन्यू कोर्ट
राऊज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता और उसके वकील के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश रचने के मामले की सुनवाई टाल दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने अभियोजन पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 10 फरवरी की तारीख नियत की है.


22 दिसंबर को चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह ने इस मामले को दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. दरअसल 21 दिसंबर को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने सड़क हादसे में साजिश रचने के आरोपों से मुक्त होने के बाद बेल बांड भरा था. कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह ने दस-दस हजार रुपए का बेल बांड भरा.

एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस मामले के बाकी आरोपियों के सांसद या विधायक नहीं होने की स्थिति में इस केस को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भेजा था. इन आरोपियों को कोर्ट ने 20 दिसंबर को आरोपों से मुक्त कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले के आरोपी आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 338, 304-ए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरोपियों विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506(2) और 34 के तहत आरोप तय किया था.

गौरतलब है कि जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके परिजनों और उसके वकील को लेकर जा रही कार को टक्कर मार दी थी. उस हादसे में रेप पीड़िता के दो परिजनों की मौत हो गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 12 लोगों को इस हादसे की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस हादसे में किसी भी आपराधिक साजिश का साक्ष्य नहीं मिला है.


इसे भी पढ़ें : कुलदीप सेंगर रेप कांड के गवाह ने वीडियो वायरल कर लगाई गुहार, जानें मामला


20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपए पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले को भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता और उसके वकील के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश रचने के मामले की सुनवाई टाल दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने अभियोजन पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 10 फरवरी की तारीख नियत की है.


22 दिसंबर को चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह ने इस मामले को दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. दरअसल 21 दिसंबर को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने सड़क हादसे में साजिश रचने के आरोपों से मुक्त होने के बाद बेल बांड भरा था. कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह ने दस-दस हजार रुपए का बेल बांड भरा.

एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस मामले के बाकी आरोपियों के सांसद या विधायक नहीं होने की स्थिति में इस केस को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भेजा था. इन आरोपियों को कोर्ट ने 20 दिसंबर को आरोपों से मुक्त कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले के आरोपी आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 338, 304-ए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरोपियों विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506(2) और 34 के तहत आरोप तय किया था.

गौरतलब है कि जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके परिजनों और उसके वकील को लेकर जा रही कार को टक्कर मार दी थी. उस हादसे में रेप पीड़िता के दो परिजनों की मौत हो गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 12 लोगों को इस हादसे की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस हादसे में किसी भी आपराधिक साजिश का साक्ष्य नहीं मिला है.


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20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपए पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले को भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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