उन्नावः डीएम कार्यालय के बाहर बुधवार को एक अधेड़ ने अपने मासूम बेटे व बेटी के साथ घर बनाने के लिए जमीन न मिलने से परेशान होकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. पीड़ित का कहना है कि वह लगातार अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काट कर परेशान है, लेकिन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा है. पीड़ित ने अपने क्षेत्र के लेखपाल पर भी जमीन की नाप करने के नाम पर पैसे मांगने का आरोप लगाया है.
खुटहा नौंगवा गांव के रहने वाले सुशील कुमार गुप्ता ने उन्नाव जिला अधिकारी कार्यालय के सामने में आमरण अनशन शुरू कर दिया है. सुशील कुमार अपने दो मासूम बच्चों के साथ चटाई बिछाकर आमरण अनशन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह लगातार अधिकारियों के ऑफिसों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो चुके हैं, लेकिन उन्हें एक बिस्वा भी जमीन प्रशासन नहीं मुहैया करा सका है. उनके पास बिल्कुल भी जमीन नहीं है, जिस पर वह घर बनाकर रह सकें.
सुशील कुमार गुप्ता ने बताया कि वह डीएम से मिले थे और डीएम ने उनकी मदद का आश्वासन भी दिया था. इसके बाद लेखपाल उनके पास गया था और लेखपाल ने 5,000 रुपये की मांग करते हुए कहा था कि 'जब तक तुम 5,000 रुपये नहीं दोगे, तब तक वह तुमको जमीन नहीं देंगे.' इसके बाद सुशील कुमार गुप्ता से लेखपाल व वहां के प्रधान ने मिलकर कई बार सादे पेपर पर अंगूठा लगवाया, लेकिन उन्हें जमीन व आवास आज तक नहीं मिल पाया है. इससे परेशान होकर वह आज से अपने बिना बच्चों के साथ आमरण अनशन शुरू किया है.
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बता दें, कि सुशील कुमार गुप्ता दिव्यांग हैं. उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया है, जो दो बच्चे हैं वह उन्हीं के सहारे रहते हैं. वहीं, सुशील कुमार गुप्ता मंदिर में पन्नी के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर हैं. सुधीर कुमार के साथ कक्षा तीन में पढ़ाई कर रहा उनका बेटा भी आमरण अनशन में उनका साथ दे रहा है. उनके बेटे का कहना है कि वह अपने पिता के साथ मंदिर में पन्नी के नीचे रहता है. उसकी मां नहीं और उसके पास घर भी नहीं है. वहीं, डीएम ने बताया कि कि उनकी जानकारी में नहीं है. फिर भी जांच कर जो भी अधिकारी की लापरवाही इसमें सामने आएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी.
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