उन्नाव: दहेज की मांग पूरी न करने पर विवाहिता को जिंदा जलाकर मारने के मामले में 7 साल बाद न्यायालय ने पति, देवर और देवरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा के साथ ही तीनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
दरअसल, सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के खाखा मऊ गांव निवासी रामकली पत्नी सुंदरलाल ने अजगर निवासी रमेश पुत्र मोहनलाल के साथ अपनी पुत्री सीमा की शादी की थी. शादी के बाद से ही पति रमेश, देवर संतोष और देवरानी पम्मी विवाहिता को कम दहेज लाने का ताना देकर मारते- पीटते थे. इसके साथ ही विवाहिता से दो लाख रुपये नगद देने की मांग करते थे. वहीं, मृतक विवाहिता की मां रामकली के मुताबिक, 11 जून 2013 को ससुराल पक्षवालों ने सीमा पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी.
वहीं, उसकी 3 साल की पुत्री मां को जलता देख जोर- जोर से चीख रही थी. ससुराली जनों ने सीमा को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसने होश में आने पर यह सारी बात अपनी मां को बताई थी. सीमा की मां की ओर से दर्ज मुकदमे में पुलिस ने आरोपपत्र कोर्ट को प्रेषित किया था, जिसमें आज न्यायालय ने निर्णय सुनाया है दोषियों को अंतिम सुनवाई में कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश अखिलेश दुबे ने सरकारी वकील प्रेमचंद की दलीलों को सही ठहराते हुए पति रमेश उर्फ महेश, देवर संतोष व देवरानी पम्मी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.