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उन्नाव: दहेज के लिए विवाहिता को जलाने वालों को 7 साल बाद हुई सजा

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Published : Feb 4, 2019, 1:46 PM IST

11 जून 2013 को दहेज की मांग पूरी ना करने पर विवाहिता को जिंदा जलाकर मारने के मामले में सोमवार को उन्नाव न्यायालय ने पति, देवर और देवरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा के साथ ही तीनों दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है.

प्रेमचंद, शासकीय अधिवक्ता

उन्नाव: दहेज की मांग पूरी न करने पर विवाहिता को जिंदा जलाकर मारने के मामले में 7 साल बाद न्यायालय ने पति, देवर और देवरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा के साथ ही तीनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

दरअसल, सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के खाखा मऊ गांव निवासी रामकली पत्नी सुंदरलाल ने अजगर निवासी रमेश पुत्र मोहनलाल के साथ अपनी पुत्री सीमा की शादी की थी. शादी के बाद से ही पति रमेश, देवर संतोष और देवरानी पम्मी विवाहिता को कम दहेज लाने का ताना देकर मारते- पीटते थे. इसके साथ ही विवाहिता से दो लाख रुपये नगद देने की मांग करते थे. वहीं, मृतक विवाहिता की मां रामकली के मुताबिक, 11 जून 2013 को ससुराल पक्षवालों ने सीमा पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी.

जानकरी देते शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद
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वहीं, उसकी 3 साल की पुत्री मां को जलता देख जोर- जोर से चीख रही थी. ससुराली जनों ने सीमा को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसने होश में आने पर यह सारी बात अपनी मां को बताई थी. सीमा की मां की ओर से दर्ज मुकदमे में पुलिस ने आरोपपत्र कोर्ट को प्रेषित किया था, जिसमें आज न्यायालय ने निर्णय सुनाया है दोषियों को अंतिम सुनवाई में कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश अखिलेश दुबे ने सरकारी वकील प्रेमचंद की दलीलों को सही ठहराते हुए पति रमेश उर्फ महेश, देवर संतोष व देवरानी पम्मी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

उन्नाव: दहेज की मांग पूरी न करने पर विवाहिता को जिंदा जलाकर मारने के मामले में 7 साल बाद न्यायालय ने पति, देवर और देवरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा के साथ ही तीनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

दरअसल, सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के खाखा मऊ गांव निवासी रामकली पत्नी सुंदरलाल ने अजगर निवासी रमेश पुत्र मोहनलाल के साथ अपनी पुत्री सीमा की शादी की थी. शादी के बाद से ही पति रमेश, देवर संतोष और देवरानी पम्मी विवाहिता को कम दहेज लाने का ताना देकर मारते- पीटते थे. इसके साथ ही विवाहिता से दो लाख रुपये नगद देने की मांग करते थे. वहीं, मृतक विवाहिता की मां रामकली के मुताबिक, 11 जून 2013 को ससुराल पक्षवालों ने सीमा पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी.

जानकरी देते शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद
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वहीं, उसकी 3 साल की पुत्री मां को जलता देख जोर- जोर से चीख रही थी. ससुराली जनों ने सीमा को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसने होश में आने पर यह सारी बात अपनी मां को बताई थी. सीमा की मां की ओर से दर्ज मुकदमे में पुलिस ने आरोपपत्र कोर्ट को प्रेषित किया था, जिसमें आज न्यायालय ने निर्णय सुनाया है दोषियों को अंतिम सुनवाई में कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश अखिलेश दुबे ने सरकारी वकील प्रेमचंद की दलीलों को सही ठहराते हुए पति रमेश उर्फ महेश, देवर संतोष व देवरानी पम्मी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Intro:दहेज की मांग पूरी ना करने पर विवाहिता को जिंदा जलाकर मारने के मामले में आज उन्नाव न्यायालय ने पति देवर और देवरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है सजा के साथ तीनों दोषियों पर हजार रुपे का अर्थदंड भी लगाया है।


Body:सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के खा खा मऊ गांव निवासी रामकली पत्नी सुंदरलाल ने अजगर निवासी और रमेश पुत्र मोहनलाल के साथ पुत्री सीमा की शादी की थी शादी के बाद से ही पति रमेश देव संतोष देवरानी पम्मी शिवकांत पत्नी मोहनलाल विवाहिता को कम दहेज लाने का ताना देकर उसको मारते पीटते थे साथ ही ₹200000 नगद देने की मांग विवाहिता से करते थे वहीं मृतक विवाहिता सीमा की मां रामकली के मुताबिक 11 जून 2013 को ससुराली जनों ने सीमा पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी वहीं उसकी 3 साल की पुत्री मां को जलता देख जोर जोर से चीख रही थी ससुराली जनों ने सीमा को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसने होश आने पर यह सारी बात अपनी मां रामकली को बताई थी सीमा की मां की ओर से दर्ज मुकदमे में पुलिस ने आरोपपत्र कोर्ट को प्रेषित किया था। जिसमें आज न्यायालय ने निर्णय सुनाया है दोषियों को उम्र कैद की सजा दी है।


Conclusion:अंतिम सुनवाई में कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश अखिलेश दुबे ने सरकारी वकील प्रेमचंद्र की दलीलों को सही ठहराते हुए पति रमेश उर्फ महेश देवर संतोष व देवरानी पम्मी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है सजा के साथ ही प्रति आरोपी को ₹10000 का जुर्माना भरने के लिए आदेशित किया है।

बाइट:--प्रेमचंद शासकीय अधिवक्ता उन्नाव
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