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ईंट भट्ठा परिसर में फेंके गए कंडोम पर डिप्टी सीएमओ ने दिया बयान, कानपुर से लाया गया मैटेरियल

यूपी के उन्नाव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं. सोहरामऊ थाना क्षेत्र में स्थित एक ईंट भट्ठा परिसर में 15 ट्रक एक्सपायर कंडोम खुलेआम फेंके गए थे. पूरे मामले पर डिप्टी सीएमओ ने बयान देते हुए कहा कि कानपुर से मैटेरियल लाया गया था.

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उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके गौतम.
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Published : Dec 28, 2019, 12:58 PM IST

उन्नाव: सोहरामऊ थाना क्षेत्र में स्थित एक ईंट भट्ठा के पास लगभग 15 ट्रक परिवार नियोजन की सामग्री पाई गई थी. इस सामग्री के मिलने से उन्नाव प्रशासन भी सकते में आ गया था. पूरे मामले पर एसडीएम प्रदीप कुमार ने मामले की जांच कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था. वहीं इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएमओ ने बयान दिया है.

फेंके गए कंडोम पर डिप्टी सीएमओ ने दिया बयान.


जानें पूरा मामला

  • जिले में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं.
  • सोहरामऊ थाना क्षेत्र स्थित गोसाई खेड़ा के पास ईट भट्ठे में कंडोम डंप किए गए.
  • भट्ठा परिसर में 15 ट्रक एक्सपायर कंडोम खुलेआम फेंके गए.
  • लखनऊ की एक रक्षक कंपनी के यह सारे कंडोम बताए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- उन्नाव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों की उड़ीं धज्जियां, ईंट-भट्ठा परिसर में फेंके गए 15 ट्रक कंडोम


डिप्टी सीएमओ ने कही ये बातें
उन्नाव के स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके गौतम से बताया कि यह रक्षक कंपनी का कंडोम है, जो कानपुर से यहां नष्ट करने के लिए लाया गया था. यदि इस कंडोम को यहां जला दिया जाता तो इससे भारी मात्रा में प्रदूषण पैदा होता. प्रदूषण से भट्ठे के आसपास लगभग तीन से चार किलोमीटर का क्षेत्र प्रभावित होता. उन्होंने बताया कि इस सामग्री को नष्ट करने के अपनी अलग वैज्ञानिक विधियां हैं, जिनसे यह बॉयो मेडिकल वेस्ट को नष्ट किया जाता है.

उन्नाव: सोहरामऊ थाना क्षेत्र में स्थित एक ईंट भट्ठा के पास लगभग 15 ट्रक परिवार नियोजन की सामग्री पाई गई थी. इस सामग्री के मिलने से उन्नाव प्रशासन भी सकते में आ गया था. पूरे मामले पर एसडीएम प्रदीप कुमार ने मामले की जांच कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था. वहीं इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएमओ ने बयान दिया है.

फेंके गए कंडोम पर डिप्टी सीएमओ ने दिया बयान.


जानें पूरा मामला

  • जिले में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं.
  • सोहरामऊ थाना क्षेत्र स्थित गोसाई खेड़ा के पास ईट भट्ठे में कंडोम डंप किए गए.
  • भट्ठा परिसर में 15 ट्रक एक्सपायर कंडोम खुलेआम फेंके गए.
  • लखनऊ की एक रक्षक कंपनी के यह सारे कंडोम बताए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- उन्नाव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों की उड़ीं धज्जियां, ईंट-भट्ठा परिसर में फेंके गए 15 ट्रक कंडोम


डिप्टी सीएमओ ने कही ये बातें
उन्नाव के स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके गौतम से बताया कि यह रक्षक कंपनी का कंडोम है, जो कानपुर से यहां नष्ट करने के लिए लाया गया था. यदि इस कंडोम को यहां जला दिया जाता तो इससे भारी मात्रा में प्रदूषण पैदा होता. प्रदूषण से भट्ठे के आसपास लगभग तीन से चार किलोमीटर का क्षेत्र प्रभावित होता. उन्होंने बताया कि इस सामग्री को नष्ट करने के अपनी अलग वैज्ञानिक विधियां हैं, जिनसे यह बॉयो मेडिकल वेस्ट को नष्ट किया जाता है.

Intro:उन्नाव के सोहरामऊ थाना क्षेत्र में स्थित गोसाई खेड़ा के पास स्थित एक ब्रिक फील्ड के पास लगभग 15 ट्रक परिवार नियोजन की सामग्री पाई गई है जिस सामग्री के मिलने से जहां उन्नाव प्रशासन भी सकते में आ गए हैं वहीं इस सामग्री के ब्रिक फील्ड के पास पड़े होने से यह सामग्री कई सवालों के घेरे में आ गई है कि इस सामग्री को नष्ट करने के लिए यह सामग्री ईट भट्टे के पास ही क्यों लाई गई ?क्या यह सामग्री इसी ईट भट्ठे में जलाने के लिए लाई गई थी? या इस सामग्री को नष्ट करने के लिए कोई दूसरा उपाय अपनाया जाना था इन सवालों के जवाब हालांकि अभी तक मिल नहीं पाए हैं लेकिन यह सवाल बहुत ही गंभीर है।


Body:आपको बता दूं बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए वैज्ञानिक विधि का उपयोग किया जाता है जिसे कई कंपनियों को जो बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट करती हैं या रिसाइकल करती हैं उन्हें इस सामग्री को सौंपा जाता है जिससे वह उसे नष्ट कर सके हैं लेकिन विगत दिन उन्नाव के सोहरामऊ थाना क्षेत्र के पास स्थित एक ब्रिक फील्ड के पास लगभग 15 ट्रक परिवार नियोजन की सामग्री कंडोम बरामद हुआ है जो एक्सपायर हो गया था और लखनऊ की एक रक्षक कंपनी का यह कंडोम है वहीं जब ईटीवी भारत ने इससे संबंधित बात उन्नाव के स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके गौतम से की तो उन्होंने बताया कि यह रक्षक कंपनी का कंडोम है जो कानपुर से यहां नष्ट करने के लिए लाया गया था वहीं उन्होंने बताया कि यदि इस कंडोम को यह जला दिया जाता तो इससे भारी मात्रा में प्रदूषण पैदा होता और इस प्रदूषण से उस भट्टे के आसपास लगभग 3 से 4 किलोमीटर का एरिया प्रदूषण से इस कदर भर जाता कि वहां पर रहने वाले लोगों को अस्थमा व फेफड़ों जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती थी वहीं उन्होंने भी इस सामग्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सामग्री को नष्ट करने के अपनी अलग वैज्ञानिक विधियां हैं जिनसे बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट किया जाता है लेकिन यह बायो मेडिकल वेस्ट किसी भट्टे के पास डालने का सिर्फ एक ही मतलब हो सकता है कि उसे उस भट्ठे में कहीं जलाया तो नहीं जाता।


बाइट:-- एसके गौतम उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी


Conclusion:वही आपको बता दूं उन्नाव में इसके पहले भी कई एक्सपायरी दवाएं सड़क के किनारे पाई गई हैं जिससे यही प्रतीत होता है कि क्या उन्नाव को बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने का एक डस्टबिन बना रखा है जिससे गैर जनपदों की एक्सपायरी दवाएं भी यहां पर फेंकी जाती हैं। ऐसे में औषध प्रसाधन विभाग को भी सचेत होने की जरूरत है।
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