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उन्नाव रेप केस: पीड़िता ने सुरक्षा अधिकारी पर लगाया प्रताड़ना का आरोप - कम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता द्वारा अपने निजी सुरक्षा अधिकारी पर प्रताड़ित करने के आरोपों पर सुनवाई करते हुए रिपोर्ट तलब की है.

पीड़िता ने सुरक्षा अधिकारी पर लगाया प्रताड़ना का आरोप
पीड़िता ने सुरक्षा अधिकारी पर लगाया प्रताड़ना का आरोप
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Published : Aug 2, 2021, 12:21 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने उन्नाव रेप पीड़िता के अपने निजी सुरक्षा अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने के आरोपों पर सुनवाई करते हुए रिपोर्ट तलब की है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज (District and sessions judge) धर्मेश शर्मा (Dharmesh Sharma) ने सीबीआई के जांच अधिकारी से कम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट (Compact Assessment Report) दाखिल करने का निर्देश दिया है.

रेप पीड़िता ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद उसे सुरक्षा मिली हुई है. याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा अधिकारी उसके आवागमन को रोकते हैं. ऐसा करना उसकी स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश है. इसकी वजह से वह अपना केस ठीक से नहीं लड़ पा रही है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली: 9 साल की बच्ची की संदिग्ध अवस्था में मौत, परिजनों ने लगाया रेप का आरोप

बता दें कि, 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने उन्नाव रेप पीड़िता के अपने निजी सुरक्षा अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने के आरोपों पर सुनवाई करते हुए रिपोर्ट तलब की है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज (District and sessions judge) धर्मेश शर्मा (Dharmesh Sharma) ने सीबीआई के जांच अधिकारी से कम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट (Compact Assessment Report) दाखिल करने का निर्देश दिया है.

रेप पीड़िता ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद उसे सुरक्षा मिली हुई है. याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा अधिकारी उसके आवागमन को रोकते हैं. ऐसा करना उसकी स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश है. इसकी वजह से वह अपना केस ठीक से नहीं लड़ पा रही है.

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बता दें कि, 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

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