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विकास दूबे के भाई दीपक ने कोर्ट में किया आत्म समर्पण, न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल

विकास दूबे के भाई दीपक दूबे ने विशेष सीजेएम अदालत में आत्म समर्पण कर दिया है. दीपक दूबे धोखाधड़ी और जान-माल की धमकी देने के मामले में आरोपी था.

दीपक दूबे ने कोर्ट में किया आत्म समर्पण
दीपक दूबे ने कोर्ट में किया आत्म समर्पण
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Published : Dec 23, 2020, 12:45 PM IST

Updated : Dec 24, 2020, 12:37 PM IST

लखनऊ: धोखाधड़ी और जान-माल की धमकी देने के मामले में बिकरू कांड के कुख्यात अपराधी विकास दूबे के भाई दीपक दूबे ने विशेष सीजेएम की अदालत में आत्म समर्पण कर दिया है. यहां से विशेष सीजेएम सुनील कुमार ने दीपक दूबे को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है. इस दौरान लखनऊ सिविल कोर्ट के अंदर और बाहर चप्पे-चप्पे पर पुलिस वर्दी और सिविल यूनिफार्म में भी तैनात रही, लेकिन उन्हें दीपक दूबे के पहुंचने का पता नहीं लग सका.

बता दें कि कुख्यात अपराधी विकास दूबे और उसके भाई के खिलाफ कृष्णानगर थाने में वादी विनीत पांडेय ने 5 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में शिकायत की गई थी कि उसने नीलामी में सरकारी गाड़ी खरीदी थी, जिसे विकास और दीपक ने धमकी देकर छीन लिया था. बाद में मांगने पर उन्होंने गाड़ी देने से इनकार कर दिया. इस गाड़ी को बाद में पुलिस ने दीपक दूबे के घर से बरामद किया था.

इसी मामले में आरोपी बनने के बाद दीपक दूबे ने कोर्ट में आत्म समर्पण करने की अर्जी दी थी, जिस पर कृष्णानगर की पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि दीपक वांछित है. इसके पहले 19 दिसम्बर को भी दीपक दूबे ने आत्म समर्पण करने का प्रयास किया था, लेकिन कोरोना की रिपोर्ट न होने के चलते कोर्ट ने आरोपी को हिरासत में नहीं लिया गया था और अर्जी को कोरोना की रिपोर्ट आने पर पेश करने का आदेश दिया गया था.

लखनऊ: धोखाधड़ी और जान-माल की धमकी देने के मामले में बिकरू कांड के कुख्यात अपराधी विकास दूबे के भाई दीपक दूबे ने विशेष सीजेएम की अदालत में आत्म समर्पण कर दिया है. यहां से विशेष सीजेएम सुनील कुमार ने दीपक दूबे को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है. इस दौरान लखनऊ सिविल कोर्ट के अंदर और बाहर चप्पे-चप्पे पर पुलिस वर्दी और सिविल यूनिफार्म में भी तैनात रही, लेकिन उन्हें दीपक दूबे के पहुंचने का पता नहीं लग सका.

बता दें कि कुख्यात अपराधी विकास दूबे और उसके भाई के खिलाफ कृष्णानगर थाने में वादी विनीत पांडेय ने 5 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में शिकायत की गई थी कि उसने नीलामी में सरकारी गाड़ी खरीदी थी, जिसे विकास और दीपक ने धमकी देकर छीन लिया था. बाद में मांगने पर उन्होंने गाड़ी देने से इनकार कर दिया. इस गाड़ी को बाद में पुलिस ने दीपक दूबे के घर से बरामद किया था.

इसी मामले में आरोपी बनने के बाद दीपक दूबे ने कोर्ट में आत्म समर्पण करने की अर्जी दी थी, जिस पर कृष्णानगर की पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि दीपक वांछित है. इसके पहले 19 दिसम्बर को भी दीपक दूबे ने आत्म समर्पण करने का प्रयास किया था, लेकिन कोरोना की रिपोर्ट न होने के चलते कोर्ट ने आरोपी को हिरासत में नहीं लिया गया था और अर्जी को कोरोना की रिपोर्ट आने पर पेश करने का आदेश दिया गया था.

Last Updated : Dec 24, 2020, 12:37 PM IST
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