उन्नाव: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित कर दिया. इसके बाद से ही सबसे ज्यादा समस्या का सामना उन लोगों को करना पड़ रहा है, जो लोग रोज कमा कर लाते थे और रोज अपना खर्चा चलाते थे. देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद मजदूर समाज के लोगों का काम बंद हो गया, जिसके कारण उन्हें दाने-दाने को मोहताज होना पड़ रहा है.
लॉक डाउन होने के बाद से मजदूर समाज के लोगों को अपनी रोटी के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मजदूरों का कहना है कि जिला प्रशासन दावे जरूर कर रहा है लेकिन हम लोगों को एक टाइम खाकर अपना गुजारा करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि जब से कोरोना आया है, तब से हम करीब 15 या 20 दिन हो गए भूख प्यास से न बाहर निकल पाए. अगर बाहर निकलते हैं तो पुलिस परेशान कर रही है. हमारे पास खेत किसानी भी नहीं हैं, ऐसे में हम सभी लोग भूखे रहने को मजबूर हैं.
इसे भी पढे़ं- गोरखपुर: विदेश यात्रा से लौटे 1640 लोग 'होम कोरेनटाइन', स्वास्थ्य विभाग कर रहा निगरानी
समाजसेवी सौरभ तिवारी ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के 40 से 50 लोग आए थे. ये लोग कबाड़ बीनते थे और अपना खाना पीना चलाते थे. इनके पास सुबह खाने के लिए कुछ नहीं था, तो हमने चावल, आलू, आटा का इंतजाम कर दिया. हमने हसनगंज उपजिलाधिकारी से बातचीत के दौरान कहा है कि सुबह की व्यवस्था हमने करा दी है, शाम की व्यवस्था आप करवा दीजिए. इस पर उन्होंने कहा ठीक है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.