उन्नाव: शासन ने गोपालकों के घर गोवंश को पहुंचाने की योजना बना ली है. इसके चलते जिले में 1,863 गोवंश को एक साल में गोपालकों के सुपुर्द किया जाएगा. वहीं हर माह उन्हें 900 रुपये चारे के दिए जाएंगे. साथ ही जिनके पास पशु पालने के लिए जमीन नहीं है, उन्हें ग्राम समाज की जमीन भी दिलाई जाएगी. इसमें पशुओं के लिए हरा चारा पैदा किया जाएगा.
साथ ही गोपालकों से गोबर लेकर बायोगैस प्लांट बनाने की भी योजना बनाई गई है. सरकार की इस पहल से जिले में तकरीबन खत्म हो चुकी गोबर गैस परियोजना के फिर से शुरू होने की संभावना बढ़ गई है.
सरकार के पास भेजी जाएगी रिपोर्ट
गोपालकों को गोवंश की सुपुर्दगी खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका और नगर पंचायत के साथ जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी करेंगे. संबंधित अधिकारियों के पास वितरित किए गए गो वंश का डाटा होगा और उनकी हर बार मॉनिटरिंग रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके सिंह ने बताया कि जैसा कि सरकार की योजना है कि जो गोवंश सड़क पर घूम रहे हैं या खेतों में नुकसान कर रहे हैं, उन्हें गोपालकों के सुपुर्द किया जाए. इसके लिए उन्नाव में 1,863 गोवंश को चिन्हित किया गया है, जिन्हें गोपालकों को दिया जाएगा.
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इस योजना के अंतर्गत कोई भी गोपालक जो गाय पालना चाहता है. उसे अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड व बैंक पासबुक की फोटोकॉपी और एक हलफनामा, जिसमें यह दर्शाया गया हो कि वह जिस गोवंश को पालने जा रहा है, उसको कभी बेचेगा नहीं और न ही कभी छोड़ेगा, देना होगा. इसके लिए उसे हर महीने प्रति गोवंश के लिए 900रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जिससे वह गोवंश के चारे दाने का प्रबंध कर सके.
-डॉ. पीके सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी
वहीं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक पशुपालक चार जानवरों को पाल सकता है, जिसके लिए उसे 3600 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे.