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असोहा कांड: सहआरोपी को माना नाबालिग, भेजा गया बाल सुधार गृह - उन्नाव ताजा खबर

उन्नाव के असोहा कांड के सह आरोपी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सुनवाई के बाद बाल कल्याण समिति में सुनवाई हुई जिसमें उसको नाबालिग माना गया है. सहआरोपी को जिला जेल से बाल एवं किशोर सुधार गृह लखनऊ भेज दिया गया है.

सहआरोपी को माना नाबालिग
सहआरोपी को माना नाबालिग
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Published : Mar 10, 2021, 10:45 AM IST

उन्नाव: जिले के असोहा थाना क्षेत्र में हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड में सह आरोपित को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सुनवाई के बाद बाल कल्याण समिति में सुनवाई हुई जिसमें उसको नाबालिग माना गया है. निर्णय आते ही सहआरोपी को जिला जेल से बाल एवं किशोर सुधार गृह लखनऊ भेज दिया गया है. कोर्ट ने यह फैसला उसके शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर लिया है.

17 फरवरी को हुई थी दो लड़कियों की हत्या
उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र में स्थित एक गांव में रहने वाली 3 लड़कियां गांव के बाहर स्थित खेतों में अचेत अवस्था में पाई गई थी, जिनमें दो लड़कियों की मौत हो गई थी. जबकि तीसरी लड़की अस्पताल में इलाज के बाद ठीक हो गई है. वहीं मौत का कारण लड़कियों को पानी में जहर मिलाकर पिलाने से हुई थी. ऐसा जांच रिपोर्ट में सामने आया था. जिसके बाद पुलिस तफ्तीश में जुटी थी और दो आरोपियों को पुलिस ने उठाया था और पूछताछ के बाद उनसे सच बुलवाकर घटना की गुत्थी सुलझा ली थी.

दो आरोपियों में एक आरोपी निकला नाबालिग
असोहा कांड में गिरफ्तारी के बाद से सहआरोपी को पुलिस ने नाबालिग होना बताया था. जब उसे कोर्ट में पेश करके आधार कार्ड दिखाया गया तो उसमें उसकी जन्मतिथि 2002 दर्ज थी. इस हिसाब से 19 वर्ष उम्र पाए जाने पर कोर्ट ने उसे बालिक मानकर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. बाद में परिजनों ने आधार कार्ड पर दर्ज आयु को गलत बताया और जन्म तिथि वर्ष 2007 बताई, जिसके अनुसार सह आरोपित नाबालिग है या बालिक इसमें उलझी पुलिस ने स्कूल से शैक्षिक दस्तावेज निकलवाए तो उम्र 14 वर्ष निकली. विवेचक ने उम्र का निर्धारण करने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था. सीजेएम न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोनों पहलुओं पर विचार करने के बाद प्रकरण को बाल कल्याण समिति में स्थानांतरित करने का आदेश दिया.

इसे भी पढ़ें-असोहा कांड में लड़कियों को पिलाया गया था सल्फो सल्फ्यूरान

बाल कल्याण समिति ने सुनाया फैसला
वहीं बाल कल्याण समिति में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने शैक्षिक प्रमाणपत्रों और माता पिता के बयान आदि के आधार पर सह आरोपित को नाबालिग मानते हुए उसे बाल सुधार गृह में रखने के आदेश दिए. सह आरोपित को पुलिस ने जिला जेल से निकालकर लखनऊ के बाल एवं किशोर सुधार गृह भेज दिया है. अब उसे 18 मार्च को सीजेएम न्यायालय में पेश किया जाएगा. जहां मुकदमे की आगे की सुनवाई की जाएगी.

उन्नाव: जिले के असोहा थाना क्षेत्र में हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड में सह आरोपित को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सुनवाई के बाद बाल कल्याण समिति में सुनवाई हुई जिसमें उसको नाबालिग माना गया है. निर्णय आते ही सहआरोपी को जिला जेल से बाल एवं किशोर सुधार गृह लखनऊ भेज दिया गया है. कोर्ट ने यह फैसला उसके शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर लिया है.

17 फरवरी को हुई थी दो लड़कियों की हत्या
उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र में स्थित एक गांव में रहने वाली 3 लड़कियां गांव के बाहर स्थित खेतों में अचेत अवस्था में पाई गई थी, जिनमें दो लड़कियों की मौत हो गई थी. जबकि तीसरी लड़की अस्पताल में इलाज के बाद ठीक हो गई है. वहीं मौत का कारण लड़कियों को पानी में जहर मिलाकर पिलाने से हुई थी. ऐसा जांच रिपोर्ट में सामने आया था. जिसके बाद पुलिस तफ्तीश में जुटी थी और दो आरोपियों को पुलिस ने उठाया था और पूछताछ के बाद उनसे सच बुलवाकर घटना की गुत्थी सुलझा ली थी.

दो आरोपियों में एक आरोपी निकला नाबालिग
असोहा कांड में गिरफ्तारी के बाद से सहआरोपी को पुलिस ने नाबालिग होना बताया था. जब उसे कोर्ट में पेश करके आधार कार्ड दिखाया गया तो उसमें उसकी जन्मतिथि 2002 दर्ज थी. इस हिसाब से 19 वर्ष उम्र पाए जाने पर कोर्ट ने उसे बालिक मानकर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. बाद में परिजनों ने आधार कार्ड पर दर्ज आयु को गलत बताया और जन्म तिथि वर्ष 2007 बताई, जिसके अनुसार सह आरोपित नाबालिग है या बालिक इसमें उलझी पुलिस ने स्कूल से शैक्षिक दस्तावेज निकलवाए तो उम्र 14 वर्ष निकली. विवेचक ने उम्र का निर्धारण करने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था. सीजेएम न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोनों पहलुओं पर विचार करने के बाद प्रकरण को बाल कल्याण समिति में स्थानांतरित करने का आदेश दिया.

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बाल कल्याण समिति ने सुनाया फैसला
वहीं बाल कल्याण समिति में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने शैक्षिक प्रमाणपत्रों और माता पिता के बयान आदि के आधार पर सह आरोपित को नाबालिग मानते हुए उसे बाल सुधार गृह में रखने के आदेश दिए. सह आरोपित को पुलिस ने जिला जेल से निकालकर लखनऊ के बाल एवं किशोर सुधार गृह भेज दिया है. अब उसे 18 मार्च को सीजेएम न्यायालय में पेश किया जाएगा. जहां मुकदमे की आगे की सुनवाई की जाएगी.

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