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विधानसभा उपचुनाव: बांगरमऊ सीट से BSP के प्रत्याशी ने किया नामांकन - बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर

उन्नाव जनपद की बांगरमऊ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए बसपा प्रत्याशी महेश पाल ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया. ये सीट उन्नाव गैंगरेप कांड में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद खाली हुई थी.

बसपा प्रत्याशी महेश पाल
बसपा प्रत्याशी महेश पाल
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Published : Oct 14, 2020, 6:12 PM IST

उन्नाव: जिले की बहुचर्चित बांगरमऊ विधानसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर हैं. बुधवार को बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी महेश पाल ने अपना नामांकन दाखिल किया. BSP प्रत्याशी महेश पाल ने नामांकन करने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि, चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र का विकास उनकी प्राथमिकता होगी.

महेश पाल ने कहा कि, वह बांगरमऊ की जनता के बीच उन गंभीर मुद्दों को लेकर जा रहे हैं, जिनकी तरफ मौजूदा सरकार का कोई भी ध्यान नहीं है. महेश पाल ने मौजूदा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, उनका पहला मुद्दा किसान हैं. क्योंकि किसानों को उनकी लागत का 30 प्रतिशत दाम नहीं मिल रहा है. इस समय मक्का 400 से 500 रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है. जबकि उसकी लागत एक हजार रुपए है. ऐसे में किसान की लागत तक नहीं निकल रही है. सिंचाई की व्यवस्थाएं ना होने के कारण किसान काफी परेशान हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार किसानों को ना ही किसी प्रकार की मजदूरी दे रही है ना ही बेरोजगारों को रोजगार. उन्होंने बताया कि यदि वह बांगरमऊ से चुनाव में जीते हैं तो किसानों और नौजवानों की आवाज बुलंद कर विधानसभा में उनकी आवाज उठाएंगे और उन्हें न्याय दिलाने का काम करेंगे.

उन्नाव: जिले की बहुचर्चित बांगरमऊ विधानसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर हैं. बुधवार को बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी महेश पाल ने अपना नामांकन दाखिल किया. BSP प्रत्याशी महेश पाल ने नामांकन करने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि, चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र का विकास उनकी प्राथमिकता होगी.

महेश पाल ने कहा कि, वह बांगरमऊ की जनता के बीच उन गंभीर मुद्दों को लेकर जा रहे हैं, जिनकी तरफ मौजूदा सरकार का कोई भी ध्यान नहीं है. महेश पाल ने मौजूदा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, उनका पहला मुद्दा किसान हैं. क्योंकि किसानों को उनकी लागत का 30 प्रतिशत दाम नहीं मिल रहा है. इस समय मक्का 400 से 500 रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है. जबकि उसकी लागत एक हजार रुपए है. ऐसे में किसान की लागत तक नहीं निकल रही है. सिंचाई की व्यवस्थाएं ना होने के कारण किसान काफी परेशान हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार किसानों को ना ही किसी प्रकार की मजदूरी दे रही है ना ही बेरोजगारों को रोजगार. उन्होंने बताया कि यदि वह बांगरमऊ से चुनाव में जीते हैं तो किसानों और नौजवानों की आवाज बुलंद कर विधानसभा में उनकी आवाज उठाएंगे और उन्हें न्याय दिलाने का काम करेंगे.

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