उन्नाव: एक तरफ गणतंत्र दिवस के मौके पर जहां शहीदों की शहादत को पूरा देश नमन कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पुलवामा हमले में में शहीद हुए उन्नाव के अजीत कुमार की याद में बनाया गया स्मारक आज भी अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है. शहीद की शहादत पर उमड़े जन सैलाब को देखकर सत्ता के हुक्मरानों ने भले ही बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन समय के साथ वो सारे दावे खोखले साबित हुए.
शहीद का स्मारक आधा-अधूरा बनाकर छोड़ दिया
शहीद का स्मारक आधा-अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया. आज हालात ये है कि अधूरे पड़े स्मारक की फर्श जहां पूरी तरह टूट चुकी है, वहीं अभी तक स्मारक की बाउंड्री वॉल तक नहीं बनाई गई है, जिससे आवारा जानवरों की चहलकदमी हमेशा बनी रहती है. इसकी वजह से स्थानीय लोगों में सरकार की इस अनदेखी से बेहद रोष है. लोग इसे शहीद का अपमान बता रहे हैं.
अजीत कुमार की शहादत पर उमड़ था जनसैलाब
पुलवामा हमले में शहीद हुए उन्नाव के वीर सपूत अजीत कुमार की शहादत पर पूरे शहर में जनसैलाब उमड़ पड़ा था. क्या बूढ़े, क्या बच्चे, क्या जवान सभी ने अपने घरों से निकलकर शहीद की अंतिम यात्रा में पहुंचकर श्रद्धांजलि दी थी, लेकिन भारत माता के उसी वीर सपूत का स्मारक आज अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है. शासन की अनदेखी की वजह से शहीद की शहादत का अपमान हो रहा है.
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शहीद की शहादत के अपमान से स्थानीय लोगों मे काफी रोष
स्मारक में लगाई गई शहीद अजीत कुमार की प्रतिमा जहां बदहाल है, वहीं स्मारक का चबूतरा भी टूट चुका है. यही नहीं, स्मारक की चहारदीवारी न होने से आवारा जानवरों की चहल कदमी बनी रहती है, जिसकी वजह से पूरा स्मारक बदहाल होता जा रहा है. शहीद की शहादत का इस तरह से अपमान होता देख स्थानीय लोगों मे काफी रोष है. लोगों की माने तो नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन समय के साथ सब भूल गए.