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उन्नावः बाहर से आए हुए लोगों के ठहरने के स्थान पर लगा ताला, नहीं है भोजन की व्यवस्था - unnao news

उन्नाव जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के स्कूलों में बने कोरेंटाइन सेंटरों पर ताला लटकता मिला. यहां रहने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था तक नहीं की गई है.

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लोगों के ठहरने के स्थान पर लगा ताला
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Published : Apr 1, 2020, 11:42 PM IST

उन्नाव: जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र गंज मुरादाबाद में बाहर से आये हुए लोगों को रखने के लिए स्कूलों में व्यवस्था की गई है, लेकिन उन लोगों के रख-रखाव व खानपान हेतु कि कोई व्यवस्था नहीं दिखने को मिली. ब्लॉक कर्मियों द्वारा कागजों पर बाहर से आए लोगों के लिए विद्यालय में रखने की व्यवस्था दिखाई गई है.

बुधवार को क्षेत्र के कई गांव में बाहर से आए लोगों से सामने आने से हकीकत सामने आ गई. यहां के कई विद्यालयों में ताला लटकता मिला और लोगों के भोजन की व्यवस्था नहीं की गई थी.

कोरोना की रोकथाम हेतु बाहर के शहरों से आए हुए लोगों के रख-रखाव व खान पान हेतु भले ही ब्लॉक कर्मियों द्वारा कागजों में दावे कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र के गांव लहरापुर स्थित प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय छुट्टा पुरवा, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय तारापुर, महाराजापुर के विद्यालय में ताले लटकते पाए गए. यहां बाहर से आए हुए लोगों को कोरेंटाइन कर रखने की व्यवस्था की गई थी.

वहीं गांव मऊसराय विद्यालय पर डॉक्टरी परीक्षण की सूचना पर करीब 24 लोग उपस्थित मिले. जिन्होंने बताया कि उन्हें कोई व्यवस्था नहीं मिल रही है. वहीं मुंबई शहर से आए गांव निवासी मोहित, राशिद, दाऊद ,कलीम व खालिद द्वारा बताया गया कि यह करीब 8 लोग बीते 10 मार्च से लेकर 12 मार्च तक गांव में पहुंच थे, जिससे सभी को आए हुए 20 दिन से अधिक का समय बीत चुका है. फिर भी उनका नाम जांच सूची में रखा गया है.

गांव निवासी मुशीर करीब 2 माह पूर्व गांव आया था. इसी क्रम में गांव चोरहा विद्यालय पर मिले करीब 16 लोगों द्वारा बताया गया है कि उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई है. सभी दिन में विद्यालय में रहते हैं तथा शाम को घरों को चले जाते हैं. इन जगहों को देखने के बाद कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि ब्लॉक स्तरीय दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.

उन्नाव: जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र गंज मुरादाबाद में बाहर से आये हुए लोगों को रखने के लिए स्कूलों में व्यवस्था की गई है, लेकिन उन लोगों के रख-रखाव व खानपान हेतु कि कोई व्यवस्था नहीं दिखने को मिली. ब्लॉक कर्मियों द्वारा कागजों पर बाहर से आए लोगों के लिए विद्यालय में रखने की व्यवस्था दिखाई गई है.

बुधवार को क्षेत्र के कई गांव में बाहर से आए लोगों से सामने आने से हकीकत सामने आ गई. यहां के कई विद्यालयों में ताला लटकता मिला और लोगों के भोजन की व्यवस्था नहीं की गई थी.

कोरोना की रोकथाम हेतु बाहर के शहरों से आए हुए लोगों के रख-रखाव व खान पान हेतु भले ही ब्लॉक कर्मियों द्वारा कागजों में दावे कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र के गांव लहरापुर स्थित प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय छुट्टा पुरवा, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय तारापुर, महाराजापुर के विद्यालय में ताले लटकते पाए गए. यहां बाहर से आए हुए लोगों को कोरेंटाइन कर रखने की व्यवस्था की गई थी.

वहीं गांव मऊसराय विद्यालय पर डॉक्टरी परीक्षण की सूचना पर करीब 24 लोग उपस्थित मिले. जिन्होंने बताया कि उन्हें कोई व्यवस्था नहीं मिल रही है. वहीं मुंबई शहर से आए गांव निवासी मोहित, राशिद, दाऊद ,कलीम व खालिद द्वारा बताया गया कि यह करीब 8 लोग बीते 10 मार्च से लेकर 12 मार्च तक गांव में पहुंच थे, जिससे सभी को आए हुए 20 दिन से अधिक का समय बीत चुका है. फिर भी उनका नाम जांच सूची में रखा गया है.

गांव निवासी मुशीर करीब 2 माह पूर्व गांव आया था. इसी क्रम में गांव चोरहा विद्यालय पर मिले करीब 16 लोगों द्वारा बताया गया है कि उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई है. सभी दिन में विद्यालय में रहते हैं तथा शाम को घरों को चले जाते हैं. इन जगहों को देखने के बाद कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि ब्लॉक स्तरीय दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.

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