उन्नाव : भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अमृत योजना जिले में लटक गई है. उन्नाव में लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यह योजना शुरू की लेकिन इसपर कानपुर ने ब्रेक लगा दिया है.
करोड़ों की अमृत योजना पर कानपुर ने लगाया ब्रेक
ऐसा इसलिए क्योंकि लापरवाह अधिकारियों ने करोड़ों की इस महत्वाकांक्षी योजना को अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही कार्य योजना बनाकर शासन से मंजूरी ले ली और योजना का काम भी शुरू करा दिया. वहीं जल निगम के अधिकारी अब अपनी सफाई पेश करते नजर आ रहे हैं.
अमृत योजना के तहत गंगा बैराज से उन्नाव और गंगा घाट के लगभग पांच लाख लोगों को पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए शासन ने 253 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी. ऐसे में गंगा बैराज से पाइप लाइन के जरिए शहर और गंगा घाट तक शुद्ध पानी पहुंचाने का काम जल निगम ने शुरू किया लेकिन अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही.
काम था अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालकर गंगा नदी से पानी लेकर बड़े-बड़े वाटर टैंकों में स्टोर करके उसे फिल्टर करके शुद्ध पानी लोगों तक पहुंचाने का. मगर बिना एनओसी लिए यह काम आगे न बढ़ सका, जिसका खामियाजा करोड़ों की योजना को भुगतना पड़ रहा है. इससे जनता को भी दिक्कत हो रही है.
वहीं योजना की रफ्तार पर ब्रेक लगने के बाद अब जिले के अधिकारी अपनी कमियां छुपाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. अधिकारी अब उच्चाधिकारियों की जानकारी में मामला लाने की बात कह रहे हैं. साथ ही, जल्द योजना से ग्रहण हटने का दावा भी कर रहे हैं.
मगर सवाल यह है कि आखिरकार योजना बनाते समय करोड़ों की इस परियोजना के लिए विभागों से पहले ही एनओसी क्यों नहीं ली गई. इसका जवाब जल निगम के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं.