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उन्नाव: करोड़ों की अमृत योजना पर कानपुर ने लगाया ब्रेक, सफाई पेश कर रहे अधिकारी

उन्नाव में भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अमृत योजना अधर में लटक गई है. कानपुर ने इस योजना पर ब्रेक लगा दिया है. अधिकारियों ने अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही इस योजना पर काम शुरू कर दिया था, जिस पर कानपुर सिंचाई विभाग ने रोक लगा दी.

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Published : Mar 12, 2019, 11:25 PM IST

करोड़ों की अमृत योजना पर कानपुर ने लगाया ब्रेक

उन्नाव : भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अमृत योजना जिले में लटक गई है. उन्नाव में लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यह योजना शुरू की लेकिन इसपर कानपुर ने ब्रेक लगा दिया है.

करोड़ों की अमृत योजना पर कानपुर ने लगाया ब्रेक

ऐसा इसलिए क्योंकि लापरवाह अधिकारियों ने करोड़ों की इस महत्वाकांक्षी योजना को अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही कार्य योजना बनाकर शासन से मंजूरी ले ली और योजना का काम भी शुरू करा दिया. वहीं जल निगम के अधिकारी अब अपनी सफाई पेश करते नजर आ रहे हैं.

करोड़ों की अमृत योजना पर कानपुर ने लगाया ब्रेक

अमृत योजना के तहत गंगा बैराज से उन्नाव और गंगा घाट के लगभग पांच लाख लोगों को पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए शासन ने 253 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी. ऐसे में गंगा बैराज से पाइप लाइन के जरिए शहर और गंगा घाट तक शुद्ध पानी पहुंचाने का काम जल निगम ने शुरू किया लेकिन अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही.

काम था अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालकर गंगा नदी से पानी लेकर बड़े-बड़े वाटर टैंकों में स्टोर करके उसे फिल्टर करके शुद्ध पानी लोगों तक पहुंचाने का. मगर बिना एनओसी लिए यह काम आगे न बढ़ सका, जिसका खामियाजा करोड़ों की योजना को भुगतना पड़ रहा है. इससे जनता को भी दिक्कत हो रही है.

वहीं योजना की रफ्तार पर ब्रेक लगने के बाद अब जिले के अधिकारी अपनी कमियां छुपाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. अधिकारी अब उच्चाधिकारियों की जानकारी में मामला लाने की बात कह रहे हैं. साथ ही, जल्द योजना से ग्रहण हटने का दावा भी कर रहे हैं.

मगर सवाल यह है कि आखिरकार योजना बनाते समय करोड़ों की इस परियोजना के लिए विभागों से पहले ही एनओसी क्यों नहीं ली गई. इसका जवाब जल निगम के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं.

उन्नाव : भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अमृत योजना जिले में लटक गई है. उन्नाव में लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यह योजना शुरू की लेकिन इसपर कानपुर ने ब्रेक लगा दिया है.

करोड़ों की अमृत योजना पर कानपुर ने लगाया ब्रेक

ऐसा इसलिए क्योंकि लापरवाह अधिकारियों ने करोड़ों की इस महत्वाकांक्षी योजना को अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही कार्य योजना बनाकर शासन से मंजूरी ले ली और योजना का काम भी शुरू करा दिया. वहीं जल निगम के अधिकारी अब अपनी सफाई पेश करते नजर आ रहे हैं.

करोड़ों की अमृत योजना पर कानपुर ने लगाया ब्रेक

अमृत योजना के तहत गंगा बैराज से उन्नाव और गंगा घाट के लगभग पांच लाख लोगों को पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए शासन ने 253 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी. ऐसे में गंगा बैराज से पाइप लाइन के जरिए शहर और गंगा घाट तक शुद्ध पानी पहुंचाने का काम जल निगम ने शुरू किया लेकिन अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही.

काम था अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालकर गंगा नदी से पानी लेकर बड़े-बड़े वाटर टैंकों में स्टोर करके उसे फिल्टर करके शुद्ध पानी लोगों तक पहुंचाने का. मगर बिना एनओसी लिए यह काम आगे न बढ़ सका, जिसका खामियाजा करोड़ों की योजना को भुगतना पड़ रहा है. इससे जनता को भी दिक्कत हो रही है.

वहीं योजना की रफ्तार पर ब्रेक लगने के बाद अब जिले के अधिकारी अपनी कमियां छुपाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. अधिकारी अब उच्चाधिकारियों की जानकारी में मामला लाने की बात कह रहे हैं. साथ ही, जल्द योजना से ग्रहण हटने का दावा भी कर रहे हैं.

मगर सवाल यह है कि आखिरकार योजना बनाते समय करोड़ों की इस परियोजना के लिए विभागों से पहले ही एनओसी क्यों नहीं ली गई. इसका जवाब जल निगम के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं.

Intro:उन्नाव:-- उन्नाव में लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अमृत योजना अधर में लटक गई है गंगाजल से शहर और कस्बों को शुद्ध पानी मुहैया करा कर लाखों लोगों की प्यास बुझाने की योजना पर पड़ोसी जिले में ब्रेक लगा दी है क्योंकि लापरवाह अधिकारियों ने करोड़ों की इस महत्वाकांक्षी योजना को अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही कार्य योजना बनाकर शासन से मंजूरी ले लिया और योजना का काम भी शुरू करा दिया लेकिन कानपुर के सिंचाई विभाग ने इस योजना पर रोक लगा दी वह जल निगम के अधिकारी अब अपनी सफाई पेश करते नजर आ रहे हैं


Body:उन्नाव में अमृत योजना के तहत गंगा बैराज से उन्नाव शहर और गंगा घाट के लगभग 500000 लोगों को पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए शासन ने 253 करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी है दरअसल गंगा बैराज से पाइप लाइन के जरिए शहर और गंगा घाट तक शुद्ध पानी पहुंचाने का काम जल निगम ने शुरू कराया लेकिन लापरवाह अधिकारियों ने इस करोड़ों की योजना में लापरवाही बरतते हुए अन्य विभागों से बिना एनओसी लिए ही काम शुरू करा दिया अंडर ग्राउंड पाइप लाइन डालकर गंगा नदी से पानी लेकर बड़े-बड़े वाटर टैंकों में स्टोर करके उसे फिल्टर करके शुद्ध पानी लोगों तक पहुंचाना था लेकिन कानपुर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने एनओसी लिए जाने पर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जिससे करोड़ों की योजना अब अधर में लटक गई है।

बाईट--के के कटियार (अधिशासी अभियंता जल निगम)


Conclusion:वहीं योजना की रफ्तार पर ब्रेक लगने के बाद अब जिले के अधिकारी अपनी कमियां छिपाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं जिले के अधिकारी उच्च अधिकारियों की जानकारी में मामला लाने की बात कहकर और जल्द ही योजना से ग्रहण हटने का दावा कर रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि आखिर कार कार योजना बनाते समय करोड़ों की इस परियोजना के लिए विभागों से पहले ही एनओसी क्यों नहीं ली गई इसका जवाब जल निगम के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं।

वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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