ETV Bharat / state

लापता किशोर के 'पालनहार' बने इमरान, सोशल मीडिया ने बिछड़े को अपनों से मिलाया - सोशल मीडिया ने लापता किशोर को मिलवाया

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के सफीपुर गांव का लापता किशोर मिथलेश (13) बीते डेढ़ साल से रुड़की में रह रहा था. जो सोशल मीडिया के जरिए परिजनों तक पहुंचने में कामयाब हुआ है. जबकि, रुड़की में ढंडेरा निवासी राव इमरान ने किशोर के लिए खाने पीने और रहने का इंतजाम किया था. जानिए कैसे किशोर यूपी से रुड़की पहुंचा और किस तरह से परिजनों से मिल पाया...

सोशल मीडिया के जरिए मिला लापता किशोर.
सोशल मीडिया के जरिए मिला लापता किशोर.
author img

By

Published : Oct 15, 2020, 10:53 PM IST

रुड़की: जहां सोशल मीडिया में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने से जुड़ी खबरें आम रहती है. वहीं, देवभूमि रुड़की से कलेजे को सुकून देने वाली खबर सामने आई है. जहां डेढ़ साल पहले अपने घर से भागे मिथलेश को इमरान ने न सिर्फ सहारा दिया, बल्कि उसे अपनों से भी मिलवाया है.

सोशल मीडिया के जरिए मिला लापता किशोर.

दरअसल, डेढ़ साल पहले 20 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के सफीपुर गांव का एक किशोर मिथलेश अपने गांव के पास मोहर्रम का मेला देखने गया था. मेले में उसे रात हो गई, घर वालों की डांट के डर से वो अपने घर से ट्रेन में बैठ कर नानी के घर के लिए तो निकला, लेकिन गलत ट्रेन में बैठने के कारण रुड़की पहुंच गया. जहां पहुंचने पर उसे खाने और छत की चिंता सताई. जिसके बाद वो ढंडेरा में ही एक कबाड़ी के यहां काम करने लगा.

ये भी पढ़ेंः 'बाबा का ढाबा' का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों की लगी भीड़

लॉकडाउन में खाने के पड़ गए थे लाले

मिथलेश का रहना, खाना, सोना सभी उसी कबाड़ी की दुकान पर ही होता था, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद कबाड़ी वहां से अपना काम छोड़कर चला गया. जिसके बाद लॉकडाउन के कारण किशोर के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया. इतना ही नहीं उसके खाने-पीने के भी लाले पड़ गए थे, लेकिन ढंडेरा निवासी राव इमरान इस 13 वर्षीय किशोर का सहारा बने और इसके खाने पीने रहने का इंतजाम किया.

मिथलेश को घर पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का लिया सहारा

वहीं, इमरान लगातार इस बच्चे के परिजनों को ढूंढने का प्रयास भी करते रहे. जहां उनकी मेहनत रंग लाई और राव इमरान के भतीजे ने सोशल मीडिया के माध्यम से इनके परिजनों से संपर्क कायम किया. जिसके बाद आज इस बच्चे के माता-पिता और दादा रुड़की के ढंढेरा गांव पहुंचे. अपने बच्चे से मिलकर मां की आंखें भर आईं और उन्होंने राव इमरान और अन्य लोगों का शुक्रिया अदा किया.

किशोर की मां ने बताया कि उनका बेटा तकरीबन डेढ़ साल पहले अपने घर से मेला देखने गया था. जिसके बाद वो लापता हो गया था. जिसकी रिपोर्ट उन्होंने संबंधित थाने में भी लिखवाई थी. सोशल मीडिया के माध्यम से आज उनका बेटा उन्हें मिल पाया है. जिसके लिए वे उनके शुक्रगुजार हैं. जिसके बाद वो अपने बच्चे को लेकर अपने गांव के लिए रवाना हो गए हैं.

बहरहाल, जहां सोशल मीडिया का बेजा इस्तेमाल ऊल-जलूल पोस्ट और धार्मिक उन्माद फैलानी वाली खबरों के लिए किया जाता है. वहीं, इन दिनों सोशल मीडिया की ताकत भी दिल्ली में अस्सी साल की उम्र में बाबा का ढाबा चलाने वाले शख्स की मदद को बढ़े हाथों से भी देखा जा सकता है. ऐसे में अपनों से बिछड़े मिथलेश को भी सोशल मीडिया ने अपने परिवार से मिलवाया.

रुड़की: जहां सोशल मीडिया में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने से जुड़ी खबरें आम रहती है. वहीं, देवभूमि रुड़की से कलेजे को सुकून देने वाली खबर सामने आई है. जहां डेढ़ साल पहले अपने घर से भागे मिथलेश को इमरान ने न सिर्फ सहारा दिया, बल्कि उसे अपनों से भी मिलवाया है.

सोशल मीडिया के जरिए मिला लापता किशोर.

दरअसल, डेढ़ साल पहले 20 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के सफीपुर गांव का एक किशोर मिथलेश अपने गांव के पास मोहर्रम का मेला देखने गया था. मेले में उसे रात हो गई, घर वालों की डांट के डर से वो अपने घर से ट्रेन में बैठ कर नानी के घर के लिए तो निकला, लेकिन गलत ट्रेन में बैठने के कारण रुड़की पहुंच गया. जहां पहुंचने पर उसे खाने और छत की चिंता सताई. जिसके बाद वो ढंडेरा में ही एक कबाड़ी के यहां काम करने लगा.

ये भी पढ़ेंः 'बाबा का ढाबा' का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों की लगी भीड़

लॉकडाउन में खाने के पड़ गए थे लाले

मिथलेश का रहना, खाना, सोना सभी उसी कबाड़ी की दुकान पर ही होता था, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद कबाड़ी वहां से अपना काम छोड़कर चला गया. जिसके बाद लॉकडाउन के कारण किशोर के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया. इतना ही नहीं उसके खाने-पीने के भी लाले पड़ गए थे, लेकिन ढंडेरा निवासी राव इमरान इस 13 वर्षीय किशोर का सहारा बने और इसके खाने पीने रहने का इंतजाम किया.

मिथलेश को घर पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का लिया सहारा

वहीं, इमरान लगातार इस बच्चे के परिजनों को ढूंढने का प्रयास भी करते रहे. जहां उनकी मेहनत रंग लाई और राव इमरान के भतीजे ने सोशल मीडिया के माध्यम से इनके परिजनों से संपर्क कायम किया. जिसके बाद आज इस बच्चे के माता-पिता और दादा रुड़की के ढंढेरा गांव पहुंचे. अपने बच्चे से मिलकर मां की आंखें भर आईं और उन्होंने राव इमरान और अन्य लोगों का शुक्रिया अदा किया.

किशोर की मां ने बताया कि उनका बेटा तकरीबन डेढ़ साल पहले अपने घर से मेला देखने गया था. जिसके बाद वो लापता हो गया था. जिसकी रिपोर्ट उन्होंने संबंधित थाने में भी लिखवाई थी. सोशल मीडिया के माध्यम से आज उनका बेटा उन्हें मिल पाया है. जिसके लिए वे उनके शुक्रगुजार हैं. जिसके बाद वो अपने बच्चे को लेकर अपने गांव के लिए रवाना हो गए हैं.

बहरहाल, जहां सोशल मीडिया का बेजा इस्तेमाल ऊल-जलूल पोस्ट और धार्मिक उन्माद फैलानी वाली खबरों के लिए किया जाता है. वहीं, इन दिनों सोशल मीडिया की ताकत भी दिल्ली में अस्सी साल की उम्र में बाबा का ढाबा चलाने वाले शख्स की मदद को बढ़े हाथों से भी देखा जा सकता है. ऐसे में अपनों से बिछड़े मिथलेश को भी सोशल मीडिया ने अपने परिवार से मिलवाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.