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कोरोना संक्रमण की जद में धरती के भगवान, कौन करेगा इलाज ? - केजीएमयू का स्टाफ कोरोना पॉजिटिव

राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते तमाम डॉक्टर कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से बहुते से डॉक्टर्स होम आइसोलेशन में हैं. डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अस्पतालों में मैन पावर की कमी हो गई है. ऐसे में मरीजों के इलाज पर संकट गहराता जा रहा है.

केजीएमयू.
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Published : Apr 28, 2021, 3:05 AM IST

लखनऊ: प्रदेशभर में सबसे ज्यादा कोरोना के केस राजधानी लखनऊ में हैं. मरीजों का इलाज करते-करते तमाम डॉक्टर और नर्स कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी हो रही है. ऐसे में दूसरे जिलों के चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जा रही है. राजधानी का केजीएमयू वायरस का हॉट स्पॉट बना हुआ है. डॉक्टरों की कमी के बावजूद चिकित्सकों की भर्ती के परिणाम जारी कर उनकी कमी पूरी नहीं की जा रही हैं. ऐसे में स्थितियां बिगड़ती नजर आ रही हैं.

संस्थान में डॉक्टरों का संकट बरकरार

केजीएमयू के करीब 43 विभागों में लगभग 230 पदों पर शिक्षक भर्ती चल रही है. महीनों पहले मेडिकल संकाय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार हो चुके हैं. कुछ के परिणाम पहले जारी हो चुके हैं. इसके अलावा मेडिकल संकाय में 15 विभागों के 50 पदों पर इन्टरव्यू हुए महीने भर का समय हो चुका है. कार्यपरिषद की बैठक बुलाकर परिणाम जारी किया जाना है. इसी बीच केजीएमयू के कुलपति संक्रमित हो गए और वह लंबे अवकाश पर चले गए. ऐसे में परिणाम ब्रेक पर है. लिहाजा, संस्थान में डॉक्टरों का संकट बरकरार है. वहीं कई डॉक्टर के संक्रमित होने से दिक्कतें और बढ़ गई हैं. सबसे बड़े कोविड अस्पताल में मरीजों के इलाज को लेकर आफत बनी हुई है. संस्थान के प्रो. वीसी डॉ. विनीत शर्मा को मामले की जानकारी के लिए कॉल की गई, तो उनकी नंबर आउट ऑफ नेटवर्क बता रहा था.

आइसोलेशन में डॉक्टर, संकट गंभीर

कोविड मरीजों के इलाज में लगे डाॅक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ पर भी संकट गहरा गया है. कोविड वार्ड में डयूटी करने और अन्य वजहों से डाॅक्टर और स्टाॅफ लगातार पाॅजिटिव हो रहे हैं. वह होम आईसोलेशन में हैं. बलरामपुर कोविड अस्पताल बने करीब 20 दिन से अधिक समय हो चुका है. यहां पर 300 बेड पर मरीजों की भर्ती की जा रही है. कोविड डयूटी करने वाले डाॅक्टर और उनके संपर्क में आए करीब 40 से अधिक डाॅक्टर और 100 से अधिक स्टॉफ संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में डाॅक्टरों की कमी हो गई थी. इसे देखते हुए यहां पर गैर जिलों से 5 डाॅक्टर भेजे गए हैं. लोकबंधु कोविड अस्पताल में 8 डाॅक्टर समेत 50 लोग संक्रमित हो चुके हैं. यहां पर कोविड मरीजों की जांच के लिए लैब टेक्नीशियन और रेडियोलाॅजी विभाग में एक ही कर्मचारी बचा है. यहां दूसरे जिले से 4 डाॅक्टरों की टीम भेजी गई है. लोहिया संस्थान में कोविड डयूटी करने वाले डाॅक्टर और स्टॉफ मिलाकर करीब 100 नर्सेज, कर्मी पाॅजिटिव हो चुके हैं. इसमें करीब 50 से अधिक फैकल्टी, रेजीडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं. डाॅक्टर और स्टाॅफ का संकट यहां भी खड़ा हो रहा है.

अस्पताल और संक्रमित स्टाफ का आंकड़ा

अस्पतालसंक्रमित स्टाफ
केजीएमयू618
पीजीआई 210
लोहिया180
बलरामपुर140
सिविल60
लोकबन्धु55
आरएसएम15
आरएलबी20
बीआरडी17
झलकारी बाई12
डफरिन 30
सीएचसी35

इसे भी पढ़ें- कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी ड्यूटी करता रहा चीफ फार्मासिस्ट

लखनऊ: प्रदेशभर में सबसे ज्यादा कोरोना के केस राजधानी लखनऊ में हैं. मरीजों का इलाज करते-करते तमाम डॉक्टर और नर्स कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी हो रही है. ऐसे में दूसरे जिलों के चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जा रही है. राजधानी का केजीएमयू वायरस का हॉट स्पॉट बना हुआ है. डॉक्टरों की कमी के बावजूद चिकित्सकों की भर्ती के परिणाम जारी कर उनकी कमी पूरी नहीं की जा रही हैं. ऐसे में स्थितियां बिगड़ती नजर आ रही हैं.

संस्थान में डॉक्टरों का संकट बरकरार

केजीएमयू के करीब 43 विभागों में लगभग 230 पदों पर शिक्षक भर्ती चल रही है. महीनों पहले मेडिकल संकाय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार हो चुके हैं. कुछ के परिणाम पहले जारी हो चुके हैं. इसके अलावा मेडिकल संकाय में 15 विभागों के 50 पदों पर इन्टरव्यू हुए महीने भर का समय हो चुका है. कार्यपरिषद की बैठक बुलाकर परिणाम जारी किया जाना है. इसी बीच केजीएमयू के कुलपति संक्रमित हो गए और वह लंबे अवकाश पर चले गए. ऐसे में परिणाम ब्रेक पर है. लिहाजा, संस्थान में डॉक्टरों का संकट बरकरार है. वहीं कई डॉक्टर के संक्रमित होने से दिक्कतें और बढ़ गई हैं. सबसे बड़े कोविड अस्पताल में मरीजों के इलाज को लेकर आफत बनी हुई है. संस्थान के प्रो. वीसी डॉ. विनीत शर्मा को मामले की जानकारी के लिए कॉल की गई, तो उनकी नंबर आउट ऑफ नेटवर्क बता रहा था.

आइसोलेशन में डॉक्टर, संकट गंभीर

कोविड मरीजों के इलाज में लगे डाॅक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ पर भी संकट गहरा गया है. कोविड वार्ड में डयूटी करने और अन्य वजहों से डाॅक्टर और स्टाॅफ लगातार पाॅजिटिव हो रहे हैं. वह होम आईसोलेशन में हैं. बलरामपुर कोविड अस्पताल बने करीब 20 दिन से अधिक समय हो चुका है. यहां पर 300 बेड पर मरीजों की भर्ती की जा रही है. कोविड डयूटी करने वाले डाॅक्टर और उनके संपर्क में आए करीब 40 से अधिक डाॅक्टर और 100 से अधिक स्टॉफ संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में डाॅक्टरों की कमी हो गई थी. इसे देखते हुए यहां पर गैर जिलों से 5 डाॅक्टर भेजे गए हैं. लोकबंधु कोविड अस्पताल में 8 डाॅक्टर समेत 50 लोग संक्रमित हो चुके हैं. यहां पर कोविड मरीजों की जांच के लिए लैब टेक्नीशियन और रेडियोलाॅजी विभाग में एक ही कर्मचारी बचा है. यहां दूसरे जिले से 4 डाॅक्टरों की टीम भेजी गई है. लोहिया संस्थान में कोविड डयूटी करने वाले डाॅक्टर और स्टॉफ मिलाकर करीब 100 नर्सेज, कर्मी पाॅजिटिव हो चुके हैं. इसमें करीब 50 से अधिक फैकल्टी, रेजीडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं. डाॅक्टर और स्टाॅफ का संकट यहां भी खड़ा हो रहा है.

अस्पताल और संक्रमित स्टाफ का आंकड़ा

अस्पतालसंक्रमित स्टाफ
केजीएमयू618
पीजीआई 210
लोहिया180
बलरामपुर140
सिविल60
लोकबन्धु55
आरएसएम15
आरएलबी20
बीआरडी17
झलकारी बाई12
डफरिन 30
सीएचसी35

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