लखनऊः सूचना विभाग के प्रकाशन प्रभाग के पूर्व संपादक डॉ. संजय राय का गुरुवार को निधन हो गया. वह कोरोना से संक्रमित थे. परिजनों ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज ली थी. उसके तीन दिन बाद ही बुखार आने पर जांच कराई गई. जिसमें कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई. डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनको ऑक्सीजन के लिए भर्ती कराया गया था. जहां, इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया.
साथियों में काफी लोकप्रिय थे संजय राय
संजय राय अपनी बौद्धिक क्षमताओं के कारण साथियों में काफी लोकप्रिय थे. साहित्य हो या राजनीति या फिर आध्यात्म सभी क्षेत्रों में उनके जैसा कोई नहीं था. साथी बताते हैं कि काशी की बात हो तो वह किसी एन्साइक्लोपीडिया से कम नहीं थे.
गाजीपुर के रहने वाले थे डॉ. राय
डॉ. संजय राय गाजीपुर जनपद के एक बडे जमींदार के इकलौते पुत्र थे. उन्होंने मैट्रिक की शिक्षा वाराणसी से प्राप्त की. उनके दिमाग में काशी रचा बसा हुआ था. बाबा विश्वेश्वर के वह परम् भक्त और शैव परम्परा के प्रकांड विद्वान थे. हालांकि, उन्होंने आगे की शिक्षा दीक्षा प्रयागराज से प्राप्त की. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य से एमए करने के बाद यहीं से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की. इसी दौरान उनका विवाह प्रोफेसर डॉक्टर रामकमल राय की पुत्री के साथ हो गया.
1991 में पहुंचे सूचना विभाग
डॉ. संजय राय ने कमीशंड अधिकारी के रूप में वर्ष 1991 में सूचना विभाग के प्रकाशन प्रभाग में सम्पादक के रूप में कार्य शुरू किया. वर्ष 2019 में प्रयागराज कुम्भ के बाद वह सेवानिवृत्त हुए. उनके सहकर्मी बताते हैं कि सूचना विभाग की सूचना निदर्शनी को संग्रहणीय रूप देने, उत्तर प्रदेश सन्देश को लोकप्रिय रूप देने, प्रकाशन प्रभाग को नयी प्रोफेशनल पहचान देने के लिए वे हमेशा याद किये जायेंगे.
इसे भी पढ़ें- मरीज बोले- गरीबों को देखते तक नहीं, मंत्रियों का होता है इलाज