पीलीभीत: कोरोना महामारी देशभर में अपना कहर बरपा रही है. कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. हालात यह हैं कि श्मशान घाटों पर 24 घंटे चिताएं जल रही है. कोरोना से पैदा हुए बेकाबू हालात डरा रहे हैं. मुश्किल वक्त में जब लोगों को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए तो ऐसे में कहीं न कहीं इंसानियत पर भी कोरोना का कहर नजर आ रहा है. मामला जिले के मोहल्ला देशनगर का है. यहां एक बेटी की मौत के बाद उसे चार कंधे तक नसीब नहीं हुए. ऐसे में एक मजबूर पिता बेटी के शव को ठेले पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान पहुंचा.
पड़ोसियों ने भी नहीं की मदद
मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह तस्वीर पीलीभीत के मोहल्ला देशनगर की है. यहां के निवासी कंचनलाल की 22 वर्षीय बेटी सुमन लंबे अरसे से बीमार थी और उसका इलाज चल रहा था. शनिवार को उसकी स्वभाविक मौत हो गई. उसकी मौत की खबर से मोहल्ले में सन्नाटा पसर गया. कोरोना से मौत समझकर पड़ोसी भी मदद के लिए आगे नहीं आए. ऐसे में दो रिश्तेदार जरूर उसकी मदद के लिए पहुंचे और उन्होंने बेटी के पिता को ढांढस बंधाया. कंचनलाल के सामने बेटी के शव को मुक्ति धाम तक ले जाने और अंतिम संस्कार करने की समस्या थी.
ऐसे में मजबूर पिता कंचनलाल ने किसी तरह एक ठेले का प्रबंध किया और ठेले पर ही कंडे रखकर तीनों लोग बेटी के अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़े. मुक्ति धाम में घंटों इंतजार के बाद उनकी बेटी का अंतिम संस्कार हो सका.
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