अंबेडकर नगर: जिले के कई ब्लॉक में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जैसे जैसे जांच बढ़ रही है, वैसे वैसे मामले की परत दर परत खुलती जा रही है. जांच के बाद जिले के 7 ब्लॉकों के 12 सहायक विकास अधिकारियों यानि कि एडीओ पंचायत के खिलाफ अलग-अलग थानों में प्रशासन द्वारा गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है.
मुकदमा दर्ज होने के बाद सभी अधिकारी फरार हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा दबिश दी जा रही है. साथ ही गबन के सभी आरोपी अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि 4 साल पहले वर्ष 2016 में शासन ने 14वें वित्त आयोग के प्रशासनिक मद के व्यय के लिए खण्ड विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी के सयुंक्त खाते से भुगतान का आदेश दिया था. इसके लिए एडीओ पंचायत द्वारा एकल खाते का संचालन कर धनराशि का आहरण किया जाता रहा, जिसमें कटेहरी ब्लॉक में 96 लाख, भीटी ब्लॉक में 21 लाख से अधिक, बसखारी में 11 लाख, जलालपुर में 12 लाख, रामनगर में 15 लाख से अधिक, भियांव ब्लॉक में 7 लाख और अकबरपुर ब्लॉक में 8 लाख से अधिक के गबन का मामला दर्ज किया गया है. वहीं इन मामले में अलग अलग थानों में 12 सहायक प्रखंड विकास अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है. सभी को निदेशक पंचायतीराज उत्तर प्रदेश ने निलंबित कर दिया है.
इन अधिकारियों के विरुद्ध हुई है कार्रवाई
पंचायतीराज विभाग में गबन को लेकर बृजेश कुमार सिंह, अखिलेश कुमार गौड़, जगदंबा प्रसाद शुक्ला, धनजीत, दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, गुलाब चंद्र पांडे, लाल सिंह साहब, रमाकांत मिश्र, ओमकार नाथ मिश्र, जय प्रकाश सिंह के साथ-साथ एडीओ प्रभारी रहे ग्राम पंचायत अधिकारी पंकज मोहन मिश्र और उमाशंकर के विरुद्ध जिले के अलग अलग थानों में मुकदमा दर्ज हुआ है.
डीएम राकेश कुमार ने बताया कि मामले में जांच कर मुकदमा दर्ज कराया गया है. सबसे पहले कटेहरी में मामला संज्ञान में आया था, जिसके बाद अन्य ब्लॉकों में भी जांच कराई गई है. जहां कुछ अनियमितता सामने आई है. आरोपी अधिकारियों की तलाश के लिए पुलिस दबिश दी जा रही है.